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भारत को “बंगले” (Bungalows) की उत्पत्ति माना जाता हैं‚ लेकिन यह इतना
आसान नहीं है। किसी भी बंगले के यहां दिखाई देने से पहले यह शब्द सैकड़ों वर्षों
से मौजूद रहा है। 1659 में भारत में एक अंग्रेज द्वारा अस्थायी और जल्दी से
बनाए गए आश्रय को “बंगुलौज़” (Bunguloues) के रूप में संदर्भित किया गया
था। भारत में अंग्रेज‚ देशी मजदूरों द्वारा उनके लिए बनाए गए घरों का वर्णन
करते थे: लंबी‚ नीची इमारतें जिनमें चौड़े बरामदे‚ चौड़ी छतें और गहरे लटके हुए
छज्जे थे। पहले छप्पर और बाद में अग्निरोधक टाइल (tile)‚ उष्णकटिबंधीय गर्मी
के खिलाफ एक इन्सुलेट वायु स्थान भी संलग्न है। मेरठ छावनियों में आज भीकुछ शुरुआती अंग्रेजी बंगले मौजूद हैं ।
1870 के आसपास‚ नए फैशनेबल अंग्रेजी समुद्र तट छुट्टी घरों (seacoast
vacation houses) के बिल्डरों ने उन्हें “बंगलों” (bungalows) के रूप में संदर्भित
किया‚ जिससे उन्हें एक आकर्षक‚ खुरदरी और तैयार छवि प्राप्त हुई। “बांग्ला”
(bangla)‚ “बंगले” (bungales) और “बंगगोलो” (banggolos) अंग्रेजी वर्तनी से
पहले “बंगला” (bungalow) ने 1820 तक दूसरों का स्थान ले लिया था। अमेरिका
(America) का बंगले के साथ एक लंबा संबंध रहा है। बंगला 1880 के दशक में
अमेरिका में दिखा‚ विशेष रूप से न्यू इंग्लैंड (New England) में। लेकिन दक्षिणी
कैलिफोर्निया (Southern California) में इसके विकास ने साल भर के घर (year-
round house) के रूप में अपनी नई भूमिका का मार्ग प्रशस्त किया‚ और इसे
सबसे लोकप्रिय घर शैली में संघटित किया‚ जिसे अमेरिकियों द्वारा कभी जाना
जाता था। कैलिफोर्निया में बरामदा और आँगन के साथ एक “प्राकृतिक” घर के
लिए जलवायु एकदम सही थी‚ लेकिन कैलिफोर्निया में अमेरिकी बंगले के जन्म के
लिए समाजशास्त्रीय कारण भी थे। कैलिफ़ोर्निया बंगला एक अच्छी तरह से
परिभाषित नई शैली था। इसके निर्माण-स्थान के साथ इसका सहानुभूतिपूर्ण संबंध
सर्वोपरि था। घर के अंदर और बाहर छतों‚ बरामदों‚ स्क्रीन पोर्चों (Porches)‚
आंगनों‚ दरबारों‚ लता-मंडप और जाली में आपस में मिलते-जुलते हैं।
बंगला शैली के सबसे महान कलाकार भाई चार्ल्स और हेनरी ग्रीन (Charles and
Henry Greene)‚ आर्किटेक्ट थे‚ जिन्होंने एक सच्चे शिल्पकार-निर्मित घर की
संभावनाओं का पता लगाने के लिए अपने नव-औपनिवेशिक और रानी ऐनी
(Queen Anne) रूपांकनों को छोड़ दिया। यह 1901 में चार्ल्स द्वारा इंग्लैंड की
यात्रा के बाद था‚ उन्होंने कला और शिल्प के आदर्शों को वापस लाया‚ जो शायद
उस आंदोलन से दस साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) के
पश्चिमी तट पर पहुंच गया होगा। उन्होंने एक कलात्मक छलांग लगाई‚ एक न्यु
कैलिफ़ोर्निया मातृभाषा में कई दुनिया के सर्वश्रेष्ठ को संश्लेषित करने का प्रयास
किया: क्षेत्र के एडोब (adobe) और मिशन (Mission) रूप‚ पूर्वोत्तर में रिचर्डसन
(Richardson) की ऊबड़ शिंगल शैली (rugged Shingle Style) तथा इतालवी
(Italian) और जापानी (Japanese) वास्तुकला का अध्ययन किया। ग्रीन्स
(Greenes) ने‚ ‘शैलेट’ (chalet) अर्थात एक लोक बढ़ई के सपने को अपने आधार
के रूप में चुना। शैलेट‚ एक सीधी और विशाल छत‚ उजागर संरचना है। वे घरों
को “बंगले” कहते थे‚ उन्होंने बंगलों का आविष्कार नहीं किया बल्कि उन्हें अस्थायी
वास्तुकला के निचले रूप से बदल दिया।
इस बीच‚ 2000 मील दूर‚ प्रेयरी स्टाइल (Prairie Style) को अभिनव युवा
आर्किटेक्ट्स के एक समूह द्वारा विकसित किया जा रहा था‚ लेकिन वह किसी भी
तरह से अकेला प्रर्वतक नहीं था। शिकागो (Chicago) के आर्किटेक्ट भी एक
मंजिला घरों का निर्माण कर रहे थे‚ जो मिडवेस्टर्न प्रेयरी (Midwestern prairie)
की क्षैतिज रेखाओं से खेल रहे थे। ग्रीन और ग्रीन (Greene & Greene) की
तरह शिकागो आर्किटेक्ट‚ कला और शिल्प आंदोलन से प्रभावित थे‚ और उनके
साधारण लकड़ी के अंदरूनी भाग वेस्ट कोस्ट बंगलों के समान थे।
बरामदा (Verandah) एक छत वाला‚ खुली हवा में गलियारा या पोर्च है‚ जो एक
इमारत के बाहर से जुड़ा हुआ होता है। ये अक्सर एक रेलिंग (railing) से घिरा
होता है और संरचना के सामने और किनारों पर फैला होता है। जिस शब्द का
प्रयोग “बरामदा” के रूप में इंग्लैंड (England) और फ्रांस (France) में किया जाता
है‚ वह भारत से अंग्रेज़ो द्वारा लाया गया था। बरामदा ऑस्ट्रेलियाई (Australian)
स्थानीय वास्तुकला में काफी प्रमुखता से प्रदर्शित हुआ और पहली बार 1850 के
दशक के दौरान औपनिवेशिक भवनों में व्यापक हो गया था। विक्टोरियन फिलिग्री
वास्तुकला शैली (Victorian Filigree architecture style) का उपयोग आवासीय
और पूरे ऑस्ट्रेलिया में वाणिज्यिक भवनों द्वारा किया जाता है और इसमें गढ़ा
लोहा‚ लोहे का “पट्ठा” या लकड़ी की नक्काशी‚ सजावटी आवरण होता है।
क्वींसलैंडर (Queenslander) क्वींसलैंड‚ ऑस्ट्रेलिया (Queensland‚ Australia)
में आवासीय निर्माण की एक शैली है‚ जो उपोष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुकूल है
और इसके बड़े बरामदे इसकी विशेषता है‚ जो कभी-कभी पूरे घर को घेर लेते हैं।
ब्राजील (Brazil) के बंदेइरिस्टा शैली (bandeirista style) के घर में आमतौर पर
सूर्योदय का आनंद लेने के लिए एक बरामदा होता है। पोलैंड (Poland) में‚ शब्द
“बरामदा” (weranda) आमतौर पर बिना दीवारों के या कांच की दीवारों के साथ
एक घर में बिना गरम छत वाले अनुबंध के लिए उपयोग किया जाता है।
एक गर्म‚ उष्णकटिबंधीय देश होने के नाते‚ भारत में बरामदा एक प्राकृतिक विचार
था। उत्तरी भारत में‚ जहाँ मध्य एशियाई प्रभाव प्रबल था‚ इसके स्थान पर
चारदीवारी वाले प्रांगणों का उपयोग किया जाता था। दक्षिण भारत में बरामदा शैली
के प्रांगण बहुत आम हैं‚ खासकर केरल और कोंकण जैसे राज्यों में। कोंकण
पारंपरिक वास्तुकला में‚ बरामदे को “ओटी” (Otti) कहा जाता है‚ एक अर्ध-खुला
स्थान जिसमें कम ऊंचाई वाले बैठने की जगह स्थायी छत से ढकी होती है और
कभी-कभी किनारों पर लकड़ी की जाली की छोटी दीवारें भी बनाई जाती हैं। यह
दोपहर और शाम के समय घर के सदस्यों को अस्थायी विश्राम स्थान प्रदान करता
है।
अंग्रेजी भाषा में बरामदा शब्द की उत्पत्ति इस क्षेत्र के लिए बकाया है। पुर्तगाली
शब्द वरांदा (varanda)‚ स्थानीय भाषा में बरामदा (verandah) के रूप में विशेष
रूप से मलयालम और मराठी में मिला। यह बाद में अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं
में एक ऋण के रूप में बरामदा शब्द में प्रचलित हुआ।
संदर्भ:
https://bit.ly/32GWEfs
https://bit.ly/3ldeUDu
https://bit.ly/3nYJ6Eg
https://bit.ly/32AFvnr
चित्र संदर्भ
1. शिमला में स्थित पुराने बंगले को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. 1880 के औपनिवेशिक बंगले को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. लॉस सेरिटोस, लॉन्ग बीच, कैलिफ़ोर्निया (Long Beach, California) में जेनी ए रीव हाउस (Jenny A. Reeve House), को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. क्वींसलैंडर शैली में घर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. 1846 में निर्मित न्यूस्टेड हाउस, न्यूस्टेड, क्वींसलैंड (Newstead House, Newstead, Queensland) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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