कोरोना महामारी ने कैसे बढ़ाई स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में टेलीमेडिसिन Telemedicine की भूमिका

मेरठ

 04-06-2021 07:21 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड-19 के रोगियों को अस्पताल के बाकी हिस्सों से अलग करने की आवश्यकता के बावजूद, डॉक्टरों और कर्मचारियों ने उन सीमाओं को पार किया जो कोरोनावायरस रोगियों को अलग रखने के लिये बनाई गई थी। हालांकि वे संक्रमण फैलाने का कोई इरादा नहीं रखते थे बस उस समय रोगियों को अलग रखने की व्यवस्था अधूरी थी, और अधूरी समझ भी थी। इस वैश्विक महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल उद्योग वर्तमान में बड़े पैमाने पर परिवर्तनशील दौर से गुज़र रहा है। परंतु एक बात जो हम नकार नहीं सकते हैं वह यह है कि कोविड- 19 ने सामान्य स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने में मदद की। इसने दूरस्थ तकनीक (remote technology) को अपनाने की प्रवृत्ति को तेज कर दिया है और फ्लेक्सिबल (flexible) अस्पतालों के निर्माण जैसी आवश्यकताओं को उजागर किया है। आईये जानते हैं कि हम कैसे स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की व्यवस्था को और भी अच्छा करे सकते हैं ताकि भविष्य के संकटों के लिये तैयार रहें। टेलीमेडिसिन (Telemedicine): मौजूदा समय में डॉक्टर और मरीज के बीच संपर्क और जोखिम रहित परामर्श की आवश्यकता है। इस समय अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के समक्ष चिकित्सीय सुविधाओं को प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इसलिये टेलीमेडिसिन और टेलीहेल्थ (telehealth) मुख्यधारा में आ गया है, इससे मरीज जब संभव हो तब चिकित्‍सकों से अपने घरों में रह कर सुरक्षित रूप से परामर्श ले सकते हैं।
भारत में टेलीमेडिसिन और टेलीहेल्थ के वर्तमान परिदृश्य का मूल्यांकन करने का यह सही समय है, टेलीमेडिसिन भारत की संपूर्ण जनसंख्या के लिये बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि कर सकता है। टेलीमेडिसिन का उदय, स्वास्थ्य सेवाओं को समुदायों के करीब ले जाने की आवश्यकता और भविष्य में आने वाले संकटों से बचाव ले लिये स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बदल रहा है। यह उतना ही प्रभावी है जितना एक टेलीफोन के ज़रिये चिकित्‍सा संबंधी किसी समस्‍या पर रोगी और स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ आपस में बात करते हैं। दूरचिकित्साया टेलीमेडिसिन (telemedicine) के उदय ने प्रोद्योगिकी के माध्‍यम से स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को घर-घर पहुंचाने का एक सफल प्रयास किया है।यह संचार व सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग (Engineering), चिकित्सा विज्ञानऔर आयुर्विज्ञान का समन्वय है, टेलीमेडिसिन प्रणाली के अन्तर्गत विशेष रूप से तैयार किए गए हार्डवेयर (hardware) और सॉफ्टवेयर (software), रोगी तथा चिकित्‍सक को दोनों छोरों पर प्रदान किए जाते हैं, इनके जरिए रोग निवारण के उपकरण, एक्स-रे (x-ray), ईसीजी (ECG), जाँच रिपोर्ट आदि रोगी तक पहुँचाए जाते हैं, यह जानकारी इनसैट उपग्रह (INSAT Satellite) के माध्यम से प्राप्त की जाती है, सामान्‍यत: रोगी की बीमारी से सम्बन्धित समस्त जानकारी चिकित्‍सक को भेजी जाती है, इसके बाद चिकित्‍सक जाँच-पड़ताल के बाद रोगी से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(video conferencing) के द्वारा बातचीत करके रोग का निदान और उपचार करते हैं।ग्लोबलडाटा (GlobalData) की एक रिपोर्ट(Report) अनुसार,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) द्वारा लगभग दो दशक पहले टेलीमेडिसिन को शुरू किया गया था। वर्तमान समय में फैली कोविड-19 महामारी ने भारतीय स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को नए सिरे से सोचने के लिए विवश कर दिया है, जिसके चलते भारत में टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है।जैसे कि कोविड-19 ने अन्‍य बिमारियों से ग्रस्‍त पुराने रोगियों और दूरस्थ स्थानों के रोगियों के लिए नियमित स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बाधित कर दिया था, जिसके परिणामस्‍वरूप भारत सरकार ने मार्च 2020 में टेलीमेडिसिन के अभ्यास को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए़। बाद में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अप्रैल 2020 में ई-संजीवनी ओपीडी-एक रोगी-से-डॉक्टर टेली-परामर्श (OPD—a patient-to-doctor tele-consultation service) सेवा शुरू की। इसने हाल ही में लगभग एक मिलियन टेलीमेडिसिन परामर्श पूरा किया है। कोविड-19 की महामारी के कारण बदले सामाजिक स्‍वरूप ने उदासीन पड़ी टेलीमेडिसिन को एक नयी गति प्रदान की।हाल के दिनों में कई टेलीमेडिसिन ऐप (telemedicine app) जैसे डॉक्सऐप (DocsApp), प्रैक्टो (Practo) और एमफाइन (mFine) सामने आए हैं, जो गैर-आपातकालीन और पुरानी चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए लॉकडाउन (lockdown) अवधि के दौरान बहुत मददगार सिद्ध हुए हैं और मार्च 2020 से टेलीकंसल्टेशन (teleconsultations) में कई गुना वृद्धि देखी गई है। नैदानिक ​​सेवाएं और ई-फार्मेसी टेलीकंसल्टेशन (e-pharmacy teleconsultation) के पूरक हैं।हालांकि, टेलीमेडिसिन के अपने कुछ नुकसान भी हैं जैसे रोगियों द्वारा लक्षणों का गलत संचार, चिकित्सकों द्वारा लक्षणों की गलत व्याख्या, गलत निदान, गैर-चिकित्सा मुद्दे जैसे नेटवर्क (Network) संबंधी समस्‍या, ऐप के उपयोग और तकनीकी रूप से अक्षम लोगों की समस्‍या और साइबर (cyber) खतरे आदि शामिल हैं। भारत द्वारा नई डिजिटल (digital) पहल टेलीमेडिसिन में प्राप्त गति का लाभ उठाकर देश के दूर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ा सकती है। “हालांकि टेलीमेडिसिन पारंपरिक चिकित्सा परामर्श और आपातकालीन स्थितियों और चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए चिकित्‍सालय की जगह नहीं ले सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से भारत जैसे विशाल और आबादी वाले देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दबाव को कम करेगा। इसलिए, सरकार को टेलीमेडिसिन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रोगी की गोपनीयता और उनके स्वास्थ्य डेटा की मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही सरकार को भावी अस्‍पतालों की रूप रेखा पर भी ध्‍यान केंद्रित करने की आवश्‍यकता है।
अधिक फ्लेक्सिबल (flexible) अस्पतालों का निर्माण और देखभाल की स्वास्थ्य सेवाओं को रोगियों के करीब ले जाना: आगे के समय के लिये अस्पतालों का निर्माण इस प्रकार किया जाये कि महामारी के दौरान अन्य मरीजों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और ना ही कोरोनावायरस रोगियों को परेशानी हो। कोविड के दौरान देखा गया कि सुविधाओं के अभाव में कई अस्पतालों में बिस्तर (bed) खाली करने के लिए अन्य मरीजों को घर भेज दिया गया। कई अस्पतालों ने तो अस्थायी रूप से अन्य प्रकार के उपचार को रोक दिया गया। ऐसी स्थिति का सामना आगे ना करना पड़े उसके लिये बेहतर तरीकों से अस्पतालों के निर्माण की आवश्यकता है।

इक्विटी (equity) या निष्पक्षता को कोविड के बाद की प्राथमिकता बनाना: कोविड-19 संक्रमण और मौतों में भारी असमानताओं को बेहतर ढंग से संबोधित करने के लिए, जहां मरीज रहते हैं वहां परिष्कृत प्राथमिक देखभाल और छोटी सुविधाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा फेफड़े के रोगियों, हृदय संबंधी रोगियों, और मधुमेह से ग्रसित रोगियों के लिये भी निरंतर देखभाल की सुविधाओं को संबोधित करने की आवश्यकता है।
कल्याण के लिए डिजाइनिंग (Designing): चिकित्सा क्षेत्र ऐसे होने चाहिये जहां ऐसी सुविधाएं हो जो दिन की रोशनी को अंदर आने दे, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी कोविड संकट के दौरान बेहद तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हैं इसलिये मरीजों के साथ-साथ इनके स्वास्थ्य को भी ध्यान में रख कर चिकित्सालयों की डिजाइनिंग (designing) की जाये। साथ ही साथ उन लोगों के लिए अलग प्रवेश और निकास की आवश्यकता हो सकती है जो संक्रमित हो सकते हैं और जो नहीं हैं उनके लिये बड़े प्रतीक्षा स्थानों की सुविधा भी हो।

संदर्भ:
https://bit.ly/2RVk77J
https://bloom.bg/3uHwvW3
https://bit.ly/2Rh4gzW

चित्र संदर्भ
1. टेलीमेडिसिन सलाहकार का एक चित्रण (wikimedia)
2. पुनर्वास में टेलीमेडिसिन का एक चित्रण (wikimedia)
3. टेलीमेडिसिन समाधान के लाभ का एक चित्रण (Unsplash)

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id