मोटी-मोटी किताबों को पढ़ लेने के पश्चात् कई बार हमारे मन में यह भ्रम उत्पन्न होने लगता हैं की "ऐसा कुछ भी
नहीं है, जिसे में नहीं जानते!" किंतु हकीकत इसके एकदम विपरीत हैं। वास्तव में यह दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी हैं,
जिंतना हम जानते हैं उससे कई गुना अधिक हम नहीं जानते! और संभवतः मानव के इतिहास में कई घटनायें और
और किस्से ऐसे भी घटित हुए हैं, जिन्हे हम कभी नहीं जान पाएंगे और वे घटनाएँ एक रहस्य के रूप में विलुप्त हो
जायेंगे। ऐसे ही रहस्यमई और आदर्शवादी किस्से दुनियां के सबसे प्राचीन संगठन फ्रीमेसनरी के भी हैं।
फ्रीमेसनरी (Freemasonry) क्या है?
फ्रीमेसनरी को विश्व के सबसे प्राचीन धर्मनिरपेक्ष बिरादरी (secular fraternal) समाजों में से एक माना जाता है।
यह विश्वव्यापी संगठन मुख्य रूप से ईश्वर के पितृत्व और मनुष्य के भाईचारे के सिद्धांत पर आधारित है। आसान
शब्दों में समझें तो फ्रीमेसनरी ऐसे लोगों का संगठन है, जो भाईचारे में विश्वास करते हैं और दूसरों की मदद करते हैं।
इसके सदस्यों को "फ्रीमेसन" (पूर्ण रूप से: "प्राचीन, मुक्त और स्वीकृत राजमिस्त्री", या बस "राजमिस्त्री") के रूप में
जाना जाता है।
माना जाता है की विश्व में लगभग 6 मिलियन लोग फ्रीमेसन हैं। विविध देशों में फ्रीमेसनरी के
स्थानीय समूह होते है, जिन्हे "लॉज (lodges)" के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर सभी फ्रीमेसन समूह में केवल
पुरुष होते हैं, किन्तु सह-शिक्षित मेसोनिक लॉज (Masonic Lodge), और केवल महिलाओं के लिए लॉज भी हैं।
हालांकि इन्हे "नियमित" समूहों द्वारा वैध के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।
ये सभी लॉज "भाईचारे के प्यार, राहत और सच्चाई" में विश्वास करते हैं। वे अनाथ बच्चों के लिए स्कूल चलाने जैसे
चैरिटी (Charity) के लिए काम करते हैं। फ्रीमेसनरी संगठनों का विकास मध्य युग के दौरान स्टोनमेसन के समूहों
(गिल्ड्स, Guilds) से हुआ। दरसल मेसन शब्द का अर्थ निर्माण श्रमिक होता है, जिन्हें स्टोनमेसन (Stone Mason)
भी कहा जाता है। शुरुआत में इन्हे राजमिस्त्री कहा जाता था। मध्य युग के दौरान ये गिरजाघर और ऐसी ही भव्य
इमारतों का निर्माण करते थे। इन्हे स्वतंत्र राजमिस्त्री कहा जाता था। चूँकि उस समय अधिकांश श्रमिक वर्ग दास थे,
किंतु फ्रीमेसन दास नहीं थे। वरन उनके पास पर्याप्त मात्रा में धन-संपदा एकत्र थी। वे खानाबदोश प्रवर्ति रखते थे
अर्थात काम की तलाश में वे एक शहर से दूसरे शहर घूमते रहते थे।
फ्रीमेसन को अपने कौशल को गुप्त रखने की कला और आदत के रूप जाना जाता है। वे बेहद रहस्यमयी माने जाते
थे। वे अपने ज्ञान और कौशल को बेहद गोपनीय रखते हैं, यहां तक की उनके पास हर विशेष कार्य को करने के लिए
कोडवर्ड अर्थात गुप्त शब्द होते थे। वे अपने रहस्यों को गुप्त रखने की कसम खाते थे। हालांकि 1650 के दशक से
इन्होंने अपने रहस्यों को अपारंपरिक फ्रीमेसन लोगों को भी देना शुरू कर दिया।1717 में, इंग्लैंड (England) का ग्रैंड
लॉज (Grand Lodge) बनाया गया था। यह इंग्लैंड में फ्रीमेसोनरी के शासी निकाय के रूप में विकसित हुआ, और
अब इसे इंग्लैंड का यूनाइटेड ग्रैंड लॉज कहा जाता है।
कई कारणों से फ्रीमेसनरी शुरुआत से ही विवादस्पद रही है। प्रारंभिक अमेरिकी राजनीति में मेसोनिक विरोधी पार्टी
(1827-34) महत्वपूर्ण थी। कैथोलिक चर्च फ्रीमेसोनरी का विरोध करता है, राजनीतिक अधिकारी भी कभी-कभी
इसका विरोध करते हैं। नाजी जर्मनी (Nazi Germany) और पूर्वी ब्लॉक (Eastern Block) देशों ने फ्रीमेसनरी को
गैरकानूनी घोषित कर दिया।
फ्रीमेसनरी प्रतीकवाद?
फ्रीमेसन ने लंबे समय से स्टोनमेसनरी के औजारों से तैयार किए गए दृश्य प्रतीकों का उपयोग करके संचार किया है।
सबसे प्रसिद्ध फ्रीमेसन प्रतीक, "द स्क्वायर एंड कंपास (The Square and
Compass)", एक कंपास से जुड़े एक बिल्डर के वर्ग को दर्शाता है। इसके केंद्र में
"G" विवाद का विषय बना रहता है।
उदाहरण के लिए, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट
ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) के कुछ विशेषज्ञ मानते हैं
कि प्रतीक के केंद्र में "जी" ज्यामिति का प्रतिनिधित्व करता है, जो पहले
फ्रीमेसन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जबकि अन्य मानते हैं कि यह भगवान
का प्रतिनिधित्व करता है, "ब्रह्मांड का भव्य वास्तुकार।" स्क्वायर और कम्पास
मेसोनिक रिंगों पर एक लोकप्रिय प्रतीक बना हुआ है।
फ्रीमेसनरी का वर्तमान स्वरूप और उद्देश्य?
फ्रीमेसनरी को नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से संबंधित पुरुषों का समाज माना जाता है। इसके सदस्यों को
अनुष्ठानों की श्रृंखला द्वारा इसके उपदेश सिखाए जाते हैं, जो प्राचीन रूपों का पालन करते हैं। और पत्थर के
राजमिस्त्री के रीति-रिवाजों और औजारों और अलंकारिक मार्गदर्शकों का उपयोग करते हैं। इनके सदस्यों के अनुसार
यह अच्छे लोगों को और बेहतर एवं दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के लिए प्रयासरत है।
फ्रीमेसनरी वर्तमान स्वरूप में दुनिया में लगभग 280 वर्षों से और भारत में 250 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है।
पूरी दुनिया में 150 से अधिक ग्रैंड लॉज काम कर रहे हैं। भारत के ग्रैंड लॉज को नवंबर 1961 में भारत गणराज्य के
क्षेत्रों पर पूर्ण मेसोनिक अधिकार क्षेत्र के साथ एक सॉवरेन (Sovereign) ग्रैंड लॉज के रूप में प्रतिष्ठित किया गया
था। भारत के सबसे पुराने फ्रीमेसन लॉज में से एक हमारे शहर, मेरठ में भी स्थित है, जो अभी भी चल रहा है।
1880 के दशक में, महारानी विक्टोरिया के तीसरे बेटे, प्रिंस अल्बर्ट (Prince Albert) और पत्नी कुछ वर्षों के लिए
मेरठ में रहे, वह भी एक फ्रीमेसन और इस लॉज के सदस्य थे। फ्रीमेसन लॉज, उनके निवास (अलाहाबाद बैंक
बिल्डिंग) के निकट स्थित था।
भारत में 320 लॉज और 200 से अधिक अन्य मेसोनिक निकाय विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, जहां 22,000
फ्रीमेसन की सदयस्यता है। जिनके सदस्यों में मोतीलाल नेहरू, विवेकानंद, जेआरडी टाटा, किंग जॉर्ज VI और जॉर्ज
वाशिंगटन जैसे जाने माने चेहरे भी शामिल माने जाते हैं। भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, प्रथम उपराष्ट्रपति
एस राधाकृष्णन, सर फिरोजशाह मेहता, सी राजगोपालाचारी, सर जमशेदजी जीजीभॉय, पटौदी के नवाब मंसूर अली
खान, महाराजा जीवाजी राव सिंधिया सहित अन्य प्रख्यात भारतीय भी फ्रीमेसन थे। दुनिया भर में मेसोनिक संगठन
कई परोपकारी और धर्मार्थ परियोजनाओं में लगे हुए हैं।
भारत में भी मेसोनिक बिरादरी पूरे देश में कई धर्मार्थ
परियोजनाओं में शामिल है। दिल्ली में जनरल विलियम्स मेसोनिक पॉलीक्लिनिक और मेसोनिक पब्लिक स्कूल
(General Williams Masonic Polyclinic and Masonic Public School in Delhi), साथ ही कोयंबटूर में बच्चों
के लिए मेसोनिक मेडिकल केयर सेंटर, विशाखापत्तनम में स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और आवास के सर्वांगीण
विकास के लिए पिछड़े क्षेत्र में स्थित एक पूरे गांव को गोद लेना। आंध्र प्रदेश में चक्रवात पीड़ितों के लिए शेड का
निर्माण, योग्य छात्रों को प्रदान की जाने वाली कई छात्रवृत्तियां और बर्सरी, विकलांगों और वृद्धों के लिए संस्थानों की
मदद करना और समय-समय पर रक्तदान शिविर, नेत्र शिविर और अन्य स्वास्थ्य शिविर आदि आयोजित करना,
इनमें से कुछ सामाजिक कार्यों के उदाहरण हैं।
फ्रीमेसनरी का आदर्श वाक्य है भाईचारा प्यार, राहत और सच्चाई।
संदर्भ
https://bit.ly/3wnXLv3
https://bit.ly/3mPnjhL
https://bit.ly/3kc34c6
https://bit.ly/3BPXKkT
https://www.dgli-sc.com/roll.php
http://grandlodgeofindia.in/discover-freemasonry/
https://journals.openedition.org/erea/5853
https://en.wikipedia.org/wiki/Freemasonry
चित्र संदर्भ
1. फ्रीमेसन हॉल वाराणसी, भारत को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2 प्रतिज्ञा लेते हुए फ्रीमेसन को दर्शाता एक चित्रण (Britannica)
3. फ्रीमेसनरी प्रतीकवाद चिन्ह का एक चित्रण (wikimedia)
4. स्कॉटिश फ्रीमेसन के साथ किंग जॉर्ज VI का एक चित्रण (wikimedia)