गंगा यमुना दोआब के उर्वर किनारे बसे मेरठ की जमीन हिमालय से बहती नदियों द्वारा लायी जलोढ़ गाद से संपन्न हैं।
इसके साथ अनुकूल वातावरण के कारण मेरठ विभिन्न फ़सलों, कृषि उपज एवं वनस्पति जगत का धनी है।
गन्ना, गेहू, चावल, अरहर और सरसों यह मेरठ की प्रमुख फ़सलें हैं।
यहाँ 198941 हेक्टेयर निवल कृषि योग्य क्षेत्र के साथ साथ सिंचन 99.60 प्रतिशत उपलब्ध है। कृषि विज्ञान केंद्र के जिला रुपरेखानुसार क्विंटल/हेक्टेयर उपलब्धता कुछ इस प्रकार विभाजित कि गई है:
1. गन्ना: 708
2. गेहूं: 42.27
3. सरसों: 12.60
4. पैडी (धान) : 28.74
5. अरहर: 12.00
गन्ना यहाँ की प्रमुख नगदी फ़सलों में से एक होने के कारण चीनी/शक्कर निर्माण यहाँ के प्रमुख उद्योगों में से है।
ब्लास्ट और ब्लाइट (विस्फोट एवं तुषार) यहाँ के धान में देखे जाने वाले फ़सल- रोगों में प्रमुख हैं। मोज़ेक यह वनस्पतियों में दिखनेवाला विषाक्त संक्रामक रोग भी यहाँ की फसलों में देखा गया है। गन्ने में सफेद कोड़ना, शीर्ष छिद्रक कीट; चावल में तनाछेदक कीट और टमाटर, बैंगन, भिन्डी में मिलने वाले फल छेदक कीट भी यहाँ कि प्रमुख वनस्पति रोगों में गिने जाते हैं।
राष्ट्रीय विकास परिषद के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने व्यापक जिला कृषि योजना बनाई है। इसके अनुसार राज्य सरकार काफी परिवर्तनात्मक योजनाएं कृषि क्षेत्र की बढ़ोत्रि के लिए अंकित कर रही है। मवेशी, मुर्गीपालन, मत्स्योद्योग और इन कृषि योजनाओं का बेहतर समाकलन कर राज्य सरकार राज्य विकास परिषद के साथ मिल मेरठ के कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील है।
उपरोक्त योजनाओं के साथ कृषि जलवायु परिस्थितियाँ, प्राकृतिक संसाधन एवं उपलब्ध प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी कृषि क्षेत्र के इजाफे हेतु किया जा रहा है। मेरठ के फ़सल उत्पादकता की राज्य औसत बाकी राज्यों से काफी अच्छी है मगर राज्य सरकार यहाँ की राष्ट्रीय औसत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि वह हरियाणा और पंजाब इन पड़ोसी राज्यों से अपेक्षाकृत कम है।
1. डिस्ट्रिक्ट प्रोफाइल: कृषि विज्ञान केंद्र मेरठ http://meerut.kvk4.in/district-profile.html
2. सी-डैप (मेरठ) : व्यापक जिला कृषि योजना- मेरठ