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पौधों के विकास में सूक्ष्मजीवों की वही भूमिका है जो है स्वस्थ इंसानों में प्रोबायोटिक्स की

मेरठ

 24-09-2021 09:11 AM
कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल

हमारे देश की अर्थव्यवस्था और सेहत, बड़े पैमाने पर देश के किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों पर निर्भर है। वहीं इन फसलों की सेहत, खेतों की मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों पर निर्भर करती हैं। यह पूरे एक चक्र की भांति काम करता है। यदि हमारी मृदा सेहतमंद रहेगी तो निश्चित रूप से हमारी सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
इंसानों की भांति पोंधों में भी प्रोबायोटिक्स (Probiotics) होते है, जो मनुष्य की त्वचा पर और शरीर के अंदर होते हैं। दरअसल प्रोबायोटिक्स ऐसे रोगाणु होते हैं, जो मनुष्य की पाचन प्रक्रिया में सहायक होते हैं। पौधों में भी मनुष्य के समान प्रणाली होती है, जहां सूक्ष्मजीव, पौधों की जड़ों पर और ऊपर रहते हैं। इनमें से कई प्रजातियां, जिन्हें प्लांट ग्रोथ प्रोमोटिंग (plant growth-promoting) राइजोबैक्टीरिया (उर्फ पीजीपीआर PGPRs) कहा जाता है, तथा जो पौधों के लिए फायदेमंद होती हैं।
पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के अलावा, पीजीपीआर पौधों को तनाव, सूखे, गर्मी या ठंड या लवण के संचय जैसी उन परेशानियों से बचाते हैं, जो उनके विकास को बाधित करते हैं। कुछ पीजीपीआर सीधे रोगजनकों का मुकाबला करने के लिए एंटीबायोटिक्स का स्राव करते हैं। पीजीपीआर पौधों को हार्मोन बनाने और जारी करने तथा बड़ा होने का संकेत भी दे सकते हैं। खेतों में सूक्ष्मजीवों के उपयोग से हवा और मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्व, पौधों के लिए उपयोगी हो जाते हैं।
स्वस्थ मिट्टी में सिर्फ एक चम्मच में एक अरब तक बैक्टीरिया हो सकते हैं। मिट्टी में बैक्टीरिया की विविधता जितनी अधिक होगी, उतने ही विविध पीजीपीआर ये पौधे आकर्षित कर सकते हैं, जो पौधे को अधिक अनुकूलनीय बनाते हैं।
बढ़ती जनसँख्या के कारण खाद्य उत्पादन और संसाधनों पर दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है। साथ ही जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान जैसी अन्य चुनौतियों से यह भी स्पष्ट है, की भविष्य में फसलों को काफी अधिक टिकाऊ बनाने की आवश्यकता होगी। जिसके लिए सूक्ष्मजीव एक अहम् भूमिका निभा सकते हैं। पौधे और बैक्टीरिया लाखों वर्षों से सहअस्तित्व में हैं, और एक दूसरे के लिए हमेशा लाभदाई साबित हुए हैं। उदाहरण के लिए, सूक्ष्मजीव पौधों को नाइट्रोजन और फॉस्फोरस प्रदान करते हैं, और बदले में पौधे उन्हें कार्बन प्रदान करते हैं। बैक्टीरिया लगातार एंजाइमों का उत्पादन करके पौधों की वृद्धि में सहायता भी करते हैं। अतः पौधों की रक्षा और उनके विकास को सुनिश्चित करने के लिए अच्छे जीवाणुओं का उपयोग करना अपेक्षाकृत नया और ज़रूरी दृष्टिकोण है।
अविश्वसनीय रूप से केवल एक मुट्ठी मिट्टी में लाखों मृदा रोगाणु होते हैं। ये रोगाणु पौधों, जड़ों और मिट्टी में रहते हैं, जो पोंधों में भी मनुष्य के भीतर मौजूद सूक्ष्म जीव के समान ही कार्य करते हैं। जैसे भोजन को तोड़ना, पोषक तत्वों तक पहुंचना और हानिकारक आक्रमणकारियों से बचाव करना आदि। आमतौर पर पोंधों में निम्न पांच प्रकार के सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं। बैक्टीरिया, एक्टिनोमाइसेट्स, कवक, प्रोटोजोआ और नेमाटोड। इन सभी सूक्ष्मजीवों का मिट्टी और पौधों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अलग-अलग योगदान है।
1. जीवाणु (bacteria): बैक्टीरिया मिट्टी के महत्वपूर्ण अंग है। वे पोषक तत्वों को और उन्हें पोंधों की जड़ों में भेजते हैं। सभी बैक्टीरिया एक जैसे नहीं होते हैं, उदारण के लिए एक प्रमुख बैक्टीरिया बैसिलस माइक्रोब (Bacillus microbe) पौधों की जड़ों की वृद्धि और उन्हें सही दिशा में फ़ैलाने के अलावा कार्बनिक पदार्थों को तोड़ता भी है। बैसिलस बीजाणु कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में मिट्टी में लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। और वे पौधों को रोग और कीटों से बचाने में मदद करते हैं और साथ ही नेमाटोड (nematode) के हमलों से जड़ों की रक्षा करते हैं। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार "जीवाणु मिट्टी में जीवन के सबसे मूल्यवान रूप हो सकते हैं।“
2. एक्टिनोमाइसेट्स (actinomycetes): एक्टिनोमाइसेट्स मिट्टी में उगने वाले पौधे के लिए एंटीबायोटिक के रूप में कार्य कर सकते हैं। हालांकि, कुछ एक्टिनोमाइसेट्स शिकारी भी होते हैं. और पौधे को नुकसान भी पंहुचा सकते हैं।
3. कवक (Fungus): बैक्टीरिया की तरह, कवक भी पोंधों की जड़ों में रहता है, और पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, माइकोराइजा एक कवक है जो जड़ों और पौधों द्वारा शर्करा, अमीनो एसिड और अन्य पोषक तत्व प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है।
4. प्रोटोजोआ (Protozoa): प्रोटोजोआ बड़े रोगाणु होते हैं, और बैक्टीरिया इन्हे खाना पसंद करते हैं, और वे बैक्टीरिया से घिरे रहते हैं।
5. नेमाटोड (Nematodes): यह एक तरह के सूक्ष्म कीड़े होते हैं, जो पौधे के आसपास या उनके भीतर रहते हैं। कुछ सूत्रकृमि परभक्षी होते हैं, जबकि अन्य लाभकारी होते हैं, ये पौधे को पोषक तत्व स्रावित करते हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/3CKqkEW
https://bit.ly/3uf1hHd
https://bit.ly/2XZ0uyi

चित्र संदर्भ
1. पौधों के विकास में सूक्ष्मजीवों अहम् भूमिका होती है, जिसको दर्शाता का एक चित्रण (123RF)
2. पोंधों की स्वस्थ जड़ों को संदर्भित करता एक चित्रण (lushlawn)
3. सूक्ष्मजीव मिट्टी के महत्वपूर्ण अंग है, जिनको संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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