महामारी के इस मुश्किल समय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोविड-19 से जंग में रामबाण साबित हुई है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो तो महामारी से होने वाला नुकसान काफी हद तक कम हो जाता है। इसे बढ़ाने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों, फलों और दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। बाजार में खाद्यान और दवाइयों इत्यादि की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए FDA फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) खाद्य एवं औषधि विभाग का गठन किया गया। आगे हम इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे।
फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA या USFDA) संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग की एक शाखा है। यह विभाग खाद्य सुरक्षा, दवाओं, तम्बाकू उद्पादों, सौर्न्दर्य प्रसाधनों, तथा पशु उद्पादों की गुणवत्ता कायम रखने के लिए ज़िम्मेदारी लेता है। खाद्य एवं औषधि विभाग का गठन पहली बार 30 जून 1906 में किया गया। खाद्य तथा दवाइयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के परिपेक्ष्य में इस एजेंसी को कुछ विशेष क़ानून और अधिकार प्राप्त हैं।
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखना क्यों ज़रूरी है?
हम सभी जानते हैं कि बाजार में बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों की भारी मांग है, और बड़ी मात्रा में आयात-निर्यात होने के कारण खाद्यान में मिलावट का खतरा भी अधिक होता है, जिससे सीधे तौर पर आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इसी कारण यह ज़रूरी हो जाता है की समय-समय पर खाद्यान और स्वास्थ से जुड़े उद्पादों की जांच होती रहे, और यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जनमानस के स्वास्थ के लिए किसी प्रकार से भी हानिकारक न हो। इसलिए खाद्य परीक्षण मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
खाद्य परीक्षण कैसे किया जाता है?
सर्वप्रथम बाजार अथवा खाद्यान से जुड़ी कंपनियों से खाद्य पदार्थों के कुछ नमूने लिए जाते है, तथा उन्हें प्रयोगशालाओं में निर्धारित मानकों पर जांचा जाता है। यदि वे निर्धारित मानकों पर खरे उतरे तो उनका उत्पादन और बिक्री बाजार में कायम रहती है, अथवा खाद्यान में किसी प्रकार की मिलावट या खामी पाए जाने पर कंपनी अथवा विक्रेता पर कार्यवाही की जाती है। खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फ़ूड टेस्टिंग स्ट्रिप्स (Food testing strips) का इस्तेमाल किया जाता है। यह खाद्यान में उपस्थित बैक्टीरिया की जांच करती है जो खाद्य से जनित बीमारियों का कारण बनती है। जांच से जुड़े उत्पाद उपयोग में बड़े आसान होते है, तथा भोज्य , पानी तथा कठोर सतहों पर आसानी से उपयोग किये जा सकते हैं।
भारत में खाद्य परीक्षण की आवश्यकता क्यों है?
भारत खाद्य उद्पादों से जुड़े व्यापारियों के लिए एक बड़ा बाजार है, और यहाँ मिलावट का खतरा भी अधिक है। जिस कारण यहाँ खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाये रखना कई मायनो में ज़रूरी हो जाता है। निश्चित समय अंतराल पर किये जाने वाले खाद्य परीक्षण यह तय करते है की यह स्वास्थ्य के परिपेक्ष्य में सुरक्षित है। साथ ही यह उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की आर्थिक हानि भी नहीं पहुंचता। FDA का भारत में कार्यालय खोलने का मुख्य उद्देश्य खाद्य और दवाइयों की सुरक्षा के प्रति व्यापारियों, संगठन तथा आम लोगों में जागरूकता फैलाने का है। साथ ही उन्हें FDA के अधिकारों और खाद्य सुरक्षा के संबंध में जानकारी देना है, और भारत में स्वास्थ्य तथा खाद्यान्न संबंधित गुणवत्ता के डेटा का निर्माण और विस्तार करना भी है।
भारत में उत्पादित चिकित्सा उत्पादों और खाद्य पदार्थों की सुरक्षा तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सन 2008 में नई दिल्ली में भारत का पहला FDA कार्यालय खोला गया। जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था की भारत से अमेरिका में निर्यात होने वाली खाद्य स्वास्थ्य तथा गुणवत्ता की दृष्टि से सुरक्षित है। भारत में खाद्यान्न और मेडिकल क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 2008 में (FSDA) खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन का गठन किया गया। यह FDA की ही मूल शाखा है। मेरठ में नवरात्री जैसे त्योहारों के मौकों पर FSDA द्वारा अलग-अलग दुकानों में खाद्य पदार्थों की जांच के नमूने भेजे गए, 5 सदस्यों की एक टीम गठित की गयी जिसके तहत मेरठ के बाज़ारों में की जाने वाली मिलावटों के खिलाफ कार्यवाही भी की गयी, और सुनिश्चित किया गया की यह उपयोग करने हेतु पूरी तरह सुरक्षित है।
संदर्भ:-
● https://bit.ly/3xAfEXK
● https://bit.ly/2QEdNRf
● https://bit.ly/3e1izBl
● https://bit.ly/3vsfD6p
चित्र संदर्भ:-
1.व्यंजनों का एक चित्रण (Unsplash)
2.खाद्यान जांच प्रक्रिया का एक चित्रण (Wikimedia)
3.भारतीय व्यंजनों का एक चित्रण (Wikimedia)