आश्चर्यजनक रूप से हमारे देश के प्रत्येक राज्य और शहर में कुछ ऐसे स्थान मिल ही जाते हैं, जो उस शहर
का एक वैकल्पिक प्रतीक अथवा नाम बन जाते हैं। जिनकी वजह से किसी स्थान को एक विशेष पहचान
मिल जाती है, उदाहरण के लिए नैनीताल की नैनीझील, दिल्ली का लालकिला इत्यादि। हमारा शहर मेरठ
भीं अपने भीतर अनेक ऐसे दार्शनिक और ऐतहासिक धरोहरों को समाये है, जिनकी लोकप्रियता दिन-
प्रतिदिन निरंतर बढ़ रही है। आज हम मेरठ में स्थित ऐसी ही एक प्राचीन धरोहर सूरजकुंड के बारे में
जानेगे।
सूरज कुंड उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित, एक प्राचीन और ऐतहासिक दार्शनिक स्थली है। यहाँ का सबसे
चर्चित और प्रसिद्ध स्थल यहां का तालाब है, जिसका निर्माण 1714 में लॉर जवाहर लाल, एक अमीर
व्यापारी, के द्वारा करवाया गया था। (यह दौर शाहजहां के शासन काल का माना जाता है।) अंग्रेज़ इस
तालाब को बेहद रोचक नाम "बंदर टैंक” Monkey Tank से संबोधित करते थे।
सनातन धर्म में भी इस तालाब के परिपेक्ष्य में कुछ मान्यताएं चर्चित हैं, पौराणिक कथाओं (महाभारत ) के
अनुसार, यह माना जाता है कि इसी क्षेत्र के तालाब (कुंड) में कुंती पुत्र कर्ण ने भगवान सूर्य को अपना कवच
और कुंडल अर्पित किया था। ऐसी ही धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप, इस क्षेत्र में अनेक हिंदु मंदिर भी
प्राचीन काल से स्थापित हैं। इस क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में चंडी देवी ,मनसा देवी, शामिल है, इसके अलावा इस
क्षेत्र में अभ्यारण्य भी देखने को मिल जाते हैं। यहाँ के प्राचीन मंदिरों में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा
निर्मित प्रसिद्ध बाबा मनोहर नाथ मंदिर भी शामिल है।
जमीन के बड़े भू-भाग पर फैले इस क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय संरचनाएं भी देखने को मिल जाती हैं, जिनमे
शाहपीर की दरगाह, जामा मस्जिद और सालार मसूद गाजी और अबू यार खान के मकबरे भी शामिल हैं।
यहाँ की अन्य ऐतिहासिक स्मारकों में शाहपीर की दरगाह (इस दरगाह को 1620 में जहांगीर के दरबार में
एक चिकित्सक और सलाहकार के तौर पर कार्यरत मकबरा शाहपीर की याद में बनाया गया है जिसे
भारतीय पुरातत्व सोसायटी (Archaeological Society of India) द्वारा राष्ट्रीय विरासत स्मारक के रूप
में मान्यता दी गई है।, बड़े मियां की दरगाह लोकप्रिय हैं।
वर्तमान में यह क्षेत्र जगमगाते बाज़ारों और खरीदारी करने के लिए भी मशहूर है। इन बाजारों में प्रायः सभी
प्रकार की वस्तुएं जैसे- खेल-खिलोने इत्यादि सामान खरीदने के लिए उपलब्ध होते हैं, यह स्थान खेल
उद्योग के केंद्र के रूप में जाना जाता है। खेल परिसर भी सूरज कुंड के निकट ही स्थित है।
यहां का सबसे प्रमुख और दार्शनिक स्थल सूरज कुंड पार्क का तालाब है, कई सालों तक यह तालाब वहां
बहने वाले “अबू नाला” नामक नाले के पानी से भरा जाता था, लेकिन बाद में इसे “गंगा नहर के पानी ” से
भरा जाता है। जिसके रखरखाव की जिम्मेदारी नगर-निगम उठाता है। यह क्षेत्र हरे भरे पेड़ों-पोंधो और
विभिन्न जीव जंतुओं से भरा पड़ा है, साथ ही यहाँ विविध प्रकार की औषधियां भी पाई जाती हैं। मनोरंजन
के लिए भी यहां पर ढेरों क्रियाकलाप किए जा सकते हैं।
होली, दशहरा जैसे लोकप्रिय अवसरों पर बेहद भव्य और मनोरंजक मेले भी आयोजित किए जाते हैं। यह
मेले प्रायः "सूरज कुंड मेला","नौचंदी मेला" के नाम से प्रचलित हैं। इस पार्क की देखरेख में सरकारे खर्चा भी
करती हैं, इस कारण यहाँ प्रवेश हेतु टिकट व्यवस्था भी निर्धारित की गई हैं। जानकारों के अनुसार यह
टिकट न्यूनतम पांच रुपयों से शुरू हो सकता है, साथ ही इस प्रक्रिया से पार्क में अवांछित तत्वों के प्रवेश पर
भी रोक लगेगी।
सूरज कुंड पार्क सप्ताह के सातों दिन पर्यटकों के लिए खुला रहता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी दिन सुबह 5
बजे से शाम 9:30 बजे तक इस स्थान पर जा सकता है। मेरठ में स्थित यह सुदर पार्क परिवार के साथ
क्वालिटी समय व्यतीत करने के लिए सर्वोत्तम स्थानों में से एक है, साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप
भी देश विदेश से श्रद्धालु यहां पहुँचते हैं। चूँकि 300 साल पुराने इस ऐतिहासिक पार्क के रखरखाव की
व्यवस्था सरकार के द्वारा की जाती है, परंतु इसकी सुरक्षा और सफाई, इत्यादि की जिम्मेदारी यहाँ आने
वाले प्रत्येक पर्यटक की बनती हैं। सरकार द्वारा पार्क को अधिक सुन्दर और सुलभ बनाने के लिए ग्राउंड
रिचार्ज के साथ आरडब्ल्यूएचएस, सोलर पैनल, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज, सीसीटीवी की व्यवस्था भी की जा
सकती है। यहां पर अधिक संख्या में वृक्षारोपण करके पार्क की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण
संरक्षण में भी अहम् योगदान दिया जा सकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3cGiIJh
https://bit.ly/3gB3EOj
https://bit.ly/3vu0ocM
https://bit.ly/3gCxvpp
https://bit.ly/3q2U1fp
चित्र संदर्भ
1. सूरजकुंड पार्क को दर्शाते बोर्ड का एक चित्रण (Prarang)
2. सूरजकुंड पार्क में स्थित मंदिर का एक चित्रण (Prarang)
3. सूरजकुंड का एक चित्रण का एक चित्रण (Wikimedia)
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