शाम की चाय और उसके साथ कुकीज़ जैसे नान खटाई का स्वाद एक साथ मिल जाए तो कहने ही क्या। नान खटाई
जिसे कुछ अन्य नामों जैसे कुलचा-ए-खाते (मुख्य रूप से अफगानिस्तान में ) से भी जाना जाता है, एक बेहद
स्वादिष्ट भारतीय कुकी (Cookie) या कई बार इसे बिस्किट भी माना जाता है। यह लज़ीज़ तोहफा दुनिया को भारत
की देन है, आज विश्वभर में इसका अद्वितीय स्वाद बेहद लोकप्रिय है।
नानखताई मुख्य रूप से 'नान' एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ होता है "समतल ब्रेड" और "खताई" जो की एक
अफगानी शब्द है जिसका मतलब "बिस्कुट" होता है। अर्थात एक प्रकार का समतल बिस्किट । यह बिस्किट भारत,
पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में भी मशहूर है। नान खटाई के इतिहास के बारे में ऐसा माना जाता है की
इसकी उत्पत्ति भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के सूरत शहर में 16 वीं शताब्दी के दौरान हुई ।
इस स्वादिष्ट कुकी
की खोज भारतियों और डचों (Dutch) के पारस्परिक व्यापारिक संबंधों के परिणाम स्वरुप है । दरसल 16 वी
सताब्दी के दौरान गुजरात के सूरत बंदरगाह से डच के कई अप्रवासी लोग आना-जाना करते थे, उसी दौरान डच मूल
के एक दंपति को यहाँ पर व्यापारिक संभावना नज़र आयी। उन्होंने इस बंदरगाह पर अप्रवासी डचों को ब्रेड और अन्य
कन्फेक्शनरी आइटम (Confectionary) बेचने के लिए एक बेकरी (Bakery) की शुरुआत की। भारत से जाने के
साथ ही उस अप्रवासी दंपति ने बेकरी को एक ईरानी व्यापारी को सौंप दिया। जिसने स्थानीय लोगों के लिए बिस्कुट
बनाना जारी रखा। परन्तु स्थानीय निवासियों को यह बिस्किट रास नहीं आ रहे थे, क्योंकि इसमें अंडे और ताड़ी
(Toddy) का इस्तेमाल किया जाता था, उसमें कुछ मात्रा में अल्कोहल (Alcohol) होता है। जिस कारण ईरानी
व्यापारी ने सूखे ब्रेड को बेहद काम दामों पर बेचना शुरू कर दिया: वह उसे बेचने से पहले सुखा लेता। धीरे-धीरे उसका
व्यवसाय चल निकला, उसका यह प्रयोग लोगो को बहुत पसंद आ रहा था। कम दाम और स्वादिष्ट होने के कारण
लोग कम खर्चा करके इसे चाय के साथ खाने लगे। समय के साथ अनेक सुधारों के परिणाम स्वरूप इसे बिस्किट के
रूप में बेचा जाने लगा। इस तरह इसे "नानखताई " के नाम से जाना और बेचा जाता है। और यह बिना अंडे और ताड़ी
से भी बनने लगा।
समय के साथ इसका निर्यात मुंबई जैसे बड़े शहरों में किया गया, यहाँ बड़ी संख्या में गुजराती भी रहते थे। नान खटाई
चाय के साथ खाए जाने के परिपेक्ष्य में व्यापक तौर पर मशहूर हुआ। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों पंजाब,
हरियाणा और दिल्ली के कई घरों में यह बनाई जाती है। और कई फेरीवाले ताज़ी नानखताई को व्यावसायिक तौर पर
भी तैयार करते हैं।
इसके सबसे आधुनिक स्वरूप को निर्मित करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्य्कता
पड़ती है :- गेहूं का आटा, चावल का आटा, बेसन, मक्खन, चीनी पाउडर, दूध/दही, नमक, शहद, बेकिंग पाउडर आदि।
आप अपनी पसंद के अनुसार इसके स्वाद में परिवर्तन कर सकते हैं। नान खटाई अपने शहर मेरठ का भी पसंदीदा
व्यंजन है। खासतौर पर गर्मियों के दौरान हलवाइयों की दुकानों पर नानखटाई के स्वाद को चखने के लिए लोगों की
लम्बी कतारे लगी रहती हैं। शुद्ध देशी घी से तैयार इस नानखटाई की कीमत लगभग 200 रुपए से 300 रुपए किलो
के करीब है। इसकी काजू नान खटाई, काजू बादाम नान खटाई, मूंग बादाम नान खटाई आदि किस्में बाज़ार में मौजूद
हैं। हमारे अन्य प्रारंग लेख में यहाँ क्लिक करके आप जान सकते हैं घर पर नान खटाई बनाने की विधि। नान खटाई की तरह और भी कई बिस्कुट हैं जो बहुत लोकप्रिय हैं।
कुरैबिया: इसे अन्य भाषाओँ में घरबा, या घियाबा भी कहा जाता है। यह एक प्रकार शॉर्टब्रेड की भांति बिस्कुट होता है,
जो आमतौर पर पिसे हुए बादाम से बनाया जाता है। यह अक्सर लीबिया (Libya) की चाय, अरब में कॉफी या माघरेबी
टकसाल चाय के साथ परोसा जाता है। इसके बारे में सबसे पहले वर्णन दसवीं शताब्दी की एक अरबी कुक-बुक "अल-
अबी" में दिया गया है।
एम्पायर बिस्किट: में दो बिस्कुटों के बीच जाम (Jam) की एक परत होती है। इसको इंपीरियल बिस्किट, इंपीरियल
कुकी, डबल बिस्किट, जर्मन बिस्कुट इत्यादि नाम से भी जाना जाता है। यह मीठा बिस्कुट स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड
समेत पूरे विश्व में लोकप्रिय है। कनाडा में यह एक प्रतिष्ठित कुकी है। एम्पायर बिस्किट को मूल रूप से "लिंजर
बिस्किट" के रूप में जाना जाता था, परन्तु बाद में इसे "ड्यूश बिस्कुट" के नाम से बदल दिया गया। मतौर पर इसे
डबल शॉर्टब्रेड अथवा पश्चिम में एम्पायर बिस्किट कहते हैं साथ ही इसे "बेल्जियम बिस्किट" नाम से भी जाना जाता
है, क्योंकि यह बेल्जियम में निर्मित पेस्ट्री या आटे के बन के समान होता है।
संदर्भ
https://bit.ly/2TlNKiL
https://bit.ly/3wyAC8b
https://bit.ly/3wxZxc3
https://bit.ly/2SuUqL6
https://bit.ly/34jjAyS
https://bit.ly/3fPtpd6
चित्र संदर्भ
1. चाय के साथ नान खटाई का एक चित्रण (flickr)
2. नान खटाई परांठे वाली गली, चांदनी चौक, दिल्ली का एक चित्रण (flickr)
3. प्लेट में नान खटाई का एक चित्रण (youtube)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.