क्या हैं श्री कृष्ण की छवि में निहित गहरे अर्थ

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
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क्या हैं श्री कृष्ण की छवि में निहित गहरे अर्थ

सनातन पंथों की कला और वास्तुकला के कार्यों में भगवान श्रीकृष्ण अक्सर दिखाई देते हैं। श्री कृष्ण, हिंदू भगवान श्रीहरि विष्णु के कई अवतारों (रूपों या अभिव्यक्तियों) में से एक हैं, जिन्होंने ब्रह्मांड में संतुलन और सद्भाव स्थापित करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था। अपनी अधिकांश छवियों में श्री कृष्ण नीले रंग की त्वचा तथा अक्सर पीले या नारंगी रंग के कमरबंध और मोर पंखों से अलंकृत मुकुट पहने हुए दर्शाये जाते हैं। उनका चरित्र शक्तिशाली, शरारती, मौज-मस्ती करने वाला, चुलबुला और महान आराध्य के तौर पर चित्रित किया जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप के कई हिस्सों में वास्तुकला, चित्रों, मूर्तिकला और वस्त्रों में श्री कृष्ण के प्रतिरूप दिखाई देते हैं। श्री कृष्ण की कहानियां भागवत पुराण और गीत-गोविंदा सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों का मुख्य विषय हैं। महाकाव्य महाभारत (भगवद गीता) में श्री कृष्ण, पाण्डव योद्धा अर्जुन के सारथी की भूमिका भी निभाते हैं। श्री कृष्ण के चित्रण, समय, अवधि, क्षेत्र, सामग्री और उत्पादन के तरीकों के साथ-साथ शैलियों में बहुत भिन्न-भिन्न होते हैं। कभी-कभी हम उन्हें एक आराध्य, तो कभी एक आकर्षक गोल-मटोल बच्चे के रूप में भी देखते हैं। श्री कृष्ण की इस तरह की अति यथार्थवादी तथा आदर्शीकरण छवियां, 20वीं सदी की शुरुआत में बहुत लोकप्रिय हुईं और स्थानीय बाजारों तथा हिंदू धार्मिक कैलेंडर में सस्ते प्रिंट के रूप में प्रसारित हुईं। गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले श्री कृष्ण की कहानी, कला के कार्यों के लिए एक लोकप्रिय विषय है। इन कला कृतियों में ब्रज के कृतज्ञ निवासी, श्री कृष्ण को चारों ओर से घेरे हुए हैं, जिनमें असंख्य मानव आकृतियाँ और गायें भी शामिल हैं। गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले श्री कृष्ण के चित्रण, वैष्णव भक्तों के पुष्टिमार्ग संप्रदाय के बीच सबसे अधिक प्रतिष्ठित हैं। श्री कृष्ण के जीवन की एक और प्रसिद्ध कहानी, कला के कार्यों में ज्यादातर दिखाई देती है, जिसमें उन्होंने यमुना नदी में स्नान कर रही ग्वालिनों (गोपियों) के कपड़े चुरा लिए थे। श्री कृष्ण की आकृति आज भी दक्षिण एशिया में रहने और काम करने वाले कई कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है, और आध्यात्मिक श्रद्धा तथा भक्ति के एक शक्तिशाली विषय के रूप में कार्य कर रही है। ब्रज क्षेत्र में रहने वाली गोपियों के साथ श्री कृष्ण की रासलीला भी श्री कृष्ण के कई चित्रणों के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं। सभी गोपियों में राधा रानी, श्री कृष्ण को सबसे अधिक प्रिय हैं, और कई भक्तों द्वारा अपने आप में एक देवी (विशेष रूप से, देवी लक्ष्मी का अवतार) मानी जाती हैं। 12 वीं शताब्दी में लेखक जयदेव द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक पाठ ‘गीत गोविंदा’ में श्री कृष्ण और राधा के बीच प्रेमपूर्ण और कभी-कभी विवादास्पद संबंधों का कविता के रूप में वर्णन किया गया है। वास्तव में, कृष्ण शब्द का अर्थ ही अत्यंत व्यापक है । ‘कृष' का अर्थ है ‘आकर्षण', और ना का अर्थ है आनंद, । संक्षेप में इसका अर्थ है कि श्री कृष्ण आनंद का वह स्रोत हैं, जो आपको अपनी ओर खींचते है।आइए, जानते हैं भगवान श्री कृष्ण के उन चित्रणों के बारे में, जो अत्यंत लोकप्रिय हैं- भगवान श्री कृष्ण के लोकप्रिय चित्रण: १. बाल कृष्ण: तंजौर पेंटिंग (Tanjore Painting) में भगवान श्री कृष्ण का बाल रूप अत्यंत लोकप्रिय विषय हैं। बाल का अर्थ है, बच्चा या वह जो सदा जवान रहे। इस शब्द को हम नएपन और ताजगी से भी जोड़ सकते हैं। जब हमारे मन में ताजगी होती है, तो हमारी आत्मा इतनी भोली, ताजी और नई हो जाती है कि आप खुद को नया, तरोताजा, ऊर्जा और उत्साह से भरपूर महसूस करने लगते हैं। बाल कृष्ण, एक ऐसा आकर्षण है जो परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को बांधे रखता है। श्री कृष्ण का यह रूप आनंद और खुशी का प्रतिनिधित्व करता है, जो अपने साथ सद्भाव लाता है। २.पत्ते पर श्री कृष्ण: पत्ते पर श्री कृष्ण सृजन की शुरुआत के प्रतीक है। ब्रह्मांडीय महासागर में पीपल के पत्ते पर तैरते हुए अल्लिले श्री कृष्ण या बाल श्री कृष्ण सृष्टि की शुरुआत के प्रतीक हैं। अपने इस चित्र में श्री कृष्ण अपने ही पैर के अंगूठे को चूस रहे हैं । एक अर्थ में जिसका मतलब यह भी है कि वे बेहद लचीले और अत्यंत शुद्ध हैं। ३. माखन चोर के रूप में श्री कृष्ण: श्री कृष्ण बेहद प्यार से माखन खाते हैं। माखन अपने आप में दूध से निकला हुआ सबसे शुद्ध उत्पाद होता है। श्री कृष्ण के मक्खन खाने का प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि जब आपके मन का मंथन किया जाता है और हर भ्रम दूर हो जाता है, तो हृदय मक्खन की तरह कोमल और शुद्ध हो जाता है। ऐसा शुद्ध एवं पवित्र हृदय परमात्मा से आपका मिलन कराने के लिए पर्याप्त है। ४. श्री कृष्ण का विश्वरूप: विश्वरूप के चित्र में असुर, ऋषि, नाग सहित सृष्टि के कई पहलू जैसे ढेरों लौकिक तत्व, यह कहने के लिए दर्शाए गए हैं कि वे सभी परमात्मा के रूप का ही हिस्सा हैं। श्री कृष्ण विरुपाक्ष भी हैं और विश्वरूप भी। ५. वेणु गोपाल श्री कृष्ण: वेणु गोपाल का अर्थ है “बांसुरी के साथ खड़े श्री कृष्ण” । जब बांसुरी खोखली और खाली हो, तो हम संगीत आसानी से बजा सकते हैं। लेकिन यदि बांसुरी में तिनके जितनी भी कोई चीज भर दी जाए, तो उसमें से कोई भी संगीत नहीं निकलेगा। इसी प्रकार जब हमारा मन भी सभी विकारों से रिक्त हो जाता है, तो परमात्मा बड़ी आसानी से और स्वाभाविक रूप से हमारे द्वारा अपनी धुन बजा सकता है। ६.यशोदा कृष्ण: ‘यशोदा कृष्ण’ रूप अपने बच्चे के लिए माँ के सबसे सुंदर और बिना शर्त प्यार का प्रतीक हैं। “नटखट, प्यारा बच्चा फिर भी माँ का बिना शर्त पूर्ण प्यार” इसलिए जो कोई भी इसे देखता है वह इसे तुरंत महसूस करता है। इसके अतिरिक्त श्री कृष्ण के विट्ठल, वसुदेव कृष्णा, दशावतार,दरबार कृष्णा एवं गोपी कृष्णा रूप भी अत्यधिक प्रचलित है जो अपने आप में गहन अर्थ निहित किए हुए हैं। श्री कृष्ण से जुड़े कई लोकप्रिय पर्वों में से एक श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हमारे मेरठ जिले के विभिन्न मंदिरों में भी भव्य आयोजन होते हैं। इस अवसर पर मेरठ के ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर में सुंदर और विशेष फूलों से श्री राधा-कृष्ण का फूल बंगला सजाया जाता है। इस वर्ष भी सजावट के लिए वृंदावन से दस कारीगर बुलाए गए थे। अनुमान है कि लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में कान्हा जी के दर्शन किये थे। इस अवसर पर थापर नगर स्थित श्री कृष्ण मंदिर में भी भव्य सजावट की गई थी। गंज बाजार सदर स्थित श्री वामन भगवान मंदिर में भी ठाकुर जी की पोशाक, विशेष रूप से वृंदावन से तैयार कर मंगाई गई थी। श्री वामन भगवान मंदिर से निकली शोभायात्रा में श्री कृष्ण व राधा कीअष्ट सखियों सहित, सुंदर झांकी सजाई गई थी।

संदर्भ
https://bit.ly/3OUg3NW
https://bit.ly/3B5da7b
https://bit.ly/3XPPhud
https://bit.ly/3B3aBCu

चित्र संदर्भ
1. माखन चुराकर पकड़े गए श्री कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मां यशौदा के साथ बाल कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. झूला झूलते राधा-कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (Creazilla)
4. बाल कृष्ण: तंजौर पेंटिंग को दर्शाता एक चित्रण (amazon)
5. पत्ते पर श्री कृष्ण: को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. माखन चोर के रूप में श्री कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. श्री कृष्ण के विश्वरूप: को दर्शाता एक चित्रण (WallpaperUse)
8. वेणु गोपाल श्री कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. यशोदा कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)