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भारतीय अर्थव्यवस्था में गन्ना उत्पादन एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता
है। लोकप्रिय होने के साथ ही यह भारत में 65 प्रतिशत आबादी कृषि में लगाया
जाता है। भारत में गन्ने का उत्पादन 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के साथ‚ कुल फसली
क्षेत्र का लगभग 2.57 प्रतिशत होता है। यह लगभग 60 लाख गन्ना उत्पादकों के
साथ कई लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करता है। भारत में हर तरह की
फसल उगाई जाती है‚ जिनमें गन्ना सबसे लोकप्रिय तथा नकदी फसलों में से एकहै। गन्ना‚ सैकरम (Saccharum) वंश‚ एंड्रोपोगोनी (Andropogoneae) जनजाति
के लंबे तथा बारहमासी घास की कई प्रजातियों को संदर्भित करता है‚ जिसका
उपयोग चीनी उत्पादन के लिए किया जाता है। इसके पौधे 2 से 6 मीटर लंबे होते
हैं‚ जिसमें सुक्रोज (sucrose) से भरपूर‚ संयुक्त‚ रेशेदार डंठल होते हैं‚ जो डंठल
के इंटर्नोड्स (internodes) में जमा होते हैं। गन्ने के अत्यधिक उत्पादन के
परिणामस्वरूप भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है। गन्ने का
उपयोग चीनी‚ गुड़‚ खांडसारी‚ कागज‚ रसायन तथा शराब बनाने के अलावा पशु
चारा तथा कच्चे माल के रूप में भी किया जाता है‚ जिसकी खपत पूरे देश में
व्यापक रूप से फैली हुई है। भारत में गन्ना उत्पादन के 762 स्थापित चीनी मिलों
से युक्त प्रसंस्करण नेटवर्क है‚ जिसमें कई संबंधी व्यवसाय और बैकवर्ड तथा
फॉरवर्ड लिंकेज (Backward and Forward Linkages) भी शामिल हैं।
राजस्थान‚ जम्मू और कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर‚ भारत में उत्तर
पश्चिमी‚ उत्तर मध्य‚ उत्तर पूर्वी‚ प्रायद्वीपीय तथा तटीय क्षेत्रों में गन्ना उत्पादन
किया जाता है‚ इनके अलावा भारत के हर राज्य में कुछ मात्रा में गन्ने का
उत्पादन किया जाता है। भारत दुनिया में गन्ने के निर्यात के लिए अग्रणी देशों में
से एक है। भारत ने 60 देशों को चीनी का निर्यात किया‚ जिसमें कुल शिपमेंट का
लगभग 60 प्रतिशत ईरान (Iran)‚ सोमालिया (Somalia)‚ मलेशिया (Malaysia)‚
श्रीलंका (Sri Lanka) और अफगानिस्तान (Afghanistan) का था।
देश ने विपणन
वर्ष 2018-19 में 38 लाख टन चीनी का निर्यात किया था। सरकार ने वैश्विक
बाजारों में अतिरिक्त चीनी को समाप्त करने के लिए विपणन वर्ष 2019-20 में
अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (Maximum Admissible Export Quota
(MAEQ)) के तहत 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी।
गन्ना एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है और भारत एक प्रमुख गन्ना उत्पादक होने
के साथ‚ एक प्रमुख गन्ना निर्यातक भी है। भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक
राज्य उत्तर प्रदेश है‚ जो गन्ना उत्पादन सहित विभिन्न फसलों के लिए जाना
जाता है। यूपी में सबसे ज्यादा गन्ना मेरठ‚ बरेली‚ सहारनपुर और बुलंदशहर में
उगाया जाता है। यहां गन्ना उत्पादन का वार्षिक उत्पादन 133.3 मिलियन टन है
और लगभग 2.5 करोड़ लोग गन्ना उद्योग में शामिल हैं। भारत में सबसे अधिक
गन्ना उत्पादक राज्यों में दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है‚ जहां 75.3 मीट्रिक टन
गन्ना उत्पादन के लिए 9 लाख हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाता है। महाराष्ट्र
में मुख्य रूप से गन्ने का उत्पादन पुणे‚ सतारा‚ सोलापुर और महाराष्ट्र में किया
जाता है‚ यहां की जलवायु गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त है। गन्ने के सबसे बड़े
उत्पादकों की सूची में भारत में तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है। तमिलनाडु ने
पिछले वर्ष 37.5 मीट्रिक टन गन्ने की फसल का उत्पादन किया था और इसने
सालाना 107 टन प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन का शीर्ष रिकॉर्ड भी बनाए रखा है।
गन्ना उत्पादन के लिए कम आर्द्रता‚ दिन में धूप और रात में ठंड जैसी उत्कृष्ट
जलवायु की आवश्यकता होती है। कर्नाटक की जलवायु गन्ना उत्पादन के लिए
उपयुक्त हैं‚ इसके पिछले वर्ष के रिकॉर्ड में 34.6 मिलियन टन गन्ना उत्पादन दर्ज
किया गया था। इसने भारत में उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने के उत्पादन के लिए बड़े
पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की है।
आंध्र प्रदेश की मिट्टी गन्ना उत्पादन के
लिए उपयुक्त है। पिछले कुछ वर्षों में आंध्र प्रदेश में गन्ना उत्पादन की बड़े पैमाने
पर वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष में गन्ने की फसल का कुल उत्पादन 14.9 मीट्रिक
टन दर्ज किया गया था‚ जो उसके पूर्व वर्षो की अपेक्षा कहीं अधिक है। भारत में
गन्ना उत्पादकों की सूची में बिहार छठे स्थान पर है‚ इसकी सबसे अनोखी बात
यह है कि यह न केवल गन्ने के लिए प्रसिद्ध है‚ बल्कि यह गुड़ के लिए भी
प्रसिद्ध है। इसने पिछले वर्ष गन्ना उत्पादन में भारत में कुल 12.2 मीट्रिक टन
उत्पादन दर्ज किया था।
भारत में गुजरात भरपूर औद्योगिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह
भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में से एक है‚ जिसने गन्ने की फसल का
उत्पादन 9.5 मीट्रिक टन दर्ज किया था। यह भारत में चीनी उत्पादन में अपना
पूरा योगदान देता है। भारत का हरियाणा राज्य गन्ने सहित कई फसलों के
उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और यह मुख्य रूप से अपनी कृषि के लिए जाना
जाता है। हरियाणा में गन्ने का उत्पादन सबसे ज्यादा गुड़गांव‚ करनाल‚
फरीदाबाद‚ सोनीपत और रोहतक जिलों में किया जाता है। यह 1.3 लाख हेक्टेयर
भूमि में 9.3 मीट्रिक टन का उत्पादन करता है। पंजाब की संस्कृति अपनी कृषि के
लिए जानी जाती है‚ माना जाता है कि कृषि पंजाब के खून में है। यह भारत के
गन्ना उत्पादक राज्यों में नौवें स्थान पर है‚ जहां कुल गन्ना उत्पादन 6.6
मिलियन टन है। उत्तराखंड एक बढ़ता हुआ गन्ना उत्पादक राज्य है‚ जो भारत के
प्रमुख गन्ना उत्पादकों की सूची में दसवें स्थान पर है।
उत्तराखंड के स्थिर जलवायु
वाले पहाड़ी क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। इस राज्य में लगभग 6.4
मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है। भारत ने 1995-96 में 280 मिलियन
टन गन्ने और 16.5 मिलियन टन चीनी का उत्पादन किया‚ जिससे यह दुनिया में
चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया‚ जो लगभग 20 प्रतिशत गन्ना चीनी
उत्पादन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा भारत अन्य 10 मिलियन टन
का उत्पादन पारंपरिक मिठास जैसे 9 मिलियन टन गुड़ और 1 मिलियन टन
खांडसारी के लिए भी करता है। भारत में चीनी और गन्ने का इतिहास कई हजार
साल ईसा पूर्व का है‚ जिसकी पुष्टि भारतीय पौराणिक कथाओं में भी की गई है‚
इसमें गन्ने की उत्पत्ति का चित्रण करने वाली कुछ किंवदंतियाँ भी शामिल हैं। इस
प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत गन्ने के साथ-साथ चीनी निर्माण का भी
मूल घर रहा है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3itzDBn
https://bit.ly/3DbencX
https://bit.ly/3Nl9Byb
https://bit.ly/3ICZ2D0
चित्र संदर्भ
1. गन्ने का जूस निचोड़ते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (TelegraphIndia)
2. गन्ना और चीनी बनाने की कला के प्रतिनिधित्व को दर्शाता एक चित्रण (
Picryl)
3. राज्यनुसार गन्ने के उत्पादन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. चीनी उत्पादन के पुराने तरीके को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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