मार्च 2020 के बाद में, जब से कोविड-19 (COVID-19) के प्रकोप को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा महामारी घोषित किया गया है, तब से विश्वभर में सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) के प्रसार पर वैज्ञानिकों, अधिकारियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों और सभी समुदायों का ध्यान केंद्रित है।निम्न-आय और मध्यम-आय वाले देशों में कोविड-19के मामलों की जांच करना और इनकी निगरानी करना एक बड़ी चिंता और चुनौती भरा कार्य है।कोविड-19 को नियंतित्रत करने हेतु व्यापक स्तर पर इसकी जांच करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, लेकिन वर्तमान में यह दुनिया भर के कई देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
1. एंटीबॉडी परीक्षण (Antibody Test), जिसे सीरोलॉजी परीक्षण (Serology Testing) के रूप में भी जाना जाता है, को सामान्यत: कोविड-19 (COVID-19) से पूर्णत: सही होने के बाद किया जाता है। परीक्षणों की उपलब्धता के आधार पर योग्यता भिन्न हो सकती है। हमारे शरीर ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित की है और किस मात्रा में की है यह जांचने के लिए रक्त की जांच की जाती है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इन एंटीबॉडी का उत्पादन करती है - प्रोटीन जो वायरस से लड़ने और बाहर निकालने के लिए महत्वपूर्ण हैं।यदि परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि आपके शरीर में एंटीबॉडी हैं, तो यह इंगित करता है कि आप किसी न किसी समय कोविड-19 से संक्रमित थे। इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ विशेष प्रतिरक्षा हो। लेकिन इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि आपके शरीर में एंटीबॉडी होने से आप कोविड-19 से पुन: संक्रमित होने के लिए सुरक्षित हैं। प्रतिरक्षा का स्तर और कितने समय तक प्रतिरक्षा बनी रहती है, यह अभी तक ज्ञात नहीं हुआ है।
एंटीबॉडी परीक्षण का समय और प्रकार सटीकता को प्रभावित करता है। यदि आपके संक्रमित होने के तुरंत बाद कोविड परीक्षण किया जाता है तो परीक्षण एंटीबॉडी का पता नहीं लगा पाएगा क्योंकि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी इसका निर्माण कर रही होगी। इसलिए लक्षणों की शुरुआत के कम से कम 14 दिन तक एंटीबॉडी परीक्षण की सलाह नहीं दी जाती है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने विशिष्ट एंटीबॉडी परीक्षणों को अधिकृत किया, लेकिन संदिग्ध सटीकता के साथ परीक्षण अभी भी बाजार में उपलब्ध हैं।सटीक एंटीबॉडी परीक्षण का एक और लाभ यह है कि जो लोग कोविड -19 से उभर चुके हैं, वे अपने प्लाज्मा (रक्त का एक हिस्सा) दान कर सकते हैं। इस प्लाज्मा का उपयोग दूसरों को इस गंभीर बीमारी के इलाज और वायरस से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। चिकित्सक इसे कँवलेसेन्ट प्लाज्मा (convalescent plasma) कहते हैं।
2. पीसीआर परीक्षण (PCR test): इसे आणविक परीक्षण भी कहा जाता है, यह कोविड-19 परीक्षण की एक रासायनिक तकनीक का पता लगाता है जो एक प्रयोगशाला तकनीक का उपयोग करता है जिसे पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) (polymerase chain reaction (PCR)) कहा जाता है। इसमें नाक और गले से तरल पदार्थ का नमूना एकत्रित किया जाता है या आप लार के नमूने के लिए एक ट्यूब में थूक का नमूना ले सकते हैं।
3. एंटीजन टेस्ट (Antigen test): यह कोविड-19 परीक्षण वायरस में कुछ प्रोटीन का पता लगाता है। इसमें नाक से तरल पदार्थ का नमूना एकत्रित किया जाता है और मिनटों में एंटीजन परीक्षण परिणाम बता देता है। दूसरा इसे विश्लेषण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जा सकता है। एक सकारात्मक एंटीजन परीक्षा परिणाम को सटीक माना जाता है जब निर्देशों का सावधानी पूर्वक पालन किया जाता है, लेकिन इसमें झूठे-नकारात्मक परिणामों की संभावना बढ़ जाती है - जिसका अर्थ है कि यह वायरस से संक्रमित हो सकते हैं किंतु परिणाम में नकारात्मक दर्शाया जाता है। स्थिति के आधार पर, चिकित्सक एक नकारात्मक एंटीजन परीक्षा परिणाम की पुष्टि करने के लिए एक पीसीआर परीक्षण की सिफारिश कर सकते हैं।कोविड-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट (Diagnostic test) या एंटीबॉडी टेस्ट(Antibody Test) के लिए आप अपने स्थानीय या राज्य के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं या परीक्षण की जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट (Website) पर जा सकते हैं। यदि आपके शरीर में कोविड-19 के लक्षण हैं, तो अपनी स्थिति पर चर्चा करने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
टाइम्स ऑफ इंडिया (Times of India) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आरटी-पीसीआर (RT-PCR) या रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (transcription polymerase chain reaction) के पांच परीक्षणों में से एक गलत नकारात्मक होता है। संभवत: ऐसा इसिलिए है क्योंकि यह वायरस (virus) इस तरह से उत्परिवर्तित होता रहता है कि आरटी-पीसीआर आसानी से इसकी पहचान नहीं कर पाता। हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में किए गए आरटी-पीसीआरपरीक्षण सार्स-कोव-2 वायरस के "यूके (UK), ब्राजील (Brazil), दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और डबल म्यूटेंट वेरिएंट (Double Mutant variants)" की भी पहचान कर लेता है जो कि कोविड-19 का कारण बनते हैं।
WHO ने बताया है कि सभी संदिग्ध मामलों का परीक्षण महामारी नियंत्रण के लिए आवश्यक है। हालांकि, स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच भ्रम और परीक्षणों को प्राथमिकता देने और परिणामों की व्याख्या करने के अलावा, नैदानिक परीक्षणों की पहुंच वैश्विक स्तर पर एक चुनौती बनी हुई है। कई देशों में कोविड-19 का पता लगाने के लिए नैदानिक परीक्षणों और प्रयोगशाला क्षमता की सीमित उपलब्धता थी, उदाहरण के लिए, ब्राजील में स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल गंभीर मामलों के लिए परीक्षण की अनुमति दी थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कहते हुए अपने फैसले को सही ठहराया कि हल्के मामलों में, इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि व्यक्ति नकारात्मक या सकारात्मक है।
प्रमुख वायरल अनुक्रमों के तेजी से पता लगाने के लिए नए तरीकों का मूल्यांकन किया जा रहा है, और विभिन्न प्रतिजन पहचान उपकरणों (antigen detection devices ) का विकास किया जा रहा है; हालाँकि, उनका प्रदर्शन व्यापक रूप से भिन्न होता है। उदाहरण के लिए,दक्षिण कोरिया (South Korea) में बड़े पैमाने पर परीक्षण कार्यक्रम, संपर्क ट्रैकिंग और अलगाव ने प्रारंभिक संक्रमण नियंत्रण में योगदान दिया। जैसे-जैसे महामारी बढ़ती है, वैसे-वैसे लक्षण रोगी और स्वास्थ्य पेशेवरों पर प्रभाव डालते हैं जो कोविड-19 प्रतिक्रिया की अग्रिम पंक्ति में कार्यरत हैं। रोगसूचक रोगियों का परीक्षण संपर्क ट्रेसिंग (Contact tracing) के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, इसके अलावा संभावित नए संक्रमणों पर नियंत्रण और रोकथाम कर सकता है।
चित्र सन्दर्भ:
1.एक पीसीआर मशीन। कोविद -19 के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण में उपयोग किया जाता है(wikimedia)
2.COVID-19 परीक्षण के लिए एक नासोफेरींजल स्वाब का प्रदर्शन(wikimedia)