अपनी रोशनी और चमक पैदा करने में सक्षम है, लॉयन्स मेन जेलीफ़िश

मेरठ

 14-11-2020 03:14 PM
मछलियाँ व उभयचर
लॉयन्स मेन जेलीफ़िश (Lion’s mane jellyfish), अर्थात ऐसी जेलीफ़िश जिसमें शेर के जैसी अयाल होती है, को खुले समुद्र में आसानी से देखा जा सकता है, जहां यह तैरना पसंद करती है। 120 फीट लंबे तंतुओं के साथ इनमें से कुछ जीवों का आकार ब्लू व्हेल (Blue whale), के समान या उससे अधिक हो सकता है, वही ब्लू व्हेल, जिसे दुनिया में सबसे बड़ा जानवर माना जाता है। अधिकांश लॉयन्स मेन जेलीफ़िश, आर्कटिक (Arctic) और उत्तरी प्रशांत (Pacific) महासागर में अलास्का (Alaska) से वाशिंगटन (Washington) तक रहती हैं, जहाँ पानी ठंडा होता है। इसकी अयाल लंबी, बाल-जैसे तंतुओं के समान होती है, जो इसके घंटी के आकार के शरीर के अधोभाग से नीचे की ओर लटकती है। इसी कारण इसका नाम लॉयन्स मेन जेलीफ़िश रखा गया है। इसका मुंह, घंटी के आकार के भाग के नीचे की तरफ स्थित होता है, जो तंतुओं से घिरा है। तंतु मुख्य रूप से आठ समूहों में बंटे होते हैं, तथा प्रत्येक में 150 तंतु होते हैं। ततुओं में विष-युक्त निमेटोसाइट्स (Nematocysts) होते हैं, जो शिकार को अचेत कर देते हैं। इसका शीर्ष भाग गहरे पीले या लाल रंग का होता है, जो कि बीच में मोटा होता है, और फिर किनारों की ओर पतला होता चला जाता है। इस जीव में बायोल्यूमिनसेंट (Bioluminescent) की क्षमता भी होती है, जिसका अर्थ है, कि यह गहरे अंधेरे पानी के भीतर अपनी रोशनी और चमक पैदा करने में सक्षम है। अपने भोजन के लिए यह मुख्य रूप से छोटी मछलियों, छोटे क्रस्टेशियंस (Crustaceans) और अन्य जेलीफ़िश पर निर्भर है, जिसके लिए यह अपने तंतुओं के शक्तिशाली डंक का उपयोग करता है। ये जेलीफ़िश लगातार तैरती रहती हैं, जो मजबूत समुद्री धाराओं के मौजूद होने पर भी लंबी दूरी तय कर सकती हैं। जबकि अधिकांश लॉयन्स मेन जेलीफ़िश एकल तैरना पसंद करते हैं, वहीं तूफान और ज्वार-भाटा आने पर ये समूह में भी तैरते हैं। इनमें बाहरी निषेचन के माध्यम से मार्च और मई की शुरुआत में प्रजनन होता है। लार्वा (Larvae), समुद्र-तल पर व्यवस्थित हो जाते हैं, जो कि पॉलीप्स (Polyps) बनाते हैं, और अंततः 30-40 दिनों के भीतर जेलीफ़िश में विकसित हो जाते हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान ने सुझाव दिया है, कि जेलीफ़िश वास्तव में उन क्षेत्रों में पनपी हैं, जो मानव गतिविधि से प्रभावित हैं। मछलियों के अत्यधिक शिकार, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण ने जेलीफिश के मुख्य शिकारियों और प्रतियोगियों को कम किया है तथा साथ ही अपने जेलीफ़िश झुंडों को बढ़ावा देने में भी मदद की है। इन कारकों ने इस प्रजाति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है, और केवल कुछ ही खतरे लॉयन्स मेन जेलीफ़िश के लिए मौजूद हैं।

संदर्भ:
https://www.youtube.com/watch?v=9divVba337M
https://oceana.org/marine-life/corals-and-other-invertebrates/lions-mane-jellyfish

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