बच्चे में अच्छे संस्कार डालने की जो कोशिश माता-पिता करते हैं, अक्सर उसी से सच्ची दोस्ती की बुनियाद बच्चों के बीच रख जाती है क्योंकि सच्चे दोस्त अच्छा चरित्र भी साझा करते हैं। भाई-बहन के बीच हमेशा दोस्ती हो ऐसा नहीं होता है बल्कि यह चुनौती होती है। शायद यह हमारे आज के समय की देन है। घरेलू माहौल अगर जटिल हो तो आपस में दूरियां आम हो जाती हैं। बहुत अजीब होता है जब बरसों बाद यह पता चलता है कि किसी पुराने परिचित का कोई भाई भी है जो पता नहीं कहां है? दोनों भाइयों में कभी नज़दीकियां नहीं रही। किसी ने पास आने की कोशिश नहीं की। शायद इसलिए भी की दोनों की जिंदगी एक-दूसरे से बिल्कुल कटी हुई थी। ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि क्या खास होता है भाई-बहन के रिश्ते में? कौन सी स्थितियां होती हैं, जो उनके बीच दोस्ती या दुश्मनी पैदा करती हैं? भारत में स्थिति थोड़ी अलग है। यहां के कुछ भाई-बहन अपने आदर्श प्रेम के कारण दुनियाभर में मशहूर हैं। आज जबकि सच्ची दोस्ती विकसित करने में मुश्किलें आ रही हैं, भाई-बहन के बीच दोस्ती का मुद्दा खास तौर से अहम हो गया है। भद्र स्वभाव के लोग अब कम मिलते हैं, इसलिए एक-दूसरे को जानने में काफी समय लग जाता है।
अरस्तु (Aristotle) की नजर में भाई बहन की दोस्ती
अरस्तु भाई-बहन के संबंध की बड़ी मोहक तस्वीर पेश करते हैं। उनका सबसे पहला सूत्र यह है कि सारे भाई बहन, यहां तक कि वे भाई बहन भी जो अपने माता-पिता या एक दूसरे से अलग हो गए थे, आपस में बड़ा अनोखा लगाव रखते हैं क्योंकि उनका खून एक है। परिस्थितियां कुछ भी रहे, हमारा यह संबंध हमारे मांस मज्जा से जुड़ा है। बहुत सी संस्कृतियों में रक्त संबंधों पर बहुत बल दिया जाता है। परिवार तो परिवार है, चाहे जैसा भी हो। अब जबकि यह रिश्ता सार्वभौम और स्थाई है, कभी ना भुलाए जाने वाला है, यह सीमित हो जाता है जब इसकी तुलना गहरी दोस्ती से की जाती है। आमतौर पर तो सभी भाई-बहन एक सी परवरिश पाते हैं और इससे होने वाले एक से अनुभव हमारे खून के रिश्ते को मजबूत करते हैं। कभी-कभी इससे गहरी दोस्ती भी पनप जाती है। अरस्तु के निष्कर्षों का सार निम्नलिखित है-
-भाई बहन जन्म से एक दूसरे को प्यार करते हैं।
- एक से माता-पिता, एक सी परवरिश और एक सी शिक्षा के कारण उनका चरित्र भी बहुत मिलता जुलता है।
- उनकी दोस्ती की परख समय द्वारा स्वयं हो जाती है।
भाई बहन का गहरा संबंध
स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) की बहन मोना सिंपसन (Mona Simpson) ने अपने भाई के बारे में जो भावुक प्रशंसा भरी टिप्पणी की, उसने सबको गहराई से छू लिया। बहुत बचपन में दोनों अलग हो गए थे। जनता के बीच एक बहन का अपने भाई के बारे में ऐसा खुला बयान सबके लिए एकदम नया अनुभव था। बच्चों के विकास में अभिभावकों की भूमिका पर मनोवैज्ञानिकों द्वारा बहुत शोध किये गए हैं, लेकिन भाई बहनों के आपसी संबंधों पर कम शोध हुए हैं। मोना सिंपसन तीनो भाई बहनों में सबसे छोटी थी, एकमात्र बेटी। वह कहती हैं कि आगे वह जो भी बनी, उस पर बड़े भाइयों का पूरा प्रभाव था। भाइयों ने उन्हें पहला शब्द सिखाया। पहले दिन स्कूल ले कर गए। मां बाप ने तो चिड़ियों और मक्खियों के बारे में बताया लेकिन भाइयों ने उनकी किशोर उम्र की समस्याएं हल की। कॉलेज से लेकर कैरियर तक के सफर में भाई साथ चले। बाद में वह लेखिका बन गई। मोना सिंपसन और स्टीव जॉब्स एक साथ पले बढे नहीं थे। स्टीव जॉब्स को गोद लिया गया था और मोना सिंपसन अकेली मां के साथ पलीं। लोग भाई बहनों की नकारात्मक- सकारात्मक कहानियों की चर्चा करते हैं लेकिन विपरीत लिंग के भाई बहन के संबंध पर बात नहीं होती।
पुराणों में प्रसिद्ध भाई-बहन
भारतीय पुराणों में भाई बहनों की अद्भुत जोड़ियों का वर्णन किया गया है।
यमराज- यमी या यमुना :
ऋग्वेद के अनुसार यमी या यमुना मृत्यु के देवता यमराज की जुड़वा बहन थी। यमराज यमी से मिलने जाते हैं, तो यमी उनका फूलों, मिठाई से स्वागत करती हैं, उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं। इससे अभिभूत होकर यमराज घोषणा करते हैं कि यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर तिलक लगवाते हैं, उन्हें कभी मृत्यु का भय नहीं होगा। इस तरह भाई दूज का त्यौहार यम द्वितीया को शुरू हुआ।
कृष्ण और सुभद्रा :
सुभद्रा, कृष्ण और बलराम की प्रिय बहन और वीर अभिमन्यु की मां थी।
देवकी और कंस :
कंस देवकी का तानाशाह भाई और कृष्ण का मामा था। जब उसे पता चला है कि देवकी का आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण होगा, उसने एक- एक कर देवकी के सारे बच्चों की हत्या कर दी।
कृपा और कृपी :
यह दोनों जुड़वा भाई बहन थे। दोनों शांतनु को वन में मिले थे। उनका राज महल में पालन-पोषण हुआ। कृपा विद्वान और कुशल योद्धा बना। वह कुरुऒं का गुरु बना। कृपि का विवाह द्रोण से हुआ और उनके पुत्र का नाम अश्वत्थामा था।
शूर्पनखा और रावण :
शूर्पनखा और दैत्यों के राजा रावण भारतीय पुराणों के बहुत प्रसिद्ध भाई-बहन थे। वे विश्रवा ऋषि और असुर स्त्री कैकसी की संतान थे। शूर्पनखा को रावण द्वारा भगवान राम की पत्नी सीता के अपहरण का दोषी ठहराया जाता है। इसके कारण राम- रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ जिसमें राम की विजय हुई।
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