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हरित हाइड्रोजन के विकास से आ सकती है भारत में परिवहन क्रांति

मेरठ

 03-01-2023 10:38 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

जीरो (Zero) अर्थात शून्य का वास्तव में कोई अस्तित्व होता है या नहीं यह सदैव ही चर्चा का विषय रहा है। हालांकि, यदि परीक्षा के परिणामों और व्यापारिक लाभ के संदर्भ में देखा जाए, तो शून्य एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंक साबित हुआ है। इसी संदर्भ में यह जानने का प्रयास करते हैं कि 2026 तक पांच ट्रिलियन (ट्रिलियन) अर्थात पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना देखने वाली, भारत सरकार आखिर 2070 तक किस चीज को पूरी तरह से शून्य (Net-Zero) करने के लिए कौन सा महत्वपूर्ण कार्य करने जा रही है ? चलिए जानते हैं कि शून्य पर पहुंचने पर एक देश कैसे शक्तिशाली वैश्विक नेता बन सकता है? हाल ही में भारत ने मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (UN climate summit ) के दौरान 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट-शून्य करने के अपने लक्ष्य की घोषणा की है और इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल बनने की दिशा में ,2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट (GW) तक बढ़ाने का इरादा अभिव्यक्त किया। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, भारत हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र (Green Hydrogen Ecosystem) को विकसित करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है ।
दरसल हरित या ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जो अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर या पवन ऊर्जा का उपयोग करके पानी की विद्युत-अपघटन ( Electrolysis) प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होता है। विद्युत-अपघटन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक यौगिक को उसके घटक तत्वों में विभाजित करने के लिए विद्युत प्रवाह का उपयोग किया जाता है। ग्रीन हाइड्रोजन को एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, क्योंकि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन केवल नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके ही किया जाता है और इसकी उत्पादन प्रक्रिया के दौरान ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन नहीं होता है। , 2021 में घोषित, भारत के हरित हाइड्रोजन मिशन (Green Hydrogen Mission) का उद्देश्य देश में तेजी से हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का विस्तार करना और देश को हरित हाइड्रोजन केंद्र बनाना है। इसके तहत भारत सरकार ने 2047 तक सालाना 25 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। भारत अगले दशक में 175 GW हरित हाइड्रोजन-आधारित ऊर्जा जोड़ने तथा 2030 तक पाँच मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने की योजना बना रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से उत्पादित होने वाली हरित हाइड्रोजन, इस्पात और उर्वरक जैसे क्षेत्रों से उत्सर्जन को शून्य करने में मदद कर सकती है।
अगस्त 2021 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की और तब से भारत में नीति और उद्योग दोनों क्षेत्रों में कई विकास हुए हैं। मुकेश अंबानी और गौतम अडानी सहित देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने भी भारत को हरित हाइड्रोजन का केंद्र बनाने की योजना की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य द्वारा संचालित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) ने भी स्वच्छ ऊर्जा उत्पादक रिन्यू पावर और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Renew Power and Engineering Company Larsen & Toubro) के साथ हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए साझेदारी की घोषणा की है। साथ ही कई निजी फर्मों ने भी हरित हाइड्रोजन बाजार में प्रवेश करने की योजना की घोषणा की है। भारत और चीन सहित कई विकासशील देशों ने, हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के अवसर को भुनाने की कोशिश की है, क्योंकि कोयले से चलने वाली बिजली की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, की लागत सस्ती हो गई है।
यद्यपि समय के साथ बाज़ार में हरित हाइड्रोजन की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि यह तुरंत ही परिवहन और उद्योग की पहली पसंद बन जाए। हालांकि वैश्विक हरित हाइड्रोजन बाजार का मूल्य जो 2021 में 1.83 बिलियन डॉलर था 2030 तक 89.18 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचने का अनुमान है, इस प्रकार यह 2021 से 2030 तक 54% तक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इसके अलावा जब तक हाइड्रोजन का उत्पादन पूरी तरह से उत्सर्जन मुक्त नहीं हो जाता, तब तक यह सुझाव दिया जाता है कि बाजार द्वारा ग्रे हाइड्रोजन (Gray Hydrogen) पर भी विचार किया जाना चाहिए, जो निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न होता है। हालांकि, भारत सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और अन्य उपायों जैसे अंतरराज्यीय विद्युत हस्तांतरण के लिए वित्तीय छूट, ऊर्जा पार्कों और विनिर्माण क्षेत्रों में सस्ती भूमि के माध्यम से भी हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। हरित हाइड्रोजन के निर्यात के लिए भारत सरकार अन्य देशों की सरकारों के साथ भी बातचीत कर रही है। दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के तीसरे सबसे बड़े उत्सर्जक माने जाने वाले भारत की, कम लागत वाली नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता, सरकार की कार्बन मुक्त हाइड्रोजन महत्वाकांक्षाओं के पीछे एक प्रेरक शक्ति रही है।

संदर्भ

https://bit.ly/3YX3mqj
https://bit.ly/3Id2Oq9
https://bit.ly/3Z2ux2Q

चित्र संदर्भ

1. हरित ऊर्जा उत्पादन को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. हाइड्रोजन सिस्टम को दर्शाता एक चित्रण (ISPI)
3. हाइड्रोजन के अनुप्रयोगों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. हाइड्रोजन संचालित बस को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
5. हाइड्रोजन अणु प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन बादल दिखा रहा है को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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