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सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना॥ दिव्य वानर चीन, जापान की संस्कृति में भी हैं रक्षक

मेरठ

 01-02-2022 08:44 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना॥ हनुमान चालीसा की यह प्रसिद्द पंक्तियाँ बजरंगबली को संदर्भित करती हुई यह संदेश देती हैं कि "आप की शरण में आने से सब सुख प्राप्त हो जाते हैं। जब आप मेरे रक्षक हो अर्थात् मेरी रक्षा कर रहे हो तो फिर मुझे किसी बात का डर नहीं है।" हिंदू संस्कृति में जहाँ अति बुद्धिमान और बलवान माने जाने वाले पवनपुत्र हनुमान को संकट मोचक अर्थात सभी दुखों, कष्टों एवं संकटों के नाश करने वाले देवता में पूजा जाता हैं, वहीँ भारत के बाहर की संस्कृतियों में भी स्वयं हनुमान अथवा हनुमान का प्रतिनिधत्व करने वाली दिव्य शक्तियों को मनुष्यों और देवताओं के संरक्षक या मध्यस्थ के रूप में दिखाया गया है।
किसी भी स्थान, परिवार, गाँव, शहर, व्यक्ति, राष्ट्र, व्यवसाय या अन्य सांसारिक वस्तुओं का रक्षक होने के लिए, विशेष मान्यता प्राप्त देवता या देवी को अधिदेवता या अधिदेवी कहा जाता है। उदाहरण के लिए हिन्दू धर्म में ज्ञान की अधिदेवी सरस्वती हैं, और रक्षक के रूप में बजरंग बलि विराजमान रहते हैं। अंग्रेज़ी में अधिदेवता या अधिदेवी को 'ट्यूटेलरी' (tutelary) कहा जाता है। हिन्दू धर्म में कई प्रकार के अधिदेव हो सकते हैं। जैसे गाँवों के अधिदेवों को 'ग्राम देवता' कहा जाता है। परिवारों के अधिदेवों को 'कुलदेवता' और 'इष्टदेवता' भी कहा जाता है। भारत के अलावा भी प्राचीन रोम की सभ्यता में मसलन लानूवियम (Lanuvium) शहर की कुलदेवी जूनो (Juno) को अधिदेवी माना जाता था। तिब्बती बौद्ध धर्म में यिदम (yidam) एक संरक्षक देवता के रूप में स्थापित है, और डाकिनी (Dakini) ज्ञान चाहने वालों की संरक्षक मानी जाती है। चीनी लोक धर्म के अतीत और वर्तमान में कई संरक्षक देवताओं के नाम शामिल हैं। चीन में असाधारण व्यक्तियों, उच्च संस्कारी संतों और प्रमुख पूर्वजों के निधन के बाद उन्हें सम्मानित किया जाता है। लॉर्ड गुआन (lord guan) सैन्य कर्मियों और पुलिस के संरक्षक हैं, जबकि माजू (maju) मछुआरों और नाविकों के संरक्षक माने जाते हैं। तू दी गोंग "Tu Di Gong" (पृथ्वी देवता) एक व्यक्तिगत इलाके के संरक्षक देवता हैं, इसी प्रकार प्रत्येक इलाके का अपना पृथ्वी देवता होता है। चेंग हुआंग गोंग "Chang Huang Gong" (सिटी गॉड) व्यक्तिगत शहर के संरक्षक देवता हैं, और शाही दौर से स्थानीय अधिकारियों और स्थानीय लोगों द्वारा इनकी पूजा की जाती है।
फिलीपीन जीववाद में, दिवाता या लम्बाना (Divata or Lambana) वे देवता या दिव्य आत्माएँ हैं, जो पहाड़ों और टीले जैसे पवित्र स्थानों में निवास करती हैं और संरक्षक के रूप में सेवा करती हैं। थाईलैंड में लगभग हर पारंपरिक घर में एक संरक्षक देवता का एक छोटा मंदिर आवास होता है, जिसे स्पिरिट हाउस (spirit house) के रूप में जाना जाता है।
रक्षक के रूप में दिव्य बंदर चीन और जापान के ऐतिहासिक साहित्य और संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। यह संभवतः बौद्ध भिक्षुओं के माध्यम से दो सहस्राब्दियों से भारत की गई तीर्थयात्रा के घनिष्ठ सांस्कृतिक संपर्क से प्रभावित होकर उभरे है। उदाहरण के लिए, जापानी पाठ केरानशुयोशु (keranshuyoshu) की पौराणिक कथाओं में एक दैवीय बंदर, तीर्थस्थलों का थेरियोमॉर्फिक शिंटो (Theri Morphic Shinto) प्रतीक है, जो एक उड़ने वाले सफेद बंदर के रूप में वर्णित किया जाता है। वह भारत से चीन तक, फिर चीन से जापान तक उड़कर एक पहाड़ ले जाता है। यह कहानी मूल रूप से रामायण के एक अंश पर आधारित है। श्री राम अपने परम भक्त हनुमान को हिमालय से एक निश्चित जड़ी-बूटी लाने के लिए कहते है। चूँकि हनुमान जड़ी बूटी (संजीवनी) को नहीं जानते हैं, अतः वे चयन के लिए पूरे पहाड़ को लाते हैं। 8वीं से 14वीं शताब्दी के बीच की कई जापानी शिंटो मंदिर (Japanese Shinto Temple) और गाँव की सीमाओं में बंदर देवता को मनुष्यों और देवताओं के बीच संरक्षक या मध्यस्थ के रूप में दिखाया गया है। कई मंदिरों में एक अभिभावक देवता के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए महत्त्वपूर्ण रास्तों के प्रवेश द्वार पर भी भगवान हनुमान के प्रतीक स्थापित है।
श्री बजरंग बली से प्रेरणा लेकर हमारे पड़ोसी देश चीन में भी एक दिव्य बंदर को पौराणिक नायक के रूप से देखा जाता है, जिसे मंकी किंग (monkey King,) मंदारिन, चीनी में सन वुकोंग (孫悟空 / 孙悟空) के रूप में जाना जाता है। यह एक पौराणिक आकृति है, जिसे 16 वीं शताब्दी के चीनी उपन्यास जर्नी टू द वेस्ट “Journey to the West” (西遊記 / 西游记) और कई में मुख्य पात्रों में से एक के रूप में जाना जाता है। यह चीनी लोककथाओं का एक प्रतिष्ठित नायक है। सन वुकोंग (sun wukong) एक पत्थर से पैदा हुआ एक बंदर है, जो ताओवादी प्रथाओं (Taoist practices) के माध्यम से अलौकिक शक्तियों को प्राप्त करता है। स्वर्ग के खिलाफ विद्रोह करने के बाद, उसे बुद्ध द्वारा एक पहाड़ के नीचे कैद कर दिया जाता है। सन वुकोंग में कई क्षमताएँ होती हैं, जैसे उसके पास अद्भुत ताकत होती है, वह " उल्का की गति से" दौड़ते हुए अपने कंधों पर दो पहाड़ों के वजन उठा सकने में सक्षम है। वह बेहद तेज है, और एक बार में 108, 000 ली (54, 000 किमी, 34, 000 मील) की यात्रा करने में सक्षम है। वह एक कुशल सेनानी होता है, जो स्वर्ग के सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं को हराने में सक्षम होता है। वह आंशिक तौर पर मौसम हेरफेर कौशल भी दिखा सकता है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि इस चरित्र की उत्पत्ति जुआनज़ैंग (xuanzang) के पहले शिष्य शी बंटो (Xee-banot) से हुई थी। इस शक्तिशाली बंदर की प्रेरणा मूलतः भारतीय और चीनी संस्कृति के मिश्रण से आती है। बंदर राजा (Monkey King) संभवतः रामायण से हिंदू देवता हनुमान, से प्रभावित थे, जिनका प्रचार प्रसार चीन की यात्रा करने वाले बौद्धों द्वारा पारित कहानियों के माध्यम से हुआ था। बंदर राज की मूल कहानी में एक पत्थर पर बहने वाली हवा का भी जिक्र है, जबकि हनुमान स्वयं पवन देवता के पुत्र हैं।

संदर्भ 

https://bit.ly/3AIYNUF
https://bit.ly/3HdUvHj
https://en.wikipedia.org/wiki/Tutelary_deity
https://en.wikipedia.org/wiki/Monkey_King

चित्र संदर्भ 
 
1. मंकी किंग को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. लानूवियम (Lanuvium) शहर की कुलदेवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बैंकॉक में एक कार डीलरशिप के सामने चाओ थी के लिए एक थाई स्पिरिट हाउस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. थिएन हौ मंदिर, हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम में सन वुकोंग के मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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