गांधी पीस फाउंडेशन के कार्य तथा भारत में इसके मुख्यालय

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गांधी पीस फाउंडेशन के कार्य तथा भारत में इसके मुख्यालय

गांधी पीस फाउंडेशन (Gandhi Peace Foundation) एक भारतीय संगठन है‚ जो महात्मा गांधी की शिक्षाओं, साहित्यों तथा विचारों का अध्ययन और विकास करता है। यह एक अग्रणी संगठन है, इसकी स्थापना 31 जुलाई 1958 को गांधीजी के विचारों को संरक्षित करने तथा फैलाने के लिए‚ डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ एस राधाकृष्णन तथा राष्ट्रीय आंदोलन के अन्य कई प्रमुख नेताओं द्वारा की गई थी। जिसमे डॉ जाकिर हुसैन, सी राजगोपालाचारी, आचार्य जेबी कृपलानी, सुचेता कृपलानी, मोरारजी देसाई और जयप्रकाश नारायण भी शामिल थे।
गांधी जी एक भारतीय वकील, उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी और राजनीतिक नैतिकतावादी थे, जिन्होंने ब्रिटिश (British) शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने और बाद में दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित करने के लिए अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल किया। गांधी पीस फाउंडेशन की शुरुआत ‘गांधी स्मारक निधि’ से 10 मिलियन रुपये के दान से हुई थी। ‘गाँधी स्मारक निधि’ (The National Gandhi Memorial Trust) जिसे ‘गांधी कौमी यादगार फंड’ (Gandhi Qaumi Yaadgar Fund) के नाम से भी जाना जाता है, महात्मा गांधी के जीवन को मनाने के लिए स्थापित, भारत की केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक स्मारक ट्रस्ट है। यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी की गतिविधियों से जुड़े विभिन्न स्थानों के रखरखाव के लिए धन देता है, और भारत में गांधी और गांधीवादी विचारों पर साहित्य का एक प्रमुख निर्माता भी है। गांधी पीस फाउंडेशन का पहला बोर्ड आर. आर. दिवाकर, डॉ श्री राजेंद्र प्रसाद और पंडित श्री जवाहरलाल नेहरू सहित अन्य प्रमुख नेताओं द्वारा बनाया गया था। इस फाउंडेशन को 1963-64 में पंजीकृत किया गया था। गांधी पीस फाउंडेशन की एक शाखा मद्रास में ‘नोट फॉर प्रॉफिट’ (not for profit) है‚ और यह एक स्वतंत्र रूप से पंजीकृत संगठन है। भारत में इसका कार्यालय‚ चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित है‚ जिसे चैरिटेबल ट्रस्‍ट एक्‍ट (Charitable Trust Act) के तहत 1995 में पंजीकृत किया गया था। गांधी पीस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में लाखों लोगों के विचारों और कार्यों को प्रभावित करने की दृष्टि से गांधीजी के शिक्षण, अभ्यास, संबद्ध विचारों, कार्यों के अध्ययन और शोध की व्यवस्था करना है तथा इस तरह उन्हें शांतिपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण प्राप्त करने या बनाए रखने में मदद करना, और किसी भी प्रकार की घृणा या हिंसा के बिना सुखी सामाजिक संबंध बनाना है। इसी के साथ कुछ अन्य प्रमुख लक्ष्य जैसे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन दोनों में सत्य और अहिंसा के मूल्यों के आधार पर महात्मा गांधी के जीवन, उपदेश और अभ्यास में परिलक्षित जीवन के तरीके को बढ़ावा देना तथा गांधीजी की शिक्षाओं के प्रचार- प्रसार के लिए पत्रिकाओं, पुस्तकों, पुस्तिकाओं, साहित्य आदि को विशेष संदर्भ में प्रकाशित करना और चुने गए व्यक्तियों के प्रशिक्षण के लिए प्रदान करना है। इसी चरण में प्रकाशित गांधी मार्ग (Gandhi Marg), एस. के. जॉर्ज (S.K. George) द्वारा 1957 में प्रकाशित एक पत्रिका है, बाद में उनकी जगह जी रामचंद्रन (G. Ramchandran) द्वारा ले ली गई थी। 1965 तक यह पत्रिका गांधी स्मारक निधि द्वारा प्रकाशित की जाती थी और अपने 10 वें वार्षिक वर्ष से इस पत्रिका को गांधी पीस फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित किया जाने लगा। 1973 से 1979 तक यह पत्रिका कुछ समय के लिए प्रकाशित होनी बंद हो गई‚ उसके पश्चात मासिक आधार पर फिर से शुरू हुई। 1989 के बाद गांधी मार्ग एक त्रैमासिक अनुसूची में लौट आया।

संदर्भ:-

https://bit.ly/32983Eu
https://bit.ly/3p4A09k
https://bit.ly/3GQQ2d9

चित्र संदर्भ

1. “गांधी पीस फाउंडेशन” शाखा को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. 1 रुपये के ‘गांधी स्मारक निधि’ नोट को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. राधा भट्ट, 'गांधी पीस फाउंडेशन' की अध्यक्ष को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)