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क्या एंटीरेट्रोवाइरल दवाएं एचआईवी संक्रमण को जड़ से खत्म कर सकती है?

मेरठ

 01-12-2022 11:50 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

भारतीय संस्कृति में स्वस्थ जीवन को समस्त दुनियादारी से प्रधान माना गया है। अर्थात यदि परिवार के किसी सदस्य को कोई भी शारीरिक अथवा मानसिक परेशानी होतीहै, तो समस्त कार्यों को छोड़कर उस बीमार सदस्य को वरीयता दी जाती है, भले ही उसके लिए परिवार को कोई भी कीमत चुकानी पड़े। लेकिन सबसे बड़ा दुःख लोगों पर तब उमड़ता है, जब किसी सदस्य को ऐसा रोग पकड़ जाए जो असाध्य हो अथवा उस रोग की कोई दवा या इलाज ही नहीं खोजा गया हो। एचआईवी संक्रमण /एड्स (HIV Infection / AIDS) भी ऐसी ही असाध्य बिमारियों में से एक था।
आज तक एचआईवी या एड्स का कोई ठोस इलाज नहीं खोजा जा सका है। हालांकि, ‘उपचार की खोज और एचआईवी कैसे बढ़ता है’ इसकी नैदानिक समझ में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आज एचआईवी संक्रमण का मुख्य उपचार एंटीरेट्रोवाइरल दवाइयां (Antiretroviral Drugs) हैं। ये दवाइयां वायरस को दबा देती हैं और शरीर में इसकी प्रगति को धीमा कर देती हैं। हालांकि, वे शरीर से एचआईवी को पूरी तरह से खत्म नहीं करती हैं। एंटीरेट्रोवायरल दवा सफल होने पर एक संक्रमित व्यक्ति के जीवन में कई स्वस्थ, उत्पादक वर्ष जोड़ सकती है और दूसरों में संक्रमण के खतरे को भी कम कर सकती है। एचआईवी इलाज अनुसंधान क्षेत्र अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक के प्रारंभ में, एचआईवी अनुसंधान प्रतिष्ठानों ने वायरस के उपचार और रोकथाम पर अपनी ऊर्जा और संसाधनों का बड़ा हिस्सा केंद्रित किया। वास्तव में, एचआईवी का इलाज करना आमतौर पर एक दूर का सपना माना जाता था। फिर, 2008 में, जर्मन वैज्ञानिकों ने पहले मामले की घोषणा की जिसे अंततः वायरस का सफल इलाज माना गया।
चिकित्सक बर्लिन (Berlin) में रहने वाले एक अमेरिकी व्यक्ति टिमोथी रे ब्राउन (Timothy Ray Brown) के एचआईवी संक्रमण का इलाज करने में सफल रहे थे ।इसी बीचचिकित्सकों को तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया, या एएमएल (Acute Myeloid Leukemia, or AML) का भी पता चला जिसने ब्राउन को अपने रक्त कैंसर के इलाज के लिए स्टेम सेल “Stem Cell” (अस्थि मज्जा) प्रत्यारोपण के लिए प्रबल उम्मीदवार बना दिया। चिकित्सकों को एक स्टेम सेल डोनर (Stem Cell Donor) मिला जो न केवल ब्राउन के लिए एक अच्छा आनुवंशिक मैच था, बल्कि जिसमें CCR5-delta32 म्यूटेशन (Mutation) भी था। पहले उन्होंने ब्राउन की प्रतिरक्षा प्रणाली को, पूर्ण-खुराक कीमोथेरेपी (Full-Dose Chemotherapy) और पूर्ण-शरीर विकिरण के साथ नष्ट कर दिया। फिर उन्होंने स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant) के जरिए प्रभावी रूप से उसे डोनर का इम्यून सिस्टम दिया। इसने ब्राउन के एचआईवी को पूर्णत: ठीक कर दिया। इसके बाद उनके शरीर में कोई भी शेष वायरस उनकी नई प्रतिरक्षा कोशिकाओं को संक्रमित करने में असमर्थ था। इस पद्धति की सहायता से कुछ वर्षों के अंदर ही चार अन्य लोगों में इलाज, या संभावित इलाज हुआ है। सामान्यतया एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी शुरू करने वाले लोगों के लिए निर्धारित उपचारों को पांच वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
1. न्यूक्लियोसाइड / न्यूक्लियोटाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्ट इनहिबिटर (Nucleoside/Nucleotide Reverse Transcript Inhibitors (NRTIs): एनआरटीआई एंजाइम रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस (Reverse Transcriptase) का उपयोग करके वायरस की डीएनए श्रृंखला के पुनर्निर्माण में बाधा डालकर एचआईवी युक्त कोशिकाओं को स्वयं की प्रतियां बनाने से रोकते हैं ।
2. इंटीग्रेज स्ट्रैंड ट्रांसफर इनहिबिटर्स (Integrase Strand Transfer Inhibitors (INSTIs): INSTI ‘इंटेग्रेज’ नामक एक एंजाइम (जिसका उपयोग एचआईवी डीएनए को सीडी4 टी कोशिकाओं के अंदर मानव डीएनए में डालने के लिए करता है।) को निष्क्रिय कर देता है। INSTI दवाओं की एक श्रेणी से संबंधित हैं जिन्हें इंटीग्रेज इनहिबिटर (Integrase Inhibitors) के रूप में जाना जाता है। INSTI अच्छी तरह से स्थापित दवाएं हैं।
इंटीग्रेज इनहिबिटर की अन्य श्रेणियां, जैसे कि इंटीग्रेज बाइंडिंग इनहिबिटर (INBI), प्रायोगिक दवाएं मानी जाती हैं। इसलिए, अधिकांश स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर आज एक साथ कई एचआईवी दवाएं लिखते हैं।
3- प्रोटीज अवरोधक (पीआई) (Protease Inhibitors पीआई प्रोटीज (एक एंजाइम जिसकी एचआईवी को अपने जीवन चक्र के हिस्से के रूप में आवश्यकता होती है) को निष्क्रिय कर देते हैं।
दो या दो से अधिक एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं के संयोजन को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy) कहा जाता है। यह एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए आज निर्धारित विशिष्ट प्रारंभिक उपचार है। इस शक्तिशाली चिकित्सा को पहली बार 1995 में पेश किया गया था। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी के कारण, संयुक्त राज्य अमेरिका में एड्स से होने वाली मौतों में 1996 और 1997 के बीच 47 प्रतिशत की कमी आई थी। एचआईवी उपचार के लिए दवा का नियमित पालन भी महत्वपूर्ण है। यदि एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति निर्धारित समय अनुसार अपनी दवाएं नहीं लेता है, तो यह दवाएं उनके लिए काम करना बंद कर सकती हैं और वायरस फैलना शुरू हो सकता है। अनुपालन के लिए प्रत्येक खुराक को हर दिन लेने की आवश्यकता होती है। अब एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) दवाओं के कारण एड्स महामारी से संक्रमित लोग अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं।
लैंसेट एचआईवी जर्नल (Lancet HIV Journal) के एक अध्ययन से पता चलता है कि एआरटी उपचार पर एचआईवी के साथ जीने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा "सामान्य के करीब" होती है। हालांकि, इसका मतलब यह भी है कि एचआईवी से पीड़ित लोग अधिक लंबे समय तक जीवित रह रहे हैं और बूढ़े हो रहे हैं, इसलिए एचआईवी के साथ रहने वाले वृद्ध लोगों की संख्या बढ़ने की संभावना है। 2014 में, वैश्विक स्तर पर एचआईवी से पीड़ित लगभग 13% लोग 50 वर्ष से अधिक आयु के थे। इनमें से कई वृद्ध लोगों को अधिक कमजोरियों वाली वृद्ध महिलाएं माना जाता है। इसकेअतिरिक्त , लगभग 17% नया एचआईवी संक्रमण 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है । वृद्ध लोगों के लिए एचआईवी संक्रमण के खतरे और दुष्परिणाम उतने ही गंभीर हैं जितने कम आयु वर्ग के लिए हैं।
भारत में, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के अनुमान के अनुसार, 2019 में एड्स की व्यापकता दर 0.22% थी, जो वैश्विक तुलना में कम है। फिर भी, 1.3 बिलियन से अधिक की कुल आबादी के कारण, भारत में अभी भी बड़ी संख्या में लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। एड्स के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया में असमानताओं को दूर करने के लिए, विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) भी आवश्यक कार्रवाई का आह्वान करता है। प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से एचआईवी संक्रमण (HIV Infection) के प्रसार के कारण होने वाली एड्स महामारी के प्रति जागरूकता फ़ैलाने और बीमारी से मरने वालों का शोक मनाने के लिए समर्पित है।

संदर्भ
https://bit.ly/3XL2LYc
https://bit.ly/3EOqeiu
https://to.pbs.org/3uhV0v3
https://bit.ly/3ir1K7v

चित्र संदर्भ
1. एड्स के इलाज को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. एनआईएआईडी का 2016 का एक विज्ञापन एकल-गोली एंटीरेट्रोवाइरल दवा संयोजनों की उन्नति को बढ़ावा देता है, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. टिमोथी रे ब्राउन (Timothy Ray Brown) के एचआईवी संक्रमण का इलाज करने में सफल रहे थे, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. स्टेम सेल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. एचआईवी रैपिड टेस्ट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. यूएसएआईडी के प्रशासक राजीव शाह को सफदरजंग अस्पताल का दौरा करते हुए दर्शाता एक चित्रण (flickr)

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