भारत में वन्यजीव फोटोग्राफी की संभावनाएं व करियर

मेरठ

 05-10-2021 07:38 PM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

वन्यजीव फोटोग्राफी (Wildlife photography)‚ फोटोग्राफी की एक शैली है‚ जो वन्यजीवों के विभिन्न रूपों को उनके प्राकृतिक आवास में प्रलेखित करने से संबंधित है। वन्यजीव फोटोग्राफरों को‚ फोटोग्राफी कौशल के साथ-साथ‚ फील्ड क्राफ्ट कौशल की आवश्यकता भी होती है। क्योंकि‚ कुछ जानवरों और पक्षियों से संपर्क करना मुश्किल होता है और इस प्रकार जानवरों और पक्षियों के व्यवहार के ज्ञान की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने कार्यों को पूर्व-सूचित कर सकें। कुछ प्रजातियों की तस्वीरें लेने के लिए‚ पीछा करने का कौशल या आड़ में छिपाने की आवश्यकता भी होती है।
वन्यजीव तस्वीरें बुनियादी उपकरणों का उपयोग करके भी ली जा सकती हैं‚ कुछ प्रकार के वन्यजीवों की सफल फोटोग्राफी के लिए‚ विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है‚ जैसे कि कीड़ों के लिए मैक्रो लेंस‚ पक्षियों के लिए लंबे फोकल लेंथ लेंस तथा समुद्री जीवन के लिए पानी के नीचे के कैमरे। हालांकि‚ एक महान वन्यजीव तस्वीर‚ सही समय पर सही जगह पर होने का परिणाम भी हो सकती है और अक्सर फोटोग्राफी में दिलचस्प परिस्थितियों को कैद करने के लिए जानवरों के व्यवहार की अच्छी समझ भी शामिल होती है।
फोटोग्राफी के शुरुआती दिनों में‚ धीमे लेंस और फोटोग्राफिक मीडिया की कम संवेदनशीलता के कारण वन्यजीवों की तस्वीर प्राप्त करना मुश्किल था। पहले जानवरों की तस्वीरों में‚ आमतौर पर पालतू जानवर तथा चिड़ियाघर के जानवर ही होते थे। इनमें 1854 में ब्रिस्टल चिड़ियाघर (Bristol zoo) में लिए गए शेर के शावकों की तस्वीरें और 1864 में फ्रैंक हेस (Frank Hayes) द्वारा अंतिम क्वागा (Quagga) की तस्वीरें शामिल थीं। 1880 के दशक में जब‚ तेज फोटोग्राफी इमल्शन तथा शटर आए‚ तब वन्यजीव फोटोग्राफी ने अधिक कर्षण प्राप्त किया। वन्यजीव फोटोग्राफी‚ युवाओं द्वारा सबसे रोमांचक करियर विकल्पों में से एक के रूप में उभर रहा है। यहां तक कि बाहर के करियर वाले पेशेवर भी इसे अपना रहे हैं। वन्यजीव फोटोग्राफी काफी दिलचस्प है‚ खासकर जब व्यक्ति यात्रा और प्रकृति से प्यार करता हो। यह विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की यात्रा के साथ प्रकृति की सुंदरता का अनुभव भी कराता है। सफारी (Safari) पर जाते समय वन्यजीव फोटोग्राफर कुछ आकर्षक क्षणों को अपने कैमरे में कैद कर सकता है जिनका सामना वह जंगल में करता है। करियर विकल्प के रूप में इसे चुनने से पहले व्यक्ति को वन्यजीव फोटोग्राफी के सभी पहलुओं का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है‚ कि भारत में‚ खासकर शुरुआत में‚ वन्यजीव फोटोग्राफी को करियर विकल्प के रूप में चुनने से व्यक्ति को अधिक पैसा नहीं मिल सकता है। कमाने के लिए‚ अपनी कमाई के साधनों में विविधता लाने की आवश्यकता हो सकती है। व्यक्ति अपनी छवियों को स्टॉक वेबसाइटों पर बेचने का प्रयास कर सकते हैं। काफी अनुभव प्राप्त करने के बाद‚ युवा. प्रतिभाओं को पढ़ाने के लिए कार्यशालाओं तथा कार्यक्रमों पर विचार कर सकते हैं‚ जो कुछ हद तक आर्थिक रूप से भी मदद कर सकता है।
अपने पहले शूट के लिए‚ महत्वाकांक्षी वन्यजीव फोटोग्राफरों को बस अपने कैमरे उठाकर तलाश शुरू कर देनी चाहिए। विभिन्न कोणों का प्रयास करना चाहिए‚ प्रकाश व्यवस्था के साथ प्रयोग करने चाहिए‚ अपने विषयों के बारे में पढ़ते रहना चाहिए‚ जिसमें धैर्य सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। इसके अलावा‚ प्रकृति का सम्मान करें और जंगल में अपने परिवेश पर उचित ध्यान दें‚ जंगल के अंदर आचार संहिता का पालन करें‚ प्रकृति की सुंदरता की सराहना करें और पशु कल्याण और वन्यजीव संरक्षण के लिए अपना योगदान दें।
जानवरों को तस्वीर में पकड़ना मुश्किल होता है। जानवर कभी भी एक योग्य छवि नहीं देते हैं‚ इसलिए फोटोग्राफर के लिए सही स्थान व सही समय काफी मायने रखता है। आवश्यक यह है कि धैर्यपूर्वक बैठकर किसी पक्षी‚ या किसी जानवर का अवलोकन किया जाए और उस सही शॉट की प्रतीक्षा की जाए। यह ध्यान देने योग्य बात है कि एक वन्यजीव फोटोग्राफर को अनैतिक कार्य नहीं करने चाहिए। ऐसे समय होते हैं जब फोटोग्राफर अनैतिक साधन‚ जैसे बर्ड कॉल बजाते हैं। वे जिस जानवर को क्लिक करने की कोशिश कर रहे होते हैं‚ उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए अलग-अलग शोर और आवाजें भी निकालते हैं। कभी-कभी यह ध्वनि या शोर जानवरों को बहुत परेशान करता है‚ जिसके कारण वे अनावश्यक तनाव से गुजरते हैं। इसके अलावा‚ कई बार ऐसा भी हो सकता है कि जानवर बहुत सहयोगी ना हो‚ ऐसे समय में फोटोग्राफर को जानवर का पीछा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए‚ जो खतरनाक भी साबित हो सकता है।
जंगलों में मौसम की स्थिति हमेशा चरम होती है। सुबह के समय सुंदर प्रवासी पक्षियों को कैमरे में कैद किया जा सकता है‚ लेकिन सर्दियों के दौरान‚ जंगल आमतौर पर घने कोहरे से ढके रहते हैं‚ जिससे कैमरे को संचालित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि अत्यधिक ठंड के मौसम में उंगलियां जम जाती हैं। साथ ही सर्दियों में शूटिंग के दौरान ग्लव्स (Gloves) पहनना भी एक समस्या बन जाती है। मानसून के दौरान‚ अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है‚ क्योंकि कैमरे को धुंध या हवा में नमी से बचाने की आवश्यकता होती है‚ जो कैमरे के सेंसर को प्रभावित करता है। गर्मियों के दौरान‚ खासकर दोपहर के समय में‚ सूरज की चिलचिलाती रोशनी और गर्मी‚ कई छवियों को खराब कर देती हैं। सफारी पर हमेशा ध्यान रखाना चाहिए‚ कि जानवरों को परेशान किए बिना तथा जंगल को उसकी प्रकृति के साथ कैमरे में कैद करने की कोशिश करें। जंगलों के महत्व को समझना और वन्यजीवों का संरक्षण समय की मांग है।
वर्ष 2021 की वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर (Wildlife Photographer of the Year) प्रतियोगिता में दुनिया भर से रिकॉर्ड तोड़ प्रविष्टियों के साथ‚ वर्ष के 57वें वन्यजीव फोटोग्राफर के न्यायाधीशों ने अब तक का सबसे कठिन काम किया है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर‚ प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय की वार्षिक प्रतियोगिता और प्रदर्शनी है जो फोटोग्राफी‚ विज्ञान और कला के बीच अद्वितीय और सुंदर संबंधों को उजागर करती है। इस प्रदर्शनी में अद्वितीय और आकर्षक छवियों में एक अविश्वसनीय रेंज है‚ जिसमें तस्वीरें हमारे ग्रह के भविष्य को सुरक्षित करने में पृथ्वी पर जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता के महत्व की एक आकर्षक अनुस्मारक हैं। 15 अक्टूबर 2021 को लंदन (London) संग्रहालय में बहुप्रतीक्षित प्रदर्शनी के उद्घाटन से पहले अत्यधिक प्रशंसित तस्वीरों का एक विशेष चयन जारी किया गया है। इस लेख का एक पुराना संस्करण 2021 के बजाय वर्ष 2020 के शीर्षक में लॉन्च किया गया था। जिसमें व्यवहार: स्तनधारी‚ व्यवहार: पक्षी‚ व्यवहार: उभयचर और सरीसृप‚ महासागर - द बिगर पिक्चर (The Bigger Picture)‚ आर्द्रभूमि - द बिगर पिक्चर‚ पौधे और कवक‚ प्राकृतिक कलात्मकता‚ पशु चित्र‚ फोटोपत्रकारिता‚ अंडरवाटर‚ शहरी वन्यजीवन‚ इसके कुछ अत्यधिक प्रशंसित प्रमुख शीर्षक थे।
भारतीय उपमहाद्वीप एक विविध परिदृश्य के साथ चित्रित किया गया है‚ जहां जलवायु परिस्थितियाँ‚ वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्राकृतिक आवास के रूप में काम करती हैं। यहाँ हिमालय की चोटियों से शुरू होकर‚ रेगिस्तान‚ जंगलों‚ झीलों और नदियों के माध्यम से हिंद महासागर के तट तक‚ वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए काफी गंतव्य आते हैं‚ जिनमें से कुछ शीर्ष 10 गंतव्य इस प्रकार हैं:
1. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान‚
2. कॉर्बेट नेशनल पार्क‚
3. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान‚
4. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान‚
5. गिर राष्ट्रीय उद्यान‚
6. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान‚
7. भरतपुर पक्षी अभयारण्य‚
8. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान‚
9. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान‚ तथा
10. पेंच राष्ट्रीय उद्यान।

एक वन्यजीव फोटोग्राफर जिसने 10वीं या 12वीं कक्षा पास की हो और पेशेवर फोटोग्राफी या वन्यजीव फोटोग्राफी में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स किया हो‚ वह वन्यजीव फोटोग्राफर बनने के लिए अच्छी तरह से योग्य है। और इस पेशे के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है। भारत में‚ फोटोग्राफी में स्नातक डिप्लोमा या डिग्री प्रदान करने वाले बहुत से संस्थान उपलब्ध हैं। वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए एक ऑनलाइन समुदाय‚ इंडिया नेचर वॉच (India Nature Watch) भी है‚ जो एशिया (Asia) में युवा नवोदित फोटोग्राफरों के लिए सबसे बड़ा ऑनलाइन पोर्टल है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3l9HKoB
https://bit.ly/3Ab5wEU
https://bit.ly/3Fa80aq
https://bit.ly/3FkEmzc

चित्र संदर्भ
1. जानवरों की तस्वीरें लेते दो भारतीय फोटोग्राफरों का एक चित्रण ( Brett Cole Photography)
2. पानी के नीचे फोटोग्राफी प्रशिक्षण संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. ब्रिस्टल चिड़ियाघर (Bristol zoo) में लिए गए शेर के शावकों की तस्वीरें (youtube)
4. जिज्ञासु नेवले के साथ फोटोग्राफर की शानदार तस्वीर (youtube)
5. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर‚ 2019 की प्रतियोगिता से शानदार चित्रण (AWOL)
6. राष्ट्रीय पक्षी मोर का शानदार चित्रण (netgeo)

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