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तकनीकी और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ भारत के अधिकांश क्षेत्र तेजी से शहरीकरण की
ओर बढ़ते जा रहे हैं। किंतु जो मुख्य समस्या तीव्र शहरीकरण के साथ उभर रही है, उनमें
सीवेज सिस्टम का उचित प्रबंधन और निर्माण भी शामिल है। भारत में तेजी से बढ़ते बड़े शहर
सीवेज सिस्टम से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई शहरों में
अभी भी ऐसे खुले नाले मौजूद हैं, जो पुराने जमाने में हुआ करते थे।सीवेज के अनुपयुक्त
उपचार से शहरों के लिए अनेकों समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
भारत में 70% से अधिक उत्पन्न सीवेज का उपचार नहीं किया जाता है, और उसे सीधे जल
निकायों में छोड़ दिया जाता है, जो कि हमारे स्वच्छ पानी के संसाधनों को प्रदूषित करते हैं। यह
अनुपचारित सीवेज तब सतही जल निकायों में प्रवेश करता है, जो एक प्रमुख प्रदूषक बन जाता
है। यह भारत में स्वच्छ पानी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है जो लाखों लोगों के स्वास्थ्य के
लिए एक गंभीर खतरा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल पानी से होने वाली
बीमारियों के कारण लगभग 3.4 मिलियन मौतें दर्ज की जाती हैं।अनुपचारित सीवेज भारत में
जल स्रोतों का प्रमुख प्रदूषक है, जिससे डायरिया (जिससे सालाना 350,000 भारतीय बच्चों की
मौत होती है), कृषि संदूषण और पर्यावरणीय गिरावट सहित कई बीमारियाँ होती हैं। शहरी गरीब
अक्सर गंदे नालों और नहरों के किनारे रहते हैं जिनमें मच्छर और कीटाणु पनपते हैं।
भारत के सबसे बड़े शहरों में केंद्रीकृत सीवेज सिस्टम की सुविधा उपलब्ध है, जिनमें भूमिगत
पाइप, पंपिंग स्टेशन और उपचार संयंत्र शामिल हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्ययनों के
अनुसार, भारत में लगभग 1,093 चालू सीवेज उपचार संयंत्र हैं, जिनमें से 578 सीवेज ट्रीटमेंट
प्लांट (जिनकी 12,200 MLD की संयुक्त क्षमता है),प्रदूषण नियंत्रण समितियों द्वारा निर्धारित
सहमति मानकों का अनुपालन करते हैं।चेन्नई,पुणे,बेंगलुरू,दिल्ली आदि ऐसे शहर हैं, जो सीवेज
उपचार की अधिक कुशल प्रणाली निर्मित करने की ओर प्रयासरत हैं, तथा इस प्रकार अपनी
नदियों और नहरों के प्रदूषण की समस्या को कम कर रहे हैं।भले ही भारत के सबसे बड़े शहरों
में केंद्रीकृत सीवेज सिस्टम मौजूद हैं,लेकिन इन प्रणालियों का निर्माण और संचालन करना बहुत
महंगा है। ऐसा इसलिए है,क्योंकि इनके संचालन के लिए निर्बाध बिजली, कुशल ऑपरेटरों और
व्यापक रखरखाव की आवश्यकता होती है। नतीजतन, भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
अनुसार, उनमें से आधे से भी कम प्रभावी ढंग से काम करते हैं।इतना ही नहीं, भारत के छोटे
शहर ऐसी प्रणालियों का निर्माण करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।केंद्रीकृत संयंत्रों के निर्माण
और रखरखाव की लागत दर अधिक होने के कारण हमारा देश दूरस्थ क्षेत्रों के लिए विकेन्द्रीकृत
प्रणालियों को प्राथमिकता देता है,जो अभी भी स्वच्छता से दूर हैं।इसलिए, सीवेज के उपचार के
लिए अधिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है।कुछ संगठन ऐसे सीवेज सिस्टम
विकसित कर रहे हैं, जो कम खर्चीले और अधिक प्रभावी हैं।
मध्य मेरठ में हमारा अपना अबू नाला अभी भी सबसे अच्छी व्यवस्था है। इसके अलावा हाल के
वर्षों में भी हमारे शहर में सीवेज सिस्टम में काफी निवेश हुआ है। 2019 में यमुना नदी के
किनारे स्थित शहरों के लिए 1387.71 करोड़ रुपये की सीवरेज बुनियादी ढांचे और अन्य
परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इन परियोजनाओं में सीवेज उपचार संयंत्रों का निर्माण और
उनका नवीनीकरण, सीवेज उपचार संयंत्रों की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली और अन्य बुनियादी
ढांचे से सम्बंधित परियोजनाएं शामिल हैं। किसी भी आवासीय योजनाओं में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
वहां की गंदगी को डिस्पोज ऑफ (Dispose off) करने के लिए लगाया जाता है। इस डिस्पोज
सामग्री से निकलने वाले हजारों लीटर पानी को इन्हीं प्लांट में रिसाइकल कर उसको पीने के
लायक बनाया जाता है। हालांकि अधिकांश स्थानों में इस तरह की टेक्नोलॉजी कारगर सिद्ध
नहीं हुई है। पानी को रिसाइकल कर शुद्ध तो किया जाता है लेकिन उसका कोई भी प्रयोग न
कर नाले में फेंका जा रहा है।मेरठ विकास प्राधिकरण ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर करोड़ों खर्च
किए हैं तथा प्राधिकरण ने अपनी लगभग हर योजना में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए हैं।
लेकिन मुख्य समस्या यह है, कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जल तो शोधित हो रहा है लेकिन
शोधन के बाद इसे वापस नाले में फेंक दिया जाता है।इन संयंत्रों को संचालित करने में बिजली
का ही खर्च 5 करोड़ सालाना से अधिक पहुंच जाता है।यदि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का सही तरह
से उपयोग किया जाता है, तो सीवेज सिस्टम की कार्य प्रणाली में सुधार किया जा सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3GIFzk2
https://bit.ly/3EZdEf3
https://bit.ly/3oUUzoF
https://bit.ly/3DUy0F8
https://bit.ly/31Y8Jwz
चित्र संदर्भ
1. सीवेज सिस्टम प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wel.cigar)
2. खुले में बहते नाले को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. सीवेज सफाई कर्मचारी को दर्शाता एक चित्रण (factly)
4.सीवेज सिस्टम प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (geograph)
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