भारत में विषम चिकित्सा प्रणाली या एलोपैथी के आगमन के बावजूद औषधी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल अभी भी जारी है। तबियत नासाज़ होने पर डॉक्टर के पास जाने से पहले घरों में इलाज़ का यह आज भी पसंदीदा और प्राथमिक साधन है।
मेरठ में विविध प्रकार की औषधी जडीबुटी एवं पेड़- पौधें उपलब्ध हैंI चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में इनकी अलग विथिका है। इंडियन बोटैनिकल सोसाइटी: मेरठ चैप्टर, प्लांट कॉन्सर्वेशन सोसाइटी: बॉटनी डिपार्टमेंट, आर. जी ( पी. जी) कॉलेज, मेरठ ने एक अनुसंधान परियोजना संचालित की थी जिसमे औषधी जडीबुटी एवं पेड़- पौधों कि विथिका का सरंक्षण प्रमुख उद्देश्य था।
निम्नलिखित कुछ औषधी वनस्पतियाँ और उनके सामान्य नाम, इस्तेमाल सहित दिए गए हैं:
1. अकमेला ओलेरेसिया: गोरखमुंडी : इस पेड़ का फूल दांत दर्द और वात तथा रक्तविकारों में उपयोगी है।
2. बारलेरिया लुपूलिना: कला बंसा: इसके पत्ते दमा, जीर्ण श्वसनीशोथ, आमवाती दर्द, मूत्र प्रणाली के संक्रमण का दर्द और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए निर्देशित किए जाते हैं।
3. सेंटेल्ला एशियाटिका: मण्डूकपर्णी: इसके पत्तों का मेध्य द्रव्य (मेधा शक्ति बढाने वाले) औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है।
4. एलोकार्पस गनित्रस: रुद्राक्ष: इसके बीज मिरगी के इलाज हेतु उपयुक्त हैं।
5. टर्मीनालिया अर्जुन: अर्जुन: इस पेड़ के तने की छाल रक्तविकारों में उपयोगी है।
6. टाइलोफोरा इंडिका: अंतमूल: इसके पत्तों और जड़ों का इस्तेमाल दमा, जीर्ण श्वसनीशोथ एवं नाक की सुजन और दर्द के इलाज़हेतु इस्तेमाल किया जाता है।
7. स्पिलांतस मौरिशियाना: अकरकरा: इसके फूल दांत दर्द को ठीक करने इस्तेमाल होते हैं।
उपरोक्त दी गयी सूची से हमें इस बात का एहसास हो जाता है की हमारे पूर्वजों ने बड़े स्तर पर पेड़ पौधों और उनके हर अंगो का बारीकी से अध्ययन किया था। पुराने शास्त्र साहित्य जैसे चरक संहिता (4थी श. ई.पू. – 6ठी श. ई.) , सुश्रुत संहिता( पहली श.ईसापूर्व- 6ठी श. इसवी) , अथर्ववेद (1200 ईसापूर्व- 1000 ईसापूर्व) आदि, में पेड़-पौधें, जड़ी बूटियों के औषधी गुणधर्मो के वर्णित विवरण से इस बात का हवाला हमें मिल जाता है। संहितओं का कालक्रम अभी थोड़ा विवादस्पद है लेकिन इस बात को कत्तई नाकारा नहीं जा सकता कि हमे जो विविध वनस्पतियों के औषधी गुणधर्मो की जो भी जानकारी है वह हमारे पुरखों की अनमोल देन है।
1. इंडियन जर्नल ऑफ़ ट्रेडिशनल नॉलेज वॉल्यूम 8 (2) अप्रैल 2009, फोक मेडिसिनल यूसेस ऑफ़ प्लांट रूट्स फ्रॉम मेरठ डिस्ट्रिक्ट, उत्तर प्रदेश: अमित तोमर, 298-301
2. इंडियन बोटैनिकल सोसाइटी: मेरठ चैप्टर, प्लांट कॉन्सर्वेशन सोसाइटी: बॉटनी डिपार्टमेंट, आर. जी ( पी. जी) कॉलेज, मेरठ http://www.indianbotsoc.org/admin/pdf/IBS%20MEERUT%20CHAPTER1444123232.pdf
3. न्यू प्लांट रेकॉर्ड्स फ्रॉम अप्पर गंगेटिक प्लेन फ्रॉम मेरठ एंड इट्स नेबरहुड: वाय. एस मूर्ती और वी. सिंग
http://www.insa.nic.in/writereaddata/UpLoadedFiles/PINSA/Vol27B_1961_1_Art03.pdf