1840 में कैमरे की खोज और लगभग 1858 में भारत में इसके पहुँचने से पहले बढ़िया पोर्ट्रेट और लैंड्स्केप (Portrait and Landscape) चित्रकार बहुत ज़्यादा प्रचलन में थे। 1820 से 1830 के दशक में जीवन राम, मेरठ के मशहूर चित्रकार थे। मूलरूप से वह दिल्ली के रहने वाले थे। ईस्ट इंडिया (East India) सरकार और बेगम समरु ने जीवन राम से काफ़ी चित्र बनवाए। इनकी कुछ पेंटिंग्स (Paintings) इंग्लैंड में संरक्षित हैं। हाल के वर्षों में इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मेरठ में जीवन राम की पेंटिंग्स की चर्चा कुछ अंग्रेज़ी किताबों में मिलती है, जिनके लेखक कभी मेरठ आए थे, जैसे कि डब्लू. एच. स्लीमन (W H Sleeman) और एमिली ईडेन (Emily Eden) (लॉर्ड ऑकलैंड (Lord Auckland) की बहन)।
भारतीय चित्रकारों पर शोध कर रहे शोधार्थियों के लिए मिल्ड्रेड आर्चर (Mildred Archer) के 1972 के कैटलॉग (Catalogue) में कम्पनी चित्रों ने बहुत नई जानकारियाँ दीं। उनका दिल्ली वाला खण्ड काफ़ी महत्वपूर्ण है। पृष्ठ 171 पर आर्चर ने लिखा है - ‘कुछ दिल्ली के चित्रकार कैनवस (Canvas) पर तेल चित्र (Oil Painting) बनाते थे। जीवन राम में बहुमुखी प्रतिभा थी। वह अनेक अंदाज़ों और तकनीकों से काम करते थे। ’आर्चर की इस संक्षिप्त टिप्पणी के 20 वर्ष के दौरान जीवन राम के कुछ महत्वपूर्ण चित्र इंडिया ऑफ़िस लाइब्रेरी (India Office Library) के प्रकाशन और पेंटिंग संग्रह (आजकल ब्रिटिश लाइब्रेरी विजुअल आर्ट्स (British Library Visual Arts)) में शामिल हो सके।साहित्यिक सूत्रों से भी जीवन राम का नाम चर्चा में रहा है। डब्लू. एच. स्लीमन के रैमबल्स एंड रिकलेक्शंस (Rambles and Recollections) ( लंदन 1844, vol.2, पृष्ठ 285-7) में 1834 में जीवन राम की कला के बारे में लिखा है - ‘राजा जीवन राम एक बेहतरीन पोर्ट्रेट पेंटर थे। वे बहुत ही ईमानदार और सकारात्मक थे। बाद में उन्हें सम्राट की पेंटिंग्स के काम पर रखा गया।’ वास्तविक पेंटिंग्स तो उपलब्ध नहीं हैं, एक शुरुआती पेंटिंग 1971 में इंडिया ऑफ़िस लाइब्रेरी द्वारा संरक्षित की गई। यह यूरोपियन पोर्ट्रेट की तरह की एक ब्रश पेंटिंग है। यह मुग़ल बादशाह अकबर-2 की 1834 में बनाई गई पेंटिंग है।
1993 में जीवन राम के हस्ताक्षर के साथ एक पेंटिंग सामने आयी। यह कैप्टन रॉबर्ट मैकमुलिन (Captain Robert McMullin) (1786-1865) की है, जो ईस्ट इंडिया बंगाल नेटिव इन्फेंट्री (East India Bengal Native Infantry) में नियुक्त थे। जीवन राम के हस्ताक्षर के साथ 1827 भी दर्ज है। दो साल बाद 1995 में एक और सैनिक अधिकारी कैप्टन विलियम गार्डेन (Captain William Garden) (1790-1852) का चित्र मिला, जिस पर 1827 सन के साथ जीवन राम के हस्ताक्षर और पीछे दिल्ली में इसके निर्माण का ज़िक्र है। 1827 में जीवन राम दिल्ली से मेरठ आ गए। कुछ साल बाद 1830 में उन्होंने सरधाना की प्रसिद्ध बेगम समरू (1745-1836) के चित्र बनाए। उनके महल में जीवन राम द्वारा बनाई लगभग 20 ऑयल पेंटिंग्स सजी हुई थीं। 1893 में उन्हें बेचा गया। कुछ गवर्न्मेंट हाउस इलाहबाद (Government House Allahabad) ने ख़रीदीं, बाक़ी इंडियन इंस्टिट्यूट (Indian Institute) ने सम्भालीं जो बाद में बोडलियन लाइब्रेरी, ऑक्सफोर्ड (Bodleian Library, Oxford) में संरक्षित हैं।
ऑयल पेंटिंग्स के अलावा जीवन राम ने मिनीएचर (Miniature), पोर्ट्रेट बोर्ड (Portrait Board) और हाथी दांत पर बनाए। एमिली ईडेन ने उनकी बहुत प्रशंसा की है। वह 1838 में मेरठ गई थीं। लाइब्रेरी की पेंटिंग्स और मिनीएचर 1820 के आस-पास की हैं, जबकि बोडलियन पोर्ट्रेट 1835 के भी मिले हैं। जीवन राम ने खुलकर यूरोपियन अन्दाज़ और तकनीक का अपने पोर्ट्रेट में प्रयोग किया। हालाँकि उनका नाम महानतम चित्रकारों में शामिल नहीं है, लेकिन उनका काम पोर्ट्रेट विधा में निःसंदेह मील का पत्थर है।
सन्दर्भ:
1. https://blogs.bl.uk/asian-and-african/2014/01/a-new-portrait-miniature-by-jivan-ram-acquired.html
2. https://www.bl.uk/eblj/2015articles/pdf/ebljarticle32015.pdf
3. http://searchcollection.asianart.org/view/objects/asitem/Objects@16218/0?t:state:flow=93a74fd9-fadd-4951-8274-7fc3bd3baedc
4. https://twitter.com/hemantsarin/status/1068167923187892225
चित्र सन्दर्भ :
1. मुख्य चित्र में चित्रकार राजा जीवन राम द्वारा चित्रित बेगम सुमरू की छवि को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)
2. दूसरे चित्र में क्रमशः जीवन राम द्वारा चित्रित एक अज्ञात ब्रिटिश अधिकारी और कप्तान विलियम गार्डन के चित्र को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)
3 तीसरे चित्र में जीवन राम द्वारा चित्रित मुग़ल शासक अकबर द्वितीय के चित्र को प्रदर्शित किया गया है। (Publicdomainpictures)
4. चौथे चित्र में जीवन राम द्वारा चित्रित लेफ्टिनेंट गर्वेज़ पेनिंगटन (Gervase Pennington)(3rd बंगाल अश्व आर्टिलरी (3rd Bengal Horse Artillery)) और कप्तान रॉबर्ट मैकमुलिन (Captain Robert McMullin) के चित्रों को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures/Prarang)
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