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मनुष्य एक बहुकोशिकीय जीव है। अर्थात सैकड़ों-हजारों कोशिकाओं से मिलकर एक इंसानी शरीर
का निर्माण होता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की इंसानों के प्रारंभिक पूर्वज एकल
कोशिकीय जीव थे। और इसके बाद, एक कोशिका वाले जीव से बहुकोशिकीय जीव के रूप में
संक्रमण को जीवन के विकास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है।
माना जाता है की एककोशिकीय से बहुकोशिकीय जीवन में संक्रमण पहली बार 1.5 अरब साल
पहले हुआ था। इसके बाद बहुकोशिकीयता में बदलाव ने पृथ्वी पर तेजी से जटिल जीवन के
विभिन्न रूपों जैसे प्राचीन शैवाल से लेकर डायनासोर और फिर इंसानों तक को जन्म दिया। लेकिन
इसके बाद भी, इस जैविक बदलाव में अंतर्निहित कई प्रक्रियाएं अस्पष्ट बनी हुई हैं।
इस संक्रमण से संबंधित एक सिद्धांत यह मानता है कि एकल-कोशिका वाले जीवों ने अनुकूलन
की एक विशिष्ट श्रृंखला के माध्यम से बहुकोशिकीयता विकसित की है। दरसल शोधकर्ताओं ने
क्लेमाइडोमोनास रेनहार्ड्टी (chlamydomonas reinhardtii) एक एककोशिकीय हरी शैवाल के
दस उपभेदों को, दो समूहों में विभाजित किया। इसमें से एक समूह को एक सूक्ष्म शिकारी के अधीन
किया गया, जिसे ब्रैचियोनस कैलीसीफ्लोरस (brachionus caliciflorus) कहा जाता है।
वही
दूसरा समूह शिकारियों के बिना विकसित हुआ। छह महीने के बाद, शिकारी का सामना करने वाले
सभी शैवाल उपभेद कोशिका समूहों में विकसित हो गए थे। वही दूसरी ओर शिकारियों के बिना 10
शैवाल उपभेदों में से केवल चार ही समूहों में विकसित हो पाए। हैरानी की बात है कि साधारण
बहुकोशिकीयता की ओर यह संक्रमण अपेक्षाकृत तेज़ी से हुआ। इससे यह स्पष्ट हुआ की कोशिका
समूहों ने शिकारियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए वे अपनी प्रजनन दर बढ़ाने में भी
सक्षम थे।
पृथ्वी पर सर्वप्रथम ज्ञात एकल-कोशिका वाले जीव (single-celled organisms) लगभग 3.5
अरब साल पहले यानि पृथ्वी के बनने के लगभग एक अरब साल बाद दिखाई दिए। जीवन के
अधिक जटिल रूपों को विकसित होने में अधिक समय लगा। अर्थात पहले बहुकोशिकीय जानवर
लगभग 600 मिलियन वर्ष पहले तक प्रकट नहीं हुए थे। एक सिद्धांत यह मानता है कि एकल-
कोशिका वाले जीवों ने अनुकूलन की एक विशिष्ट श्रृंखला के माध्यम से ही बहुकोशिकीयता
विकसित की है।
सरल, एककोशिकीय रोगाणुओं से बहुकोशिकीय जीवन का विकास पृथ्वी पर जीव विज्ञान के
इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, और इसने ग्रह की पारिस्थितिकी को काफी हद तक बदल दिया
"एककोशिकीय जीव स्पष्ट रूप से सफल हैं। जैसे एक कोशिकीय जीव बहुकोशिकीय जीवों की
तुलना में बहुत अधिक प्रचुर मात्रा में हैं, और कम से कम अतिरिक्त 2 बिलियन वर्षों से पृथ्वी पर
रह रहे हैं।" लेकिन फिर बहुकोशिकीय होने और इस तरह रहने का क्या फायदा है?
इस प्रश्न का उत्तर “आपसी सहयोग” है, क्योंकि कोशिकाओं को अकेले रहने की तुलना में एक साथ
काम करने से अधिक लाभ होता है।
कुछ साल पहले, एक नई उल्लेखनीय परिकल्पना ने वैज्ञानिक क्षेत्र में काफी लोकप्रियता बटोरी,
जिसके अनुसार जीवन भौतिकी का एक अनिवार्य परिणाम है। इस अवधारणा के लेखक, जेरेमी
इंग्लैंड (Jeremy England) नामक और एमआईटी में बायोफिज़िक्स के एक सहयोगी प्रोफेसर
(Associate Professor of Biophysics at MIT, USA) ने अब इस विचार का परीक्षण करने वाले
पहले प्रमुख पेपर प्रकाशित किए है।
उनकी परिकल्पना को भौतिकी और जीव विज्ञान के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु माना जा रहा है। इसे
"अधिकतम एन्ट्रापी (maximum entropy)" के रूप में जाना जाता है, जहां सब कुछ ऊर्जा स्तर
पर संतुलित होता है। उदाहरण के तौर पर पानी के एक पूल के बारे में कल्पना कीजिये जिसमें तीन
रंग गिराए गए हों। प्रारंभ में, वे अलग-अलग बिंदुओं के रूप में दूर-दूर रहते हैं, लेकिन समय के साथ,
रंग फैलते हैं, मिश्रित होते हैं, और अंत में, केवल एक ही रंग शेष रह जाता है। जेरेमी इंग्लैंड के
अनुसार यही बिंदु “ब्रह्मांड” है।
अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन (state-of-the-art computer simulation) का उपयोग करते
हुए, इंग्लैंड और उनके सहयोगियों ने बुनियादी रासायनिक यौगिकों को प्रारंभिक-पृथ्वी जैसे
वातावरण में रखा। और उनका शोध यह दर्शाता है कि जब बाहरी ऊर्जा स्रोत, सूर्य द्वारा संचालित
होता है, तो इस मामले में, ये परमाणु ऊर्जा को अधिक कुशलता से अवशोषित और उत्सर्जित करने
के लिए खुद को पुनर्व्यवस्थित करते हैं। शायद सबसे उल्लेखनीय रूप से, इसी ऊर्जा प्रवाह को
बेहतर ढंग से संभालने के लिए पृथ्वी जीवन जैसी संरचनाओं ने खुद को कॉपी करना अर्थात
बहुकोशिकीय बनाना शुरू कर दिया।
संदर्भ
https://go.nasa.gov/3rURA0l
https://bit.ly/3MuUzWF
https://bit.ly/3rSfcTa
चित्र संदर्भ
1. एकल कोशिका से बहुकोशिकीय सफर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. बहुकोशिकीय जीव एकल ध्वजांकित कोशिका से विकसित हुए हैं। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. नियोप्रोटेरोज़ोइक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. जेरेमी इंग्लैंड को दर्शाता एक चित्रण (Prometheus Unbound)
5. पारस्परिक रूप से दबाए गए आइसोडायमेट्रिक कोशिकाओं के नग्न स्टीरियोब्लास्ट, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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