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दशकों से ही जब भी किसी व्यक्ति द्वारा कोई भी संजीदा अपराध किया जाता है तो लगभग सभी देशों में उसे कारागार की सजा दी जाती है। विश्व भर में न जाने ऐसे कितने कारागार हैं जहां हर दिन किसी न किसी अपराधी को बंदी बनाया जाता है। कुछ इसी प्रकार की सूचनाएं विश्व कारागार संक्षिप्त प्रदान करता है। PrisonStudies.org पर विश्व कारागार संक्षिप्त एक ऑनलाइन डेटाबेस (Online database) है जो दुनिया भर की कारागार प्रणालियों की जानकारी तक मुफ्त पहुंच प्रदान करता है। अब इसकी मेजबानी लंदन (London) के इंस्टीट्यूट फॉर क्रिमिनल पॉलिसी रिसर्च (Institute for Criminal Policy Research), बिर्कबेक कॉलेज (Birkbeck College) करता है। हालांकि इसकी मेजबानी पहले कारागार अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Prison Studies-ICPS) द्वारा की जाती थी। जुलाई 2010 में कारागार अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र को इंग्लैंड (England) और वेल्स (Wales) के धर्मार्थ आयोग के साथ एक दानार्थ संस्था के रूप में शामिल और पंजीकृत किया गया।
यह केंद्र स्व-वित्त पोषित है और कई धर्मार्थ संगठन के उदार अनुदान की मदद से ही केंद्र द्वारा यह कार्य शुरू किया गया। यह कारागार और बंदी-करण के उपयोग पर उचित नीतियां विकसित करने के लिए सरकारों और अन्य संबंधित संस्थाओं की मदद करना चाहता है। यह अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के लिए एक परियोजना या परामर्श आधार पर अपना कार्य करता है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समूहों और व्यक्तियों के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध अपने अकादमिक अनुसंधान और परियोजनाओं के परिणामों को बनाना है, जो आमतौर पर इस तरह के कार्य का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इनमें नीति निर्माता, चिकित्सक और प्रशासक, मीडिया (Media) और आम जनता शामिल हैं। इसके संस्थापक निदेशक एंड्रयू कोयल (Andrew Coyle) हैं। वर्तमान निदेशक डॉ. जेसिका जैकबसन (Dr Jessica Jacobson) हैं।
विश्व कारागार संक्षिप्त विवरण के आधार पर अमेरीका (America) ने शीर्ष स्थान हासिल किया है और विश्व भर में 223 देशों में से भारत बन्दीकरण दर में 212 वें स्थान पर है। सरकारी आंकड़ों के आधार पर भारत में कुल 1339 जेल हैं (जिसमें 144 केंद्रीय जेल, 404 जिला जेल, 628 उप जेल, 24 महिला जेल, 77 खुली जेल, 19 बोरस्टल (Borstal) स्कूल, 41 विशेष जेल, 2 जेल) जिनकी क्षमता लगभग 4 लाख हैं। विश्व कारागार संक्षिप्त के अनुसार, भारत के कारागार की आबादी 31 दिसंबर, 2016 तक 433,003 थी। राष्ट्रीय कारागार पोर्टल (Portal) की वेबसाइट (Website) के अनुसार जब 22 अक्टूबर 2019 को देखा गया, तो भारत की कारगार की आबादी लगभग 473,000 है। इसके अतिरिक्त, कैदियों की संख्या और बंदी-करण दर प्रत्येक राज्य और क्षेत्र के लिए भिन्न है। वहीं यूरोप (Europe) की जेल की आबादी कुल 743 मिलियन आबादी का लगभग 1.2 मिलियन है। विश्व कारागार संक्षिप्त के अनुसार, चीन में 2015 के मध्य तक प्रति 100,000 के हिसाब से बंदी-करण दर 118 थी।
जबकि उत्तर प्रदेश में अपराध की दर मेरठ जिले के साथ सबसे उच्च है और अपराध दर में शीर्ष पर गौतम बौद्ध नगर तीसरे स्थान पर है। हम में से अधिकांश लोगों ने सामाजिक मीडिया (Media) पर विभिन्न उत्पादों के दर पत्र देखे होंगे, लेकिन मेरठ में एक अलग तरह का दर पत्र, जिसमें अलग-अलग अपराध करने के आरोप थे, सामाजिक मीडिया पर वायरल (Viral) हो रहा है। इस दर पत्र की पेशकश सेवाओं का लाभ उठाने के इच्छुक लोगों को आकर्षित करने के लिए की गई थी, उसमें रिवॉल्वर (Revolvers) के चित्र, एक आकर्षक युवा की तस्वीर और एक संपर्क नंबर भी था। जबकि महज धमकी देने के अपराध की दर 1,000 रुपये थी, किसी की हत्या करना सबसे महंगा था। सेवा का लाभ उठाने के लिए 55,000 रुपये का भुगतान करना होता है। वहीं पुलिस के सूत्रों के अनुसार, यह संदेश मेरठ शहर के व्यापारियों के एक समूह में साझा किया गया था। इससे पहले भी अलग-अलग तरह के अपराधों के लिए 'रिश्वत दरों' वाले कमोबेश इसी तरह के दर पत्र जिले में वायरल हुए थे।
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