Post Viewership from Post Date to 09-Mar-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2812 2 0 0 2814

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अद्भुत कृष्ण विवर की तस्वीर को लिए हुए हो चुके है पूरे एक वर्ष

मेरठ

 04-02-2021 12:36 PM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

अंतर्राष्ट्रीय खगोलविदों के एक समूह ने असंभव कार्य को संभव करके दिखा दिया है, उन्होंने कृष्ण विवर (Black Hole) के छाया चित्र की एक छवि को कैप्चर (Capture) किया है। दरसल कृष्ण विवर अंतरिक्ष के उन स्थानों में पाए जाते हैं जहां किसी भी वस्तु का अस्तित्व नहीं पाया जाता है और खगोलविदों द्वारा लंबे समय से इन घटनाओं के परिवेश पर प्रभावों का अवलोकन किया जा रहा है। कृष्ण विवर की छवि को कैप्चर करने से पहले ऐसा माना जाता था कि यह एक असंभव कार्य है क्योंकि किसी ऐसी चीज़ की छवि, जो पूरी तरह से काली हो और जिसके आस पास कोई प्रकाश तक न बच सकता हो, ले पाना असंभव ही साबित होता है।
हालांकि वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित किया था कि उन्होंने अपने छायाचित्र में कृष्ण विवर के चमकते हुए परिवेश के प्रतिकूल ली जा सकती है। यह एक अत्यंत ही कठिन कार्य था तथा यह चित्र लेने के लिए दुनिया भर में विशालकाय कैमरों (Camera) को लगाया गया था। यह चित्र जब बाहर आई तो यह एक धूल और गैस के चक्र को प्रदर्शित कर रही थी। यह कृष्ण विवर M87 तारामंडल में मौजूद है और पृथ्वी से करीब 55 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। कृष्ण विवर एक ऐसा लौकिक दरवाज़ा है जिसके उस पार किसी भी प्रकार का प्रकाश या वस्तु नहीं जा सकता। इसके चित्र को लेने के लिए इवेंट होराइज़न टेलिस्कोप (Event Horizon Telescope - EHT) का प्रयोग किया गया था और इसके अलावा करीब 8 रेडियो टेलिस्कोप (Radio Telescopes) का सहारा लिया गया था जो कि अंटार्टिका (Antartica) से लेकर स्पेन (Spain) और चिली (Chile) तक उपस्थित थे। यह उपलब्धि दुनिया भर के खगोलविदों, वेधशालाओं और वैज्ञानिक संस्थानों को शामिल करते हुए वर्षों की कड़ी मेहनत पर आधारित थी। शेपर्ड डोएलमन (Sheperd Doeleman) जो कि ई.एच.टी. के निर्देशक हैं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के वरिष्ठ अन्वेषण कर्ता हैं, द्वारा बताया गया कि कृष्ण विवर दुनिया की सबसे बड़ी रहस्य वाली वस्तु थी जिसे हमने देखा है और जो कि अबतक अनदेखा था। प्रस्तुत हुए चित्र को यदि देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह एक डोनट (Donut) या मेंदू वड़ा की तरह दिखता है। हांलाकि यह विभिन्न गैसों और कणों को लिए हुए एक खाली चक्र का निर्माण करता हुआ दिखाई देता है जिसे गुरुत्वाकर्षण ने एक तश्तरी की तरह प्रस्तुत किया है। कृष्ण विवर निर्मित किये गए चित्र में इतना छोटा है कि उसमें कुछ समझना अत्यंत ही मुश्किल है। छवि में प्रभामंडल की अर्धचंद्राकार उपस्थिति इसलिए है क्योंकि पृथ्वी की ओर घूमने वाले चक्र के किनारे तेजी से हमारी ओर प्रवाहित होते हैं और इसलिए चमकीले दिखाई देते हैं। वहीं मौजूद अंधकारमय छवि क्षितिज के किनारे को चिह्नित करती है, बिना किसी वापसी के बिंदु, जिसके आगे कोई भी प्रकाश या द्रव्यमान कृष्ण विवर के अनुभवहीन गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से बचने के लिए पर्याप्त तेजी से यात्रा नहीं कर सकता है। वहीं कृष्ण विवर का अनुमान सबसे पहले आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से लगाया गया था, हालांकि आइंस्टीन इसके अस्तित्व को लेकर स्वयं संदेह में थे। तब से, खगोलविदों द्वारा कई सबूत जमा किए गया कि ये ब्रह्मांडीय सिंकहोल (Sinkhole) मौजूद हैं।
परंतु हाल ही में आए कोरोनावायरस महामारी ने भविष्य की ईएचटी खोजों के रास्ते में कई अड़चने उत्पन्न कर दी है: जैसे 2020 के परियोजना अवलोकन अभियान को बंद कर दिया गया था क्योंकि कई भाग लेने वाले क्षेत्र स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से बंद हो गए थे। हालांकि अभियान को बंद करना एक सही कदम था, लेकिन इसमें ग्रीनलैंड, एरिज़ोना और फ्रांसीसी आल्प्स में उपकरणों से पहली बार योगदान प्राप्त होना था।

संदर्भ :-
https://go.nasa.gov/3aqSGb6
https://bit.ly/3atYoc7
https://bit.ly/3oNrkkq
https://www.nature.com/articles/d41586-020-02717-3
https://bit.ly/2MQUEsU
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र कृष्ण विवर की तस्वीर दिखाता है। (विकिमीडिया)
दूसरी तस्वीर ईएचटी (EHT) इन्फोग्राफी दिखाती है। (विकिमीडिया)
तीसरी तस्वीर में कृष्ण विवर की ईएचटी (EHT) छवि M87 दिखाई गई है। (विकिमीडिया)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • जानें भारतीय उपमहाद्वीप में पहली दर्ज राज्य-स्तरीय सभ्यता, कुरु साम्राज्य के बारे में
    ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

     22-10-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, तंजावुर गुड़ियों के पीछे छिपे विज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर का महत्व
    हथियार व खिलौने

     21-10-2024 09:27 AM


  • आइए देखें, कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सांख्यिकी कैसे बनती है सहायक
    संचार एवं संचार यन्त्र

     20-10-2024 09:26 AM


  • चीन के दुर्लभ विशाल सैलामैंडर को क्यों एक स्वादिष्ट भोजन मान लिया गया है?
    मछलियाँ व उभयचर

     19-10-2024 09:18 AM


  • राजस्थान के बाड़मेर शहर का एप्लिक कार्य, आप को भी अपनी सुंदरता से करेगा आकर्षित
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:22 AM


  • मानवता के विकास में सहायक रहे शानदार ऑरॉक्स को मनुष्यों ने ही कर दिया समाप्त
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:24 AM


  • वर्गीकरण प्रणाली के तीन साम्राज्यों में वर्गीकृत हैं बहुकोशिकीय जीव
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:27 AM


  • फ़िल्मों से भी अधिक फ़िल्मी है, असली के जी एफ़ की कहानी
    खदान

     15-10-2024 09:22 AM


  • मिरमेकोफ़ाइट पौधे व चींटियां, आपस में सहजीवी संबंध से, एक–दूसरे की करते हैं सहायता
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:28 AM


  • आइए देखें, कैसे बनाया जाता है टूथपेस्ट
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:16 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id