यदि आप पिछले दस-पंद्रह सालों से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपने इंटरनेट के उस दौर को ज़रूर देखा
होगा जब यह कहानी में बताये गए कछुवे से अधिक धीमा (2G) चलता था, जहा किसी विडियो को ऑनलाइन देखना
हो तो उसे डाउनलोड करने में भी पूरा-पूरा दिन निकल जाया करता था। परंतु कहानी के कछुए की ही भांति इंटरनेट ने
भी धीमे-धीमे लेकिन निरंतर विकास किया, और आज हम इस दौर में जी रहे है जहाँ इंटरनेट की रफ़्तार कि तुलना
किसी जानवर से नहीं कि जा सकती। इसकी रफ़्तार (फ़िलहाल 4G) गज़ब कि है। भविष्य में कैसी होगी इंटरनेट की
दुनिया चलिए समझते है।
इंटरनेट का विकास भी कई नामी कंपनियों की भांति पीढ़ी दर पीढ़ी हुआ है, जहाँ G का मतलब जनरेशन यानी पीढ़ी
होता है। अर्थात भारत में हम इंटरनेट की चौथी पीढ़ी में जी रहे हैं, और पांचवी पीढ़ी में प्रवेश करने के बेहद करीब हैं।
इंटरनेट कि रफ़्तार के संदर्भ में विभिन्न पीढियां निम्नवत हैं।
1. 0G: इसे प्री-सेलुलर अथवा जीरो जनरेशन भी कहा जाता है, यह मोबाइल के विकास के पूर्व समय के लिए
संदर्भित किया जाता है।
2. 1G: या पहली जनरेशन वायरलेस टेलीफोन तकनीक (मोबाइल दूरसंचार) की पहली पीढ़ी को दर्शाता है। यह
एनालॉग दूरसंचार मानक (इंटरनेट स्पीड के परिपेक्ष्य में ) हैं, जिन्हें 1979 में और 1980 के दशक के मध्य
में पहली बार सार्वजनिक किया था। 1G सिस्टम में ऑडियो को एनालॉग रेडियो सिग्नल (हालांकि कॉल
सेटअप और अन्य नेटवर्क संचार डिजिटल थे) के रूप में एन्कोड कर सकता था। परंतु यह नेटवर्क अधिक
भरोसेमंद नहीं था। इसकी अपनी कुछ सीमाएं थी, जैसे सेल कवरेज अक्सर गिर जाता था, इसमें दूसरे रेडियो
सिग्नल भी हस्तक्षेप कर सकते थे, और एन्क्रिप्शन की कमी के कारण, इसे आसानी से हैक किया जा सकता
है अर्थात आपकी बातचीत को सुना भी जा सकता था।
3. 2G: डिजिटल सिग्नल पर आधारित होने के कारण इसकी सुरक्षा में काफी सुधार किया गया, बल्कि इसकी
क्षमता में भी सुधार किया गया था । इंटरनेट हर नयी पीड़ी के साथ-साथ अधिक सक्षम हो रहा था। 2G,
दूसरी पीढ़ी अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में तीन प्राथमिक लाभ प्रदान करने लगी:
● पहली बार फ़ोन वार्तालाप डिजिटल रूप से एन्क्रिप्टेड (अधिक गोपनीय अथवा सुरक्षित कह सकते
हैं ) हो गए।
● 2G सिस्टम स्पेक्ट्रम पर काफी अधिक कुशल हैं, जिससे मोबाइल फ़ोन में कई टास्क सम्पन्न किये
जा सकते थे।
● 2G ने पहली बार मोबाइल के लिए डेटा सेवाओं की शुरुआत की, जिसकी शुरुआत एसएमएस (लघु
संदेश सेवा), सादे पाठ-आधारित संदेशों से हुई। 2G तकनीक ने विभिन्न मोबाइल फोन नेटवर्क को
लिखित संदेश, चित्र संदेश और एमएमएस (मल्टीमीडिया संदेश सेवा) जैसी सेवाएं प्रदान करने में
सक्षम बना दिया।
4. 2.5g इसे जनरल पैकेट रेडियो सर्विस या जीपीआरएस (gprs) भी कहा जाता है।
5. 2.75G- GPRS नेटवर्क 8PSK एन्कोडिंग की शुरुआत के साथ EDGE नेटवर्क के रूप में में विकसित किया
गया।
6. 3G तकनीक को पहली बार सन 1998 में पेश किया गया। यह नेटवर्क कम से कम 144 kbit/s (किलो
बाईट प्रीति सेकंड) कि तेज़ी से सूचना का आदान-प्रदान करता है। इसके विभिन्न संस्करणों को 3.5G और
3.75G के रूप में जाना जाता है। जिनके विकास के साथ ही वीडियो कॉल, मोबाइल इंटरनेट एक्सेस, फिक्स्ड
वायरलेस इंटरनेट एक्सेस, और मोबाइल टीवी भी बाज़ार में आ गए।
7. 4G, उन्नत तकनीक के साथ 4G ध्वनि, चलचित्र और मोबाइल ब्रॉडबैंड वायरलेस मॉडेम वाले लैपटॉप,
स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल उपकरणों के लिए इंटरनेट एक्सेस (Internet Access) प्रदान करता है,
नेटवर्क के इस तकनीकी विकास से मोबाइल वेब एक्सेस, आईपी टेलीफोनी, गेमिंग सेवाएं, हाई-डेफिनिशन
मोबाइल टीवी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, 3 डी टेलीविजन और क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) जैसे हाई
स्पीड इंटरनेट कि मांग करने वाले अनुप्रयोग चलाना भी संभव हो पाया। LTE (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) को
आमतौर पर 4G LTE के तौर पर वर्णित किया जाता है।
8. 5G: यह वायरलेस नेटवर्क की पाँचवीं पीढ़ी है। 5G आने के साथ ही इंटरनेट की रफ़्तार 4 से 5 GB प्रति
सेकण्ड हो जाएगी। इस नेटवर्क संस्करण के विकास में चीन सबसे अग्रणी देश है, इस तकनीक को 4G की
तुलना में 100 गुना लाभप्रद माना जा रहा है। हालांकि इसके विकास के लिए कई स्तरों में बदलाव करना भी
जरूरी है।
विश्व के अनेक देशों में 6G मोबाइल नेटवर्क की छठी पीढ़ी के विकास पर भी बड़ी तेज़ी से काम चल रहा है।
6G के
साथ जीना बिल्कुल एक फ़िल्मी अहसास होगा, जहां हाई स्पीड इंटरनेट की मदद से ड्रोन, इलेक्ट्रिक कार के साथ ही
न जाने कितने आधुनिक खोजों और आविष्कारों का प्रचलन बढ़ेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह 5G से सौ
गुना अधिक तेज़ होगा। यानी आपको
1 सेकंड में 1TB, या 8,000 GB गीगाबिट प्रति सेकंड कि ज़बरदस्त स्पीड
देगा। जो संभवतः आज हमें अभाषी लग रहा है, कल वह वास्तविक से भी अधिक जीवंत लगे। कुछ भी संभव है क्यों
कि 5G भी आज से दस वर्ष पूर्व एक कल्पना ही थी, और आज शायद आपका अगला मोबाइल फ़ोन 5G नेटवर्क प्रदान
करने लगे।.
संदर्भ
https://bit.ly/34EoNRV
https://bit.ly/3iby0ZT
https://bit.ly/3pcUknu
https://bit.ly/3peXtmT
https://bit.ly/3vLy5aD
चित्र संदर्भ
1.नेटवर्कट जनरेशन का एक चित्रण (youtube)
2. गति मीटर का एक चित्रण (wikimedia)
3. जनरेशन के अनुसार इंटरनेट स्पीड का एक चित्रण (wikimedia)