Post Viewership from Post Date to 17-Oct-2022 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
754 9 763

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

आगामी दिल्ली-मेरठ तीव्र रेल रात में माल ढुलाई सेवाएं प्रदान करेंगी, शहर की गतिशीलता के लिए महत्वपूर्ण

मेरठ

 12-10-2022 10:15 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम यात्री सेवा ट्रेनों के साथ, दिल्ली-एनसीआर में तीव्र रेल (RapidRail) का निर्माण कर रहे हैं,तथा दिल्ली और मेरठ के बीच माल ढुलाई को सुविधाजनक बनाने की योजना बना रहे हैं।जैसा कि दिन में ट्रेनें यात्रियों के लिए चलती हैं, लेकिन रात में पटरियां खाली रहती हैं; इसलिए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम रसद और कार्गो सेवाओं के लिए रात के घंटों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए अलग से बग्घी खरीद कर चलाए जाएंगे।
वहीं साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे पूर्वाधिकार मार्ग का निर्माण पूरा होने के अंतिम चरण में है। अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले दिल्ली के जंगपुरा, उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम और दुहाई में तीन गोदाम बनाए जाएंगे। वे हर डिपो में गोदाम बनाने की योजना बना रहे हैं जहां कंपनियां और कूरियर सेवाएं संचालित हो सकती हैं। यह सस्ता होगा और छोटे व्यवसायों के विस्तार में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, अगर हरिद्वार में कारखाना है और उसे दिल्ली तक उत्पाद पहुंचाना है, तो वह सड़क परिवहन के बजाय तीव्र रेल का विकल्प चुन सकते हैं। यह सस्ता होने के साथ ही प्रदूषण में कमी लाएगा और समय की बचत करेगा। क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली उद्योग के लिए उनकी तार्किक और परिवहन जरूरतों को पूरा करके पसंदीदा साधन के रूप में कार्य कर सकता है। हालांकि माल ढुलाई शहर की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यानी मालवाहक वाहन यात्रा किए गए वाहन मील के लगभग 20-30% का प्रतिनिधित्व करते हैं और पर्यावरण उत्सर्जन के 16-50% के लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं विकसित की जा रही अधिकांश स्थायी शहरी गतिशीलता योजनाओं में शहरी माल को शहर की योजनाओं में कैसे समायोजित किया जाए, इस पर विस्तृत योजनाएँ भी शामिल नहीं हैं।
इसलिए शहरी माल ले जाने वाले वाहन को शहर की योजनाओं में शामिल करने के लिए माल ढुलाई और शहरी वातावरण के बीच परस्पर क्रिया के बारे में विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है, साथ ही माल हितधारकों के हितों को कैसे एकीकृत किया जाए इसकी योजना बनाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।शहरी माल वितरण वह प्रणाली और प्रक्रिया है जिसके द्वारा शहरी वातावरण में माल एकत्र, परिवहन और वितरित किया जाता है। शहरी माल ढुलाई प्रणाली में बंदरगाह, हवाई अड्डे, विनिर्माण सुविधाएं, और गोदाम/वितरण केंद्र शामिल हो सकते हैं, जो रेलमार्ग, रेल यार्ड, पाइपलाइन, राजमार्ग और सड़क मार्गों के संजाल से जुड़े होते हैं, और माल को उनके गंतव्य तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू व्यापार के साथ-साथ स्थानीय व्यवसायों और उपभोक्ताओं की दैनिक जरूरतों का समर्थन करने के लिए शहरी माल वितरण आवश्यक है। इसके अलावा, यह हजारों नौकरियां और अन्य आर्थिक लाभ भी प्रदान करता है। हालांकि, शहरी माल ढुलाई के साथ कई चुनौतियां जुड़ी हुई हैं, जैसे सड़क की भीड़, पर्यावरणीय प्रभाव, और आवासीय और संवेदनशील भूमि उपयोग के लिए माल ढुलाई सुविधाओं और वाहनों की निकटता के कारण अत्यधिक भूमि का उपयोग। इसलिए जैसे-जैसे शहरी माल ढुलाई की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, इन चुनौतियों से जुड़े समुदाय और पर्यावरणीय प्रभावों को संबोधित करने और कम करने की आवश्यकताअधिक होती जा रही है।
शहरी माल परिवहन के मुख्य चालकों में से एक दुनिया की आबादी का निरंतर शहरीकरण रहा है। संयुक्त राष्ट्र (United States of America) के अनुसार, विश्व की आबादी का 3.9 बिलियन (54%) शहरी क्षेत्रों में रहता है, जो 1950 में 746 मिलियन था। अनुमानों से संकेत मिलता है कि विश्व की आबादी के समग्र विकास के साथ संयुक्त शहरीकरण 2050 तक शहरी आबादी में 2.5 अरब लोगों (या कुल विश्व आबादी का 66%) को जोड़ सकता है। जैसे-जैसे शहरी क्षेत्रों में दुनिया की आबादी की कुल संख्या और एकाग्रता बढ़ी है, वैसे ही इन शहरी क्षेत्रों को बनाए रखने के लिए आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के परिवहन और वितरण का महत्व भी बड़ चुका है। इसमें गोदाम/वितरण केंद्रों, खुदरा दुकानों, व्यवसायों और घरों से आने-जाने के लिए माल ढुलाई शामिल है। साथ ही आधुनिक शहरी क्षेत्रों की मांगों का समर्थन करने के लिए माल ढुलाई का कुशल और समय पर वितरण महत्वपूर्ण है। माल वितरण के बिना, शहरी क्षेत्र जीवित नहीं रह सकते, विकसित नहीं हो सकते और फल-फूल नहीं सकते।साथ ही माल ढुलाई वितरण महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ भी उत्पन्न करता है। वहीं रेलमार्ग विभिन्न प्रकार के सामान जैसे इंटरमॉडल (Intermodal) डिब्बे, थोक सामान और अन्य विशेष माल जैसे मोटर-वाहन ढोते हैं। रेलमार्ग रेल यार्ड (Rail yard) द्वारा पूरक होते हैं जो नौभार परेषक से माल ढुलाई करने, रेलकारों पर स्थानांतरित करने और ट्रेनों को इकट्ठा करने की अनुमति देते हैं।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3MdrTkZ
https://bit.ly/3EqYBNK
https://bit.ly/3MdLT77

चित्र संदर्भ
1. दिल्ली-मेरठ तीव्र रेल को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
2. कार्गो ट्रैन को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
3. दिल्ली-एनसीआर आरआरटीएस रूट मैप को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
4. माल परिवहन रेल को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id