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सर्दियों का मौसम, एक ऐसा समय है, जब रसोई के बगीचे में कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती हैं। पुराने समय में, जब प्रौद्योगिकी के किसी भी रूप का विकास नहीं हुआ था, तब लोग केवल उन ही चीजों का सेवन करते थे, जो उन्हें प्राप्त होता था या जो उनके लिए उपलब्ध था। लेकिन, 21वीं सदी में, हममें से ज्यादातर लोग आज तत्काल संतुष्टि का शिकार हो गए हैं, अर्थात हम जो चाहते हैं, वह हमें तुरंत ही मिल जाता है, और हम वही खाते हैं, जिसे हम खाना चाहते हैं। वर्तमान समय में भले ही खाने को लेकर हमारी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, लेकिन हमें ऑफ-सीज़न (Off-season) खाद्य पदार्थों को चुनने के बजाय मौसमी खाद्य पदार्थों के सेवन के महत्व को समझना आवश्यक है। सर्दियों की फसलों का यह मौसम रबी के मौसम के रूप में भी जाना जाता है। भारत में कुछ सब्जियां केवल रबी फसलों के रूप में ही उगायी जाती हैं। सर्दी अपने साथ जहां विभिन्न प्रकार के ताज़े फल और सब्ज़ियाँ लेकर आती है, वहीं, यह जानना भी जरूरी है कि, कौन से फल और सब्जियां आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक फायदेमंद हैं?
मौसमी फल और सब्जियों के सेवन से आर्थिक, पोषण और यहां तक कि स्वाद से संबंधित कई लाभ होते हैं। किसी भी फल या सब्जी में पौष्टिक तत्वों की मात्रा सबसे अधिक तब होती है, जब उनके उगने का मौसम होता है। इस प्रकार जब आप मौसमी फल और सब्जी खाते हैं, तो वास्तव में, आप उसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों की वास्तविक मात्रा का सेवन कर रहे होते हैं। यदि आपको स्वस्थ रहना है तो, आवश्यक है कि, आप फलों और सब्जियों को उनके मौसम के अनुसार खाएं। उदाहरण के लिए यदि आप सर्दियों में तरबूज खा रहे हैं, तो यह बुखार का कारण बन सकता है। इसके विपरीत जब आप गर्मियों में तरबूज खाते हैं तो, यह आपको ताजगी से भर देता है। मौसमी फल और सब्जियों के स्वाद में भी अंतर देखने को मिलता है, अर्थात मौसमी फल और सब्जियां जहां पौष्टिक हैं, वहीं अपेक्षाकृत स्वादिष्ट भी हैं। ऑफ-सीज़न खाद्य पदार्थों को अधिकतर किसी वाहन, जहाज आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। इस प्रकार इन्हें प्रशीतित (Refrigerated) करना पड़ता है, ताकि वे परिवहन के दौरान खराब न हों। परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थ अपना वास्तविक स्वाद खो देते हैं। लेकिन यदि आप मौसमी खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो आपको उसका वास्तविक स्वाद अवश्य ही प्राप्त हो जाएगा। पोषण और स्वाद संबंधी लाभों के अलावा, मौसमी खाद्य पदार्थ लागत प्रभावी भी हैं। मौसमी खाद्य पदार्थों को परिवहन और भंडारण की अधिक आवश्यकता नहीं होती, जिससे उसके दाम अपने आप गिर जाते हैं। इसका फायदा स्थानीय किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी होता है। मौसमी खाद्य पदार्थ आपको हानिकारक या दूषित पदार्थों से भी बचाते हैं, क्योंकि, खाद्य पदार्थों का परिवहन न केवल स्वाद में गिरावट का कारण बनता है, बल्कि खाद्य पदार्थों के दूषित होने का कारण भी है। बहुत से देशों में कीटनाशकों, मोम कोटिंग्स (Coatings) आदि का उपयोग होता है, जो खाद्य पदार्थ को दूषित करने का काम करते हैं। औद्योगिक और कृषि स्थल एक ही स्थान पर होने के कारण कुछ कृषि क्षेत्र भारी धातु और जहरीले दूषित पदार्थों से प्रभावित होते हैं, जिसका असर वहां उगाये गए फलों और सब्जियों पर भी होता है। इन खाद्य पदार्थों को जब आप खाते हैं, तो आपके स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ता है। मौसमी खाद्य पदार्थों का उपभोग आपको इस दुष्प्रभाव से बचाता है। मौसमी फल और सब्जियां हमारी उन आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, जिन्हें हमारा शरीर उस विशेष मौसम में मांगता है। जैसे-सर्दियों में, हमारा शरीर उन फलों और सब्जियों की मांग करता है, जो सिट्रस (Citrus) और विटामिन (Vitamin- C) में उच्च होते हैं। सिट्रस और विटामिन-C युक्त फल सर्दियों में आसानी से उपलब्ध होते हैं। जब आप मौसमी खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो स्थानीय उपज और स्थानीय किसानों पर आपकी निर्भरता बढ़ जाती है, जिससे उनको भी फायदा होता है। चूंकि, मौसमी खाद्य पदार्थों को परिवहन, प्रशीतन इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए वे पर्यावरण के अनुकूल भी हैं, तथा पर्यावरण प्रदूषण कम करने में भी मदद करते हैं।
भारत में मौसम के आधार पर कई प्रकार के फल और सब्जियां उपलब्ध हो जाते हैं। जैसे सर्दियों के मौसम में बैंगन, पालक, गोभी, फूलगोभी, गाजर, मूली, चुकंदर, मटर, मेथी, संतरा, अंगूर, अमरूद, पपीता, अनार, अनानास, खजूर आदि खाये जा सकते हैं। गर्मियों के मौसम में ककड़ी, करेला, शिमला मिर्च, लौकी, कद्दू, फलियां, कटहल, आम, पपीता, काला जामुन, लीची, तरबूज, आड़ू, बेर इत्यादि सब्जियों और फलों को खाना उपयुक्त होता है। इसी प्रकार से वसंत और बरसात के मौसम में भी विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां उपलब्ध हैं, जो खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ आपके शरीर को भी स्वस्थ रखती हैं।