रामपुर: शिक्षा का महत्व

अवधारणा II - नागरिक की पहचान
24-05-2017 11:28 AM
रामपुर: शिक्षा का महत्व
शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है जिससे ना ही सिर्फ़ इंसान बल्कि पुरे देश की तरक्की होती है| रामपुर ज़िले की साक्षरता एक समय में सबसे उत्तम थी; वही आज के दौर में यहाँ की साक्षरता 53.3 प्रतिशत रह गई है| यहाँ की रजा लाइब्रेरी भारतीय इतिहास की एक धरोहर है जो सन् 1774 में नवाब फैज़ुलाह खान द्वारा स्थापित की गई थी| रामपुर के लोगों में उस दौर से ही पढ़ने और लिखने का उत्साह था; परन्तु आज यहाँ की साक्षारता दर को देख के ऐसा लगता है की जैसे बीते सालों में ज़माना समय के साथ आगे नहीं बढा| रामपुर ज़िले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की विवरण के अनुसार कुल मिला कर प्राथमिक विद्यालय 2187, माध्यमिक विद्यालय 734 और उच्च माध्यमिक विद्यालय 124 हैं| गौर फरमाने वाली बात यह है की यहाँ सिर्फ 5 कॉलेज हैं और दुर्भाग्यवश उनमे एक भी तकनिकी कॉलेज नहीं है| जैसे की हम जानते हैं की उत्तर प्रदेश भारत का सबसे घनी आबादी वाला प्रदेश है इसलिए यहाँ की शिक्षा एवं रोजगार सबसे उत्तम होना अनिवार्य है| अगर हम जनगणना के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो रामपुर ज़िले में 68.4 प्रतिशत लोग गैर श्रमिक हैं जबकि रामपुर में छोटे बड़े हर तरह के व्यवसाय की उपलब्धी है, बस ज़रूरत है तो सिर्फ जागरूकता एवं प्रथिमिक शिक्षा की| आंकड़ों के हिसाब से यहाँ की साक्षरता में एक तेज़ वृद्धि की अत्यंत आवश्यकता है| आज के ज़माने में जहाँ सब कुछ ऑनलाइन बिक रहा है वहाँ घर बैठने से या सिर्फ मंडी, दूकानों पर आधारित रहने से भरपूर फायदा नहीं होने वाला| रामपुर ज़िले के लोगों को तकनिकी शिक्षा एवं अविष्कार की शिक्षा देना अत्यंत लाभदायक होगा क्यूंकि उससे यहाँ के लोगों के व्यवसाय एवं रोज़गार में बढौती होगी| रामपुर में (तथा पुरे उत्तर प्रदेश में) बच्चों तथा जवान लड़के लकड़ियों का साक्षर होना, ना ही सिर्फ एक बड़ा कार्य है बल्कि एक अधिकतम प्राथमिकता है|