प्रकृति की अनोखी कहानियां, अपने छोटे से जीवन में पारिस्थितिकी तंत्र को काफी लाभ पहुंचाती है अंजीर ततैया

मेरठ

 29-05-2022 01:46 PM
व्यवहारिक
संपूर्ण विश्व में किसी भी प्रजाति का पृथक्करण में विकसित होना संभव नहीं होता है, वे अपने संपूर्ण जीवन चक्र में अन्य प्रजातियों के साथ परस्पर रूप से जुड़े होते हैं। जैसे एक शिकारी और शिकार के बीच, एक विकासवादी संसाधनों के लिए किए होने वाली दौड़ काफी संघर्षों से भरी होती है। वैसे ही कई प्रजातियाँ अन्य प्रजाति पर एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विकसित होते हैं।ऐसे ही अंजीर के ततैया अपने जीवन यापन के लिए अंजीर के पेड़ों से एक इस प्रकार का संबंध बनाते हैं, जो उन दोनों को लाभ पहुंचाता है। हालांकि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अंजीर के ततैया अंजीर के पेड़ों में रहते हैं। आश्चर्य कि बात तो यह है कि कई अंजीर के फलों में मृत ततैया मौजूद होती हैं। जी हाँ, अंजीर और अंजीर ततैया के बीच का संबंध कम से कम 60 मिलियन वर्ष पुराना है, तो असल में हम मनुष्यों द्वारा अंजीर का सेवन करके अंजीर और ततैया के बीच के निजी संबंधों में दखलंदाजी की जाती है। अंजीर वास्तव में एक फल नहीं है बल्कि एक खोखली संरचना है जिसमें कई फूल होते हैं। जैसे ही एक अंजीर विकसित होता है, यह एक गंध उत्पन्न करता है जो गर्भवती मादा अंजीर ततैया को आकर्षित करती है।अंजीर के अंदर जाने के लिए, मादा ततैये को अंजीर को खोदकर उसके अंदर जाना होता है। यह काफी कठिन प्रक्रिया होती है, जो अक्सर उसके पंख और स्पर्शतंतु को तोड़ कर रख देती है। इन कठिनाइयों का सामना करके घायल ततैया जब अंदर चली जाती है, तो अपने अंडे देती है और अपने जन्म के घर से प्राप्त किए अंजीर के पराग को भी छोड़ देती है।जिसके बाद वह मर जाती है। यदि ततैया परागण करने में विफल हो जाती है, तो अंजीर अक्सर मुरझा जाता है और मर जाता है, जिससे उसके अंदर के सभी अंडे मर जाते हैं। यह अंजीर द्वारा एक प्रकार की विकासवादी सुरक्षा उपाय अपनाया गया है कि ततैया उन्हें पराग लाते रहें। नर और मादा अंदर विकसित होती हैं। नर मादाओं के लिए पराग इकट्ठा करते हैं और अंडों में विकसित हो रही मादाओं के साथ संभोग करते हैं। और मादा ततैया के नए अंजीर की खोज करने के लिए भागने से पहले अपना पराग वितरित करते हैं – और यह चक्र जारी रहता है।अंजीर और अंजीर ततैया के बीच के इस पराग और अंडों के संबंध को विस्तृत रूप से इन चलचित्र में देखकर अपने रविवार का आनंद लें।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3lTYfoA
https://bit.ly/3lTYfF6

RECENT POST

  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • vfrnhh
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 12:41 PM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM


  • मेरठ क्षेत्र में किसानों की सेवा करती हैं, ऊपरी गंगा व पूर्वी यमुना नहरें
    नदियाँ

     18-12-2024 09:26 AM


  • विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए, एक महत्वपूर्ण आवास है हस्तिनापुर अभयारण्य की आर्द्रभूमि
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:29 AM


  • डीज़ल जनरेटरों के उपयोग पर, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्या हैं नए दिशानिर्देश ?
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:33 AM


  • आइए देखें, लैटिन अमेरिकी क्रिसमस गीतों से संबंधित कुछ चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:46 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, बिजली बचाने के कारगर उपायों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id