Post Viewership from Post Date to 27-Oct-2022 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1830 12 1842

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारत में सोने की कीमत को प्रभावित करता है, धनतेरस

मेरठ

 22-10-2022 10:36 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

सोना और सोने के आभूषण भारतीय परंपरा के अभिन्न अंग हैं। सोने को सौभाग्य, समृद्धि, बहुतायत और शुभता का प्रतीक माना जाता है। वास्तव में लोग सोने को धन की देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में देखते हैं। चाहे किसी को शादियों में सोने के गहने उपहार में देने हों, या विशेष अवसरों पर सोने के गहने पहनने हों, सोना भारतीय परिवारों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। लोगों ने हमेशा से ही धनतेरस के दिन सोना खरीदना पसंद किया है। धन के प्रतीक के रूप में लोग सोने और चांदी के गहने तथा सिक्के खरीदते हैं, क्यों कि ऐसा माना जाता है कि ये धन-धान्य और समृद्धि से परिपूर्ण करते हैं। धनतेरस की एक कथा के अनुसार बहुत समय पहले हिमा नाम का एक राजा हुआ करता था। तथा उसका सोलह वर्ष का एक पुत्र था। एक ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी की थी, कि सोलह वर्ष की आयु में एक सांप द्वारा काटे जाने पर राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी। यह भविष्यवाणी सुनकर राजकुमार और उसकी पत्नी बहुत दुखी हुए तथा इसका कोई हल ढूंढने लगे। राजकुमार की पत्नी बुद्धिमान और चालाक थी, तथा उसने अपने पति को बचाने के लिए एक योजना तैयार की। उसने अपना सारा सोने का खजाना इकट्ठा किया और सांप के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने के लिए सामने के दरवाजे के आगे उसका ढेर इकठा कर दिया, तथा राजकुमार को पूरी रात अपने साथ जागने को कहा। राजकुमार के अंतिम समय में मृत्यु के देवता, भगवान यम उसे लेने पहुंच गए, तथा सांप का वेश धारण कर लिया। चूंकि गहनों के ढेर ने रास्ता बंद कर दिया था, इसलिए सांप अंदर प्रवेश नहीं कर पाया। दूसरी ओर राजकुमारी सुंदर धुनें भी गा रही थी, जिसकी वजह से सांप उन्हें सुनने में व्यस्त हो गया। गहनों की चमक के कारण सांप को कुछ भी दिखाई नहीं दिया। इस प्रकार भगवान यम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। राजकुमार अपनी पत्नी की सहायता से मृत्यु से बचने में सक्षम हुआ। इसलिए धनतेरस के दिन लोग सोना खरीदते हैं, तथा उसे पूजा में रखते हैं। इस दिन मुख्य द्वार के सामने यम नामक दीप भी जलाया जाता है, ताकि भगवान यम और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। पिछले एक दशक में एक निवेश के रूप में सोना बहुत अधिक पसंद किया गया है। 10 साल पहले धनतेरस पर खरीदे गए सोने से अब तक 6.56 फीसदी का सालाना रिटर्न मिल रहा है। पिछले 10 वर्षों में यह लागत मुद्रास्फीति सूचकांक में 5.6% की वार्षिक वृद्धि से अधिक आंकी गई है। हालांकि सोना पिछले एक दशक में मुद्रास्फीति को मात देने में कामयाब रहा है, लेकिन अन्य परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में इसने अच्छा प्रभाव नहीं दिखाया है। अक्टूबर 2011 से बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) लगभग 13% बढ़ा है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले 10 साल की अवधि में 2015 और 2020 के बीच खरीदे गए सोने ने दो अंकों का रिटर्न दिया है। दूसरी ओर, पिछले एक साल में सोने की कीमतें स्थिर रही हैं और इसने नकारात्मक रिटर्न दिया है। इस कीमती धातु ने पिछले 75 वर्षों में सोने के निवेशकों को 54,000 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है क्योंकि स्वतंत्रता के बाद से सोने की कीमत खुदरा बुलियन बाजार में 88.62 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर से बढ़कर 48,000 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार बुलियन मेटल (Bullion) पर निवेश करना एक अच्छा विकल्प है, क्यों कि इक्विटी (Equity), बॉन्ड (Bond) आदि जैसे अन्य निवेश जोखिम भरे होते हैं, खासकर तब जब कोविड -19 महामारी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हालांकि, सोने के निवेश के महत्व को 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद महसूस किया गया था। दुनिया भर के लोगों को यह पता चल चुका है, कि जब इक्विटी, बॉन्ड आदि जैसे अन्य निवेश अप्रभावी होने लगते हैं, तब निवेश के लिए सोने पर निर्भर हुआ जा सकता है। 2008 तक, सोने की कीमत लगभग 12,500 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, लेकिन उसके बाद वैश्विक स्तर पर सोने के निवेश में भारी वृद्धि हुई। इसलिए, सोने की कीमत 2008 में 12,500 रुपए प्रति 10 ग्राम से बढ़कर आज के खुदरा बुलियन बाजार में 48,000 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है।" सोने के निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर निवेश 9-10 साल की अवधि के लिए है तो कीमती धातु कम से कम 9-10 फीसदी सालाना रिटर्न देती है। सोने के निवेशकों को सोने के ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड (ETF, Gold Bonds) आदि जैसे भौतिक सोने के विकल्पों के अलावा अन्य विकल्पों को भी देखना चाहिए क्योंकि यह उन्हें कुछ अतिरिक्त विलासिता प्रदान करता है। सोना भारतीयों के बीच एक पसंदीदा निवेश विकल्प रहा है और यह एक आकर्षक और सम्मानजनक निवेश साधन था जब भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। भारत में सोने की कीमतें लगभग 50,200 रुपए प्रति 10 ग्राम तक कम हो गईं हैं, जो कि इस महीने का सबसे निचला स्तर है। कीमतों में गिरावट के बाद धनतेरस और दिवाली त्योहार से पहले भारत में सोने की खरीदारी में सुधार हुआ है। भारत में सोने के डीलरों ने इस सप्ताह आधिकारिक घरेलू कीमतों पर प्रीमियम वसूल किया क्योंकि कीमतों में गिरावट के साथ इसकी मांग में सुधार हुआ। भारत में सोने की दरों में 15% आयात शुल्क और 3% GST शामिल है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3CUq2gq
https://bit.ly/3CSvNLD
https://bit.ly/3SkZniw
https://bit.ly/3MSvS6Y

चित्र संदर्भ
1. आभूषणों की दुकान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. प्रतिमाएं खरीदती महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मेरठ में सोने के दामों को दर्शाता एक चित्रण (google)
4. सोने के खरीदारी करती महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (flickr)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, यूपी बोर्ड से लेकर आई बी तक, कौन सा विकल्प है छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     11-11-2024 09:35 AM


  • आइए, आनंद लें, काबुकी नाट्य कला से संबंधित कुछ चलचित्रों का
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     10-11-2024 09:32 AM


  • एक प्रमुख व्यावसायिक फ़सल के रूप में, भारत में उज्जवल है भविष्य, गन्ने का
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:30 AM


  • पारिस्थितिकी तंत्र के लिए, अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, 'रामसर सूची' में नामित आर्द्रभूमियाँ
    जंगल

     08-11-2024 09:26 AM


  • प्रोटॉन बीम थेरेपी व ट्रूबीम थेरेपी हैं, आधुनिक कैंसर उपचारों के नाम
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:23 AM


  • आइए जानें, धरती पर क्या कारनामे कर रहा है, प्लूटोनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:15 AM


  • भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग, आज कहाँ खड़ा है?
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     05-11-2024 09:44 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id