8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाने का महत्व और इसका इतिहास

मेरठ

 08-05-2021 08:55 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस (International Red Cross) और रेडक्रीसेंट (Red Crescent) आंदोलन के सिद्धांतों को मनाने के लिए 8 मई को प्रत्येक वर्ष विश्व रेडक्रॉस दिवस और रेडक्रीसेंट दिवस को मनाया जाता है। यह दिवस रेडक्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक और पहले नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता हेनरी डुनैंट (Henry Dunant) के जन्म दिवस 8 मई 1828 के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।रेडक्रॉस द्वारा नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, बंदियों, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों, प्रवासियों, शरणार्थियों, अलग-थलग, और शरण पाने वालों की मदद के लिए काम करने की सराहना करने के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद इस वार्षिक उत्सव को पूरी दुनिया में शांति के लिए एक बड़े योगदान के रूप में शुरू किया गया था। इस पहल को "रेडक्रॉस युद्ध विराम संधि" के रूप में जाना जाता है, जिसका अध्ययन रेडक्रॉस के 14 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग द्वारा किया गया था।1934 में टोक्यो (Tokyo) में रेडक्रॉस के 15 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए प्रस्तुत इसके विवरण को मंजूरी दी गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, 1946 में ही, लीग ऑफ रेडक्रॉस सोसाइटीज (League of Red Cross Societies) द्वारा टोक्यो प्रस्ताव का अध्ययन किया गया था, जिसका नाम बदलकर 1991 में इंटरनेशनल फेडरैशन ऑफ रेडक्रॉस और रेडक्रीसेंट सोसाइटीज रखा गया था। शुरुआत में इसके पाँच संस्थापक सदस्य थे –ब्रिटेन (Britain), फ्रांस (France), इटली (Italy), जापान (Japan) और संयुक्त राज्य (United States)। हालांकि समय के साथ इनकी संख्या बढ़ी और अब यह 190 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय संस्था हैं। वहीं इस वर्ष विश्व रेडक्रॉस और रेडक्रिसेंट दिवस का विषय' अनस्टॉपेबल (Unstoppable)' है। वर्ल्डरेडक्रॉस और रेडक्रिसेंट दिवस के लिए पिछले कुछ वर्षों के विषय को निम्न तालिका में देख सकते हैं
पिछले वर्ष आईसीआरसी (International Committee of the Red Cross, ICRC) नई दिल्ली ने रेडक्रॉस दिवस पर कोविड -19 (Covid-19) के "खतरनाक परिणामों से समुदायों को बचाने" के लिए लगातार काम करने वाले कर्मचारियों और स्वयंसेवकों की प्रशंसा की थी।
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण दुनिया भर में जीवन प्रभावित हो रहा है, जिसके चलते युद्ध या संघर्ष में शहीद हुए लोगों की स्थिति और भी पेचीदा हो गई है।आईसीआरसी अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शिविरों में रहने वाले लोगों या उन लोगों पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, जिनके पास साफ पानी तक पहुंच नहीं है।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3f3yaiN
https://bit.ly/3uoK25z
https://bit.ly/3et1gsR

चित्र संदर्भ
1.रेड क्रॉस लोगो का एक चित्रण (Prarang)
2.रेड क्रॉस जैकेट पहने व्यक्ति का चित्रण (pexels)
3.रेड क्रॉस प्राथमिक उपचार का चित्रण (Freepik)

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id