भारतीय भूमि या भूमि निकाय लगभग 2280 लाख वर्ष पूर्व और 650 लाख वर्ष पूर्व के बीच डायनासोर (Dinosaurs) की कम से कम 20 प्रजातियों का घर था। आज डायनासोर केवल जीवाश्म के रूप में मौजूद हैं। डायनासोर के अवशेष मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात की जीवाश्म युक्त नर्मदा घाटी बेसिन (Basin) की खुदाई से प्राप्त किये गये हैं। अवशेषों को तमिलनाडु, मेघालय और पाकिस्तान में बरखान की धरती से भी खुदाई द्वारा प्राप्त किया गया है। मध्य भारत में, 24 से भी अधिक डायनासोर के अंडों के घोंसले खोजे गए जो जीवाश्म रूप में उन उथले गड्ढों में मौजूद थे, जिसमें उन्हें एक बार कभी रखा गया था। भूवैज्ञानिक मानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञात डायनासोर हैचरी (Hatchery) है, अर्थात यह वो स्थान है, जहां डायनासोर अपने अंडे सबसे अधिक सेंका करते थे। यहां डायनासोर के गोबर का जीवाश्म भी प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं, जो यह बताता है कि उस समय डायनासोर क्या खाते थे? इस प्रकार यह उनके द्वारा खाये जाने वाले पदार्थों की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो कि कहीं और दुर्लभ हैं। हमारे अपने शीर्ष शिकारी और विशाल शाकाहारी हैं, जिन्होंने राजसौरस (Rajasaurus), कोटासॉरस (Kotasaurus) और बारापासॉरस (Barapasaurus) जैसे भारतीय नाम भी पाये हैं।