अन्य देशों से भारत में मुद्रा प्रेषण

मेरठ

 23-04-2021 02:31 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

हजारों सालों से भारत समेत पूरे विश्व में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर बढ़ते वैश्वीकरण के साथ रोज़गार आदि की तलाश में जाते रहे हैं। अपने मूल भौगोलिक क्षेत्र से विभिन्न प्रकार की आवश्य्कता पड़ने पर किसी दूसरे भौगोलिक स्थान पर विस्थापित होने वाले लोग डायस्पोरा (diaspora) कहलाते है। इस प्रकिया में सबसे शीर्ष के देशों में से एक है, अर्थात भारत से सर्वाधिक संख्या में लोग रोज़गार और व्यपार संबंधी कारणों से पलायन करते हैं। भारतीयों का अन्य देशों की तरफ रुख करने के 3 प्रमुख कारण सामने आते हैं। उत्पीड़ित, श्रमिक और तिजारती। यह 3 ऐसे कारण है जिसकी वजह से लोग दूसरे देशों अपनी मर्ज़ी अथवा किसी विवशता पूर्वक जाते हैं।
विदेशों में रह-रहे प्रवासी लोग जो (वहां जाकर नौकरी करते हैं अथवा वह स्थाई रूप से वही निवास करते हैं) जब वे लोग भारत में अपने परिवार अथवा मित्रों को किसी माध्यम से धन भेजते हैं, तो इस प्रक्रिया को मुद्रा प्रेषण कहा जाता है। भारत विश्व का सबसे शीर्ष ऐसा देश है जो सर्वाधिक मात्रा में विदेशी धन प्राप्त करता है। 2015 में, विदेशों में भेजे गए कुल धन का 12 प्रतिशत भारत में आया, जो देश की कुल जीडीपी का 4 प्रतिशत है। और विश्व बैंक के अनुसार, 2017 में भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा भारत में कुल 65 अरब डॉलर को प्रेषित किया गया। भारत के बाद विदेशों से सर्वाधिक मात्रा में धन प्राप्त करने वाले देशों की सूची में चीन (61 अरब डॉलर), फिलीपींस (33 अरब डॉलर), मैक्सिको (31 अरब डॉलर) तथा नाइजीरिया (22 अरब डॉलर) जैसे देश शामिल हैं। 2016 में विदेशों से धन प्राप्त करने का ग्राफ 9% गिरावट के साथ थोड़ा कम जरूर हुआ था, परन्तु 2017 में यह 4.2% वृद्धि के साथ फिर एक बार सामान्य से ऊपर चला गया। 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया है की, प्रवासी भारतीय (एनआरआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ), तीन प्रकार के खाते खोल सकते हैं। एनआरआई / पीआईओ के प्रति एनआरओ खाते में $ 1 मिलियन के साथ-साथ उनकी अन्य योग्य संपत्ति प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) के बीच प्रेषित कर सकते हैं। 1991 से भारतीय प्रवासियों द्वारा भारत में पैसे भेजे जाने की प्रक्रिया में बेहद तेज़ी देखी गयी हैं।1991 में, जहां भारतीय रेमिटेंस का मूल्य 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जो की 2006 में बढ़कर 22 बिलियन डॉलर और 24 बिलियन डॉलर के बीच हो चुका था। और यह धनराशि 2012-13 में $ 66.1 बिलियन हो गयी थी।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्विफ्ट (Swift) द्वारा अथवा डिमांड ड्राफ्ट(Demand Draft) के माध्यम से पैसा भेजा जाता है। हाल के वर्षों में कई बैंक मनी ट्रांसफर तकनीक के साथ बाजार में उभरे हैं, और यह एक बड़े व्यवसाय में विकसित हुआ है। भारत के लगभग 40% प्रेषण केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में होता है। जो की दुनिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्यों में से हैं। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूएई से तथा केरलऔर पंजाब को कनाडा से अधिकांश धन प्राप्त होता है, क्योंकि अधिकांश लोग अपने राज्यों से बाहर इन देशों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे रहे हैं। हाल के वर्षों में, अधिकांश भारतीयों ने भारत को धन भेजने के लिए ऑनलाइन साधनों का सहारा लिया है। कई नई मोबाइल कंपनियों ने ऑनलाइन प्रेषण के लिए धन हस्तांतरण की सुविधा प्रदान की है। यहां तक कि कुछ भारतीय बैंकों ने भी हाल ही में ऐसी सेवा शुरू की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2012 में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कुल विदेशी प्रेषण का 30.8% पश्चिम एशिया से, 29.4% उत्तरी अमेरिका से और 19.5% यूरोप से प्राप्त हुआ था।
हालाँकि महामारी ने इस क्षेत्र को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है, जो की पिछले साल अप्रैल-नवंबर में गिरकर $ 2.2 बिलियन डॉलर हो गया है। और महामारी के निरंतर बढ़ते प्रकोप के साथ निकट समय तक इसके और गिरने की संभावना बढ़ सकती है।

सन्दर्भ:
● https://bit.ly/3sxQ2Hu
● https://bit.ly/3xhmRMy
● https://bit.ly/2RRL6k6
● https://bit.ly/2SK642F


चित्र सन्दर्भ:
1.प्रेषण का चित्रण (Prarang)

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id