बिजली उपकरणों का विकास एवं भारत में इनका भविष्य

वास्तुकला II - कार्यालय/कार्य उपकरण
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बिजली उपकरणों का विकास एवं भारत में इनका भविष्य

आज पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति बिजली के उपकरणों से अपरिचित नहीं रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी की कुछ विद्वान मानते हैं कि, पहला बिजली उपकरण प्राचीन मिस्र में बनाया गया था। हालांकि यह पूरी तरह से प्रमाणित है की आधुनिक बिजली उपकरण 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ही विकसित किए गए थे। और समय के साथ बिजली के आधुनिक उपकरणों में नए-नए और छोटे बड़े औजार या उपकरण जुड़ते गए, जिन्होंने मिलकर मानव सभ्यता के विकास में क्रांति ला दी।
हालांकि हम बिजली के उपकरणों को हल्के में लेते हैं, लेकिन हमारे पूर्वज इतने भाग्यशाली नहीं थे, क्यों की उन्हें इसके बजाय मैनुअल (Manual) उपकरणों से अपना काम चलाना पड़ता था, जिन्हें न केवल भारी ताकत की जरूरत होती थी साथ ही एक साधारण काम करने के लिए भी एक से अधिक लोगों की जरूरत पड़ती थी, ऊपर से यह बेहद खतरनाक भी थे। बिजली उपकरणों का आविष्कार और विकास की एक दिलचस्प यात्रा है, जो प्राचीन काल में शुरू हुई। आज आप जिस स्तर के उपकरणों का प्रयोग करते हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए हमारे पूर्वज कई चरणों से गुजर चुके हैं। परिवर्तन की इस अवधि को निम्नलिखित श्रेणियों में माना जा सकता है:
१. पाषाण युग: इस युग में उपकरण पत्थर के बने होते थे, और ज्यादातर शिकार तथा पेड़ों को काटने के लिए उपयोग किए जाते थे।
२. तांबे और कांस्य युग: आग की खोज के साथ, धातु ने पहली बार औजारों का आकार लिया।
३. लौह युग: खोज के साथ ही लोहा मनुष्य के लिए निर्माण और उपयोग करने के लिए सबसे अच्छा और सबसे शक्तिशाली उपकरण बन गया।
४. मध्यकालीन:किसी कारणवश इस काल में औजारों का विकास और नए औजारों का आविष्कार फल-फूल नहीं सका।
५. संक्रमण काल: इस अवधि, जो प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और औद्योगिक युग के बीच है, के दौरान लाभदायक व्यवसाय निर्माण उपकरण बनाये गए।
६. औद्योगिक युग: इसमें कई तकनीशियनों के साथ संयंत्रों और कार्यशालाओं में उपकरण बनाने का विकास हुआ।
७. आधुनिक युग: विद्युत के आविष्कार के साथ आधुनिक उपकरणों का उत्पादन शुरू हुआ और कंप्यूटर तथा अंततः रोबोट का आगमन हो गया। मशीनों और कस्टम ऑब्जेक्ट (custom object) आदि बनाने के लिए उपकरणों का उपयोग और उन्नयन करना कुछ उन्नत मानवीय क्षमताओं में से एक रहा है। इस क्षमता को समझकर मनुष्य आज अन्य ग्रहों की यात्रा करने और तेज गति से चलने में सक्षम हो चुका है। वास्तव में उन्नत मशीनों के साथ रहना एक बहुत ही मूल्यवान उपलब्धि है।
सभी बिजली उपकरणों में, ड्रिल (drill) लोगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला सबसे आम औजार है। इस प्रकार के औजार के अभ्यास का इतिहास लगभग 35,000 साल पहले का है। उस समय लोग आर्क ड्रिल (arc drill) का उपयोग करते थे, जो लगभग 10,000 वर्षों से है। उन अभ्यासों का उपयोग लकड़ी और लकड़ी के उद्योगों में ड्रिलिंग के लिए किया जाता था।
थॉमस अल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison) एक अमेरिकी आविष्कारक और व्यवसायी थे। उन्होंने बिजली उत्पादन, जन संचार, ध्वनि रिकॉर्डिंग और चलचित्र जैसे क्षेत्रों में कई उपकरण विकसित किए। उनके आविष्कारों से लोगों में मशीनरी की क्षमता को देखने का नजरिया बदल गया। जर्मन कंपनी सी एंड ई फीन (C&E Fein) को पहला आधुनिक बिजली उपकरण का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है, जब उसने एक नए प्रकार की ड्रिल बनाने के लिए एक इलेक्ट्रिक मोटर की शक्ति को एक मैनुअल ड्रिल के साथ जोड़ा जिसने उद्योग में क्रांति ला दी। हालांकि यह ड्रिल भी काफी भारी थी, जिसका वजन 16.5 पाउंड था, इसके लिए कई ऑपरेटरों की आवश्यकता होती थी और एक बड़ी लेकिन अपेक्षाकृत कमजोर इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होने के कारण यह बेहद धीमी भी थी। आधुनिक मानकों की तुलना में यह कवायद बोझिल, अनुत्पादक और उपयोग में मुश्किल प्रतीत होती है, लेकिन उस दौरान 20 वर्षों तक इसने सर्वोच्च शासन किया।
लेकिन इस क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति तब आई जब 1910 में संयुक्त राज्य अमेरिका में डंकन ब्लैक (Duncan Black) नामक एक टूल एंड डाई वर्कर (tool and dye worker) ने अपनी कार $ 600 में बेची और अपने दोस्त के साथ मिलकर एक छोटी मशीन की दुकान खोली। इस जोड़ी ने फैसला किया कि वे Colt .45 स्वचालित पिस्तौल के डिजाइन को अपनाकर C&E Fein ड्रिल में सुधार कर सकते हैं। पहली बार अपनी दुकान खोलने के 6 साल के भीतर, ब्लैक एंड डेकर ने पिस्तौल-पकड़, ट्रिगर-स्विच इलेक्ट्रिक ड्रिल (trigger-switch electric drill) बेचना शुरू कर दिया था। यह ड्रिल सी एंड ई फीन संस्करण की तुलना में हल्की, उपयोग में आसान और अधिक शक्तिशाली थी, जिसके कारण इसने बाजार पर कब्ज़ा कर लिया। 1916 के बाद से बिजली उपकरणों के आविष्कारों के साथ उन्हें हल्का और उपयोग में आसान बनाने के उद्देश्य से निरंतर विकास किए गए। बिजली उपकरण में सुधार के लिए “सुरक्षा” एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू था। इस संदर्भ में विभिन्न सामग्रियों के साथ प्रयोग हुए, यह 1957 में बॉश (Bosch) द्वारा प्लास्टिक आवरण के साथ पहला बिजली उपकरण बनाया गया था। इसने बिजली के उपकरणों को लोगों के उपयोग के लिए सुरक्षित बना दिया और उपयोगकर्ताओं को बिजली के झटके के जोखिम से बचाया।
1961 में ब्लैक एंड डेकर ने पहले ताररहित बिजली उपकरण का डिजाइन और निर्माण भी किया। यह ड्रिल एक रिचार्जेबल निकल कैडमियम (NiCad) बैटरी द्वारा संचालित थी। ब्लैक एंड डेकर ने हल्के उपकरणों की एक श्रृंखला बनाने के लिए नासा (NASA) के साथ भी काम किया, जिनका उपयोग शून्य गुरुत्वाकर्षण वातावरण में किया जा सकता था और अंतरिक्ष और चंद्रमा पर उपयोग किया जा सकता था। हालांकि 1970 के दशक के बाद से बिजली उपकरणों के मूल सिद्धांतों में भारी बदलाव नहीं आया है, लेकिन आधुनिक तकनीक और बैटरियों में विकास के कारण उपकरण तेजी से हल्के, शक्तिशाली, सुरक्षित और उपयोग में आसान हो गए हैं।
नवाचार से प्रेरित युग में, प्रौद्योगिकी के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। भारत के निर्माण उद्योग में भी परंपरागत रूप से, व्यापारियों और निर्माण श्रमिकों ने काम पूरा करने के लिए हाथ-उपकरण और मैनुअल उपकरण के उपयोग को प्राथमिकता दी। हालांकि, उद्योग में प्रौद्योगिकी और नवाचारों की प्रगति के साथ ही शक्ति-समर्थित उपकरणों और मोटर चालित उपकरणों ने इन पारंपरिक तकनीकों का विकास भी किया। 2021 में भारत के बिजली उपकरण बाजार का मूल्य 5,209.0 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान था और पूर्वानुमान अवधि (2021-2028) पर 8.9% की सीएजीआर प्रदर्शित करने की उम्मीद है। बिजली उपकरण मैन्युअल रूप से या बिजली द्वारा संचालित किए जा सकते हैं, और इन्हें बिजली उपकरण या हाथ उपकरण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हाथ के औजारों के विपरीत एक बिजली उपकरण भौतिक कार्य के बजाय एक शक्ति स्रोत और तंत्र का उपयोग करता है।
इन मशीनों को बिजली देने के लिए संपीड़ित कार्बन डाइऑक्साइड का भी उपयोग किया जा सकता है। एयर इम्पैक्ट वॉंच, न्यूमेटिक ड्रिल, ब्लो गन, एयर सैंडर्स, एयर शाफ़्ट, स्क्रूड्राइवर, जैकहैमर, एयर आरा, एंगल ग्राइंडर और अन्य न्यूमेटिक पावर टूल्स (Air impact wrenches, pneumatic drills, blow guns, air sanders, air ratchets, screwdrivers, jackhammers, air saw angle grinders and other pneumatic power tools) इसके कुछ लोकप्रिय उदाहरण हैं। बढ़ती मांग के कारण, दुनिया भर में भारत पावर टूल मार्केट अंततः अधिक राजस्व पैदा करेगा, और इसका बाज़ार एव आकार पिछली अनुमानित अवधि की तुलना में अधिक होगा। लंबे समय तक चलने वाले और लागत प्रभावी बहु-कार्यात्मक बिजली उपकरणों के आगमन से पूर्वानुमान अवधि में भारत के उपकरण बाजार में वृद्धि होने की संभावना है। उद्योग में निर्माता, उत्पाद नवाचार के हिस्से के रूप में उपभोक्ताओं को बहुआयामी उपकरण समाधान देने पर काम कर रहे हैं। ये उपकरण बेहद लचीले होते हैं और इनका इस्तेमाल कई तरह की गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जिससे ये तुलनात्मक रूप से सस्ते हो जाते हैं।

सन्दर्भ

https://bit.ly/3SYCPVW
https://bit.ly/3SMxVLT
https://bit.ly/3SKn8lq

चित्र संदर्भ

1. एक पुराने यंत्र को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. विद्युत आविष्कार के स्पार्क संग्रहालय को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक हाथ से चलने वाली कॉर्डेड इलेक्ट्रिक ड्रिल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ड्रिल प्रेस (जिसे बोरिंग मशीन कहा जाता है) घुमावदार कांटेदार तार के लिए बोरिंग लकड़ी की रील, 1917 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. C&E Fein ड्रिल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. प्लास्टिक कवर के साथ नई बॉश एक्यू ड्रिल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. महिला सोलर इंजीनियर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)