पंछियों की दुनिया अत्यंत ही खूबसूरत होती है, हम जब भी इनको देखते हैं या इनकी आवाज सुनते हैं तो सहसा ही ये हमारे मन और चित्त को अपनी और आकर्षित कर लेती है। कितने ही कवियों, संगीतज्ञों, दार्शनिकों, चित्रकारों और मूर्तिकारों आदि ने अपनी रचनाओं में इनके सौंदर्य को प्रस्तुत किया है। पंछियों के सौंदर्य को हम विभिन्न स्थानों पर देख सकते हैं, आधुनिक काल में लोग बर्ड वाचिंग (bird watching) का शौक भी पाले हैं। पंछी जगत कई विशेषताओं से भरा हुआ है इनमे एक अन्य भी बहुत ही महत्वपूर्ण विशेषता है जिसे प्रायः लोग नजरअंदाज कर देते हैं और वह विशेषता यह है की ज्यादातर नर पंछी मादा पंछियों से ज्यादा खूबसूरत होते हैं, उदाहरण के लिए मोर को देखा जा सकता है। मोर मोरनियों से कहीं ज्यादा खूबसूरत होते हैं।
यह क्यूँ होता है और और यह असमानता कैसे विकसित हुयी यह एक शोध का विषय है। इस विषय पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (Australian national university) के विकासवादी जीव विज्ञान के प्रोफ़ेसर रोबर्ट हेनशा (Robert Henshaw) बताते हैं कि, नर पंछी ज्यादातर मादा पंछियों की तुलना में अधिक रंगीन और सजावटी होते हैं। यह विषय समझने के लिए उनका कथन है की विकासवादी समझ का होना अत्यंत आवश्यक है। एक अन्य वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) के सिद्धांत इस विषय को समझने की प्रेरणा देते हैं। पंछियों में होने वाला यह परिवर्तन एक हद तक लैंगिक चयन को लेकर है जैसे उदाहरण के लिए मृग, शेर आदि को लिया जा सकता है जो की मादाओं को आकर्षित करने के लिए लड़ने की प्रतिस्पर्धा करते हैं। इन जीवों में कुछ ऐसे परिवर्तन भी होते हैं जो की मादाओं को अपनी और आकर्षित करने का कार्य करते हैं उदाहरण के लिए लम्बी पूँछ को देखा जा सकता है।
डार्विन के सिद्धांतों से यह निष्कर्ष निकलता है की पंछियों में लिंगों के मध्य में रंग अंतर देखा जाता है, जैसा की मादाएं उज्जवल रंग को वरीयता देती हैं, यह सिद्धांत बड़े तौर पर सराहा गया। एक अन्य बिंदु भी है की नर पंछियों का उनके उजले रंग के कारण भी बड़े स्तर पर शिकार कर लिया जाता है। कई पंछी विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने रंग रूप का प्रदर्शन प्रतिद्वंदियों को चेतावनी देने के लिए करते हैं। शोधों में कई बिंदु सामने आये हैं उन्ही में से एक यह है की जब नर पंछी के स्कंधिका काले रंग से रंगा जाता है तो उसका मतलब यह है की वह अपने प्रभाव क्षेत्र को खो दिया है। सम्भोग के समय में नर पंछी एक साथी को आकर्षित करने के लिए अपनी नाल दिखाने का कार्य करते हैं। मादा पंछी अधिक पंख वाले और चमकीले नरों को पसंद करती है जिसमे उनका मानना है की वह स्वस्थ है तथा वह घोसले का बेहतरी से ख़याल कर सकता है। इस विषय में उदाहरण के लिए नर फ्लाईकैचर (Flycatcher) को ले सकते है जिसका रंग भूरे से काला हो जाता है। हाउस फिन्चेस (House Finches) पंछी को भी एक अच्छा उदाहरण माना जा सकता है।
हाल ही में हुए अध्ययनों से यह बात पता चलती है की पंछी रंगों को एक ज्यादा अहमियत देते हैं, यहाँ तक अगर मनुष्यों से इनकी तुलना की जाए तो मनुष्यों के आँख में 3 ही रंग शंकु होते हैं वहीँ पंछियों में 4 शंकु अतः यह माना जा सकता है की पंछी रंगों के ज्यादा भेद जानते हैं पुरुषों की तुलना में।
सन्दर्भ :
https://www.scientificamerican.com/article/why-are-male-birds-more-c/
http://www.bbc.com/earth/story/20150511-why-are-animals-so-beautiful
https://indianapublicmedia.org/amomentofscience/why-are-male-birds-so-fancy.php
https://bit.ly/2KQRmW9
चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर में एक मोर और एक मोरनी दिखाई देता है। (विकिमीडिया)
दूसरी तस्वीर में नर और 2 मादा ज़ेबरा फ़िंच पक्षियों को दिखाया गया है। (पिक्साबे)
तीसरी तस्वीर में एक मोर और एक मोरनी दिखाई देता है। (अप्रकाश)
अंतिम तस्वीर में एक रिबन-पूंछ वाले एस्ट्रेपिया नर को दिखाया गया है। (विकिमीडिया)