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जल्द ही मलेरिया भी बीते दिनों की बात होगी

मेरठ

 24-09-2021 09:24 AM
कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल

वर्ष 2020 से दुनियाभर में कोरोना नामक जानलेवा महामारी ने बेहद उत्पात मचाया है! दुर्भाग्य से कई लोगों को महामारी की पिछली दो लहरों में अपनी जान गवानी पड़ी, किंतु इसी बीच देश में टीकाकरण की प्रक्रिया ने भी कई नए कीर्तिमान रच दिए हैं। इस पोस्ट के प्रकाशित होने से पहले तक भारत में लगभग 81,85,13,827 टीके लगाए जा चुके हैं। वहीँ इसी बीच भारत ने एक और जानलेवा बीमारी मलेरिया पर भी काफी हद तक लगाम लगा ली है। आज भारत में मलेरिया से होने वाली मौतें, वर्ष 2000 में लगभग 29,500 की तुलना में घटकर पिछले साल लगभग 7,700 रह गईं।
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी होती है, जो प्लाज्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax), प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum), प्लास्मोडियम मलेरिया (Plasmodium malariae) और प्लास्मोडियम ओवले (Plasmodium ovale) नामक परजीवी के कारण होती है। तथा संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती हैं। वैश्विक मलेरिया रिपोर्ट 2019 के अनुमान के अनुसार इस वर्ष विश्व स्तर पर, 89 देशों में मलेरिया के अनुमानित 228 मिलियन मामले थे। 2018 में मलेरिया से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 405 000 थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2018 में मलेरिया के अधिकांश मामले अफ्रीकी क्षेत्र (213 मिलियन या 93%) में थे, इसके बाद WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 3.4% रहे। हमारा देश भारत वैश्विक मलेरिया बोझ के 3% का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि सबसे अधिक मलेरिया प्रभावित देश होने के बावजूद, भारत ने 2017 की तुलना में रिपोर्ट किए गए, मलेरिया के मामलों में 49 फीसदी और मौतों में 50.5% की कमी देखी है।
भारत ने हाल के वर्षों में मलेरिया की घटनाओं को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस संदर्भ में भारत में 2016 की तुलना में 2017 में 24% और 2017 की तुलना में 2018 में 28% की कमी देखी गई है। भारत का 2027 तक मलेरिया मुक्त देश और 2030 तक उन्मूलन का महत्वकांशी सपना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत मलेरिया के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में तेज़ी से विजेता बनने की ओर अग्रसर है , विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2020 में कहा गया है कि, इस बीमारी ने 2018 में 4,11,000 की तुलना में 2019 में लगभग 4,09,000 लोगों की जान ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार भारत ने मलेरिया के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में, प्रभावशाली बढ़त हासिल करते हुए, वर्ष 2000 में दक्षिण-पूर्व एशिया में 20 मिलियन मामलों की तुलना में पिछले साल केवल लगभग 5.6 मिलियन मामलों को दर्ज करते हुए सरहनीय रूप से कमी देखी है।
दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देशों ने भी क्रमशः 73% मामलों और 74% मौतों की कमी के साथ विशेष रूप से मजबूत बढ़त हासिल की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान भारत का रहा है। सहारा अफ्रीका में मलेरिया एक व्यापक रूप से स्थानिक बीमारी है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से प्रति वर्ष लगभग 100 मिलियन मलेरिया के नए मामलों को बढ़ने से रोका जाता है, और लगभग 600,000 लोगों की जान बचाई जाती हैं। मलेरिया और COVID-19 लक्षण प्रायः सामान ही दिखाई देते हैं, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, थकान और तीव्र सिरदर्द दोनों में ही एक सामान रूप से उभरकर आते हैं। किन्तु मलेरिया की तर्ज पर कोरोना महामारी का इलाज करना एक सही उपचार नहीं होगा।
कोरोना महामारी ने पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल और ग्लोबल मलेरिया कम्युनिटी (Population Services International and the global malaria community) की निरंतरता को भी बाधित किया है। उदारहण के तौर पर महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में मलेरिया कीमोप्रिवेंशन (SMC) और कीटनाशक-उपचारित बेड नेट (ITN) वितरण भी प्रभावित हुआ है। साथ ही इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिमों के कारण मलेरिया परीक्षण और उपचार भी बाधित हुआ है। बेहद घातक होने के बावजूद मलेरिया पूरी तरह से रोकथाम और उपचार योग्य बीमारी है। इससे बचाव के लिए कीटनाशक उपचारित जाल (एलएलआईएन) और वेक्टर मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक के साथ इनडोर अवशिष्ट छिड़काव (आईआरएस) उपयोगी हो सकते हैं। यदि मलेरिया का शीघ्र निदान और पूर्ण रोग उपचार कर दिया जाय तो, रोग के फैलाव तथा मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। मलेरिया का सबसे अच्छा उपलब्ध उपचार आर्टीमिसिनिन-आधारित संयोजन चिकित्साए सीटी (ACT) है। मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण उपायों में वृद्धि करने से भारत में मलेरिया में नाटकीय रूप से कमी आई है।

संदर्भ

https://bit.ly/3nXBAdc
https://bit.ly/3AClJ7q
https://www.severemalaria.org/countries/india-0
https://www.who.int/india/health-topics/malaria
https://bit.ly/3EN4Au8

चित्र संदर्भ
1. मादा इन्फ्लुएंजा मच्छर के काटने का एक चित्रण (wikimedia)
2. जैविक इंजीनियरों ने मलेरिया की दवाओं के लिए एक नया लक्ष्य खोजा है, जिसको संदर्भित करता एक चित्रण (MIT News)
3. मच्छरों से बचाव हेतु प्रयोग की जाने वाली मच्छरदानी का एक चित्रण (flickr)

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