खेल सिद्धांत या गेम थ्योरी (Game Theory) व्यवहारिक गणित की सबसे आकर्षक शाखाओं में से एक है, जिसका प्रयोग समाज विज्ञान, अर्थशास्त्र, और जीव विज्ञान से लेकर राजनीति विज्ञान में भी किया जाता है। खेल सिद्धांत पारस्परिक कूटनीतिक से सम्बंधित स्थितियों में लोगों के तर्कसंगत व्यवहार का अध्ययन है। यह सिद्धांत तर्कसंगत व्यवहार करने वाले लोगों के समूह की बातचीत के विश्लेषण करने का एक औपचारिक तरीका है। खेल सिद्धांत "खेल" का अध्ययन है। यह मूल रूप से निर्णय लेने का गणित है, जो अर्थशास्त्र में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। खेल सिद्धांत हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मनुष्यों के हर प्रयास में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
गेम थ्योरी में खेल का गणितीय अर्थ कूटनीतिक से सम्बंधित स्थितियों के रूप में परिभाषित किया जाता हैं, जिसमें कई प्रतिभागी होते हैं। इसमें एक व्यक्ति दूसरे लोगों की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखकर फैसले लेता है। अतः एक व्यक्ति को यदि कोई फैसला लेना है तो उसे यह जानना होगा कि लोगों का उस पर क्या फर्क पड़ेगा एवं वे कैसे प्रतिक्रिया देंगे? गेम थ्योरी के माध्यम से खेल को समझना और उसका विश्लेषण आसान हो जाता है। सरल शब्दों में समझे तो इसका उपयोग करके प्रतियोगिताओं को समझा जाता है। गेम थ्योरी में एक स्थिर स्थिति खोजने का प्रयास किया जाता है। जहां प्रत्येक खिलाड़ी एक रणनीति को यह मानते हुए अपनाता है कि अन्य प्रतिभागी भी अपनी रणनीति को नहीं बदलेंगे। इस विचार को समझने के लिये नैश संतुलन (Nash Equilibrium) खेल सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है।
नैश संतुलन के अंतर्गत इष्टतम परिणाम तब प्राप्त होता है, जब कोई भी खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी के द्वारा चुनी हुई रणनीति पर विचार करने के बाद अपनी रणनीति से विचलित नहीं होता या अपनी रणनीति नहीं बदलता। कुल मिलाकर, एक खिलाड़ी एकतरफा रणनीति को बदलकर लाभ हासिल नहीं कर सकता है, यह मानते हुए कि अन्य प्रतिभागी अपनी रणनीतियों में स्थिर रहेंगे। नैश संतुलन का नाम आविष्कारक, जॉन नैश (John Nash) (एक अमेरिकी गणितज्ञ) के नाम पर रखा गया है। यह गेम थ्योरी की सबसे महत्वपूर्ण अवधारणाओं में से एक मानी जाती है, जो गणितीय और तार्किक रूप से उन रणनीतिओं को निर्धारित करने का प्रयास करती है, जो किसी खेल के प्रतिभागियों को अपने लिए सर्वोत्तम परिणामों को सुरक्षित करने के लिए बनानी चाहिए। नैश सन्तुलन को अर्थशास्त्र से लेकर सामाजिक विज्ञान तक विविध विषयों में शामिल किया जाता है।
पोकर खेल सिद्धांत के सबसे बेहतरीन उदाहरण में से एक है, क्योंकि इसमें दूसरे खिलाड़ी का चुनाव आपकी रणनीति को प्रभावित करता है। यह एक बुद्धिमत्ता का खेल है, जहाँ एक व्यक्ति दूसरे लोगों की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखकर फैसले लेता है। पिछले कुछ वर्षों में यह खेल भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है और पोकर खेलने वाले कई पेशेवर भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। पोकर के खेल को निर्विवाद रूप से भारत में सफलता मिली। वैसे तो पोकर को पहले जुआ माना जाता था और इसे हमारी परंपराओं के खिलाफ भी कहा जाता है। परन्तु पिछले 3-4 सालों में यह सोच बदल गई है। युवा पीढ़ी ने पूरे दिल से पोकर को अपनाया है और राज्य सरकारें इस खेल को एक उचित व्यापार के रूप में स्वीकार भी करती हैं। यह भारत में अच्छी तरह से फल-फूल रहा है, इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान भारत में ऑनलाइन पोकर उद्योग का अनुमान लगभग 120 मिलियन डॉलर है।
भारत में धीरे-धीरे इस खेल के व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। कर्नाटक, नागालैंड और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों ने स्पष्ट फैसला दे दिया है कि उन्होने पोकर को कौशल आधारित खेल के रूप में वर्गीकृत किया है। गोवा के कैसीनो (Casino) में भी पोकर खेलने की अनुमति है और भारतीय पोकर संघ के प्रयासों से, गुजरात और केरल पोकर को वैध बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी ने पोकर की दुनिया में व्यापक परिवर्तन लाए हैं, और इस खेल को विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है। स्मार्टफोन और इंटरनेट के प्रवेश के कारण पोकर की लोकप्रियता बढ़ी है और इसके विकास की कई वजहों से एक हैं। लोग अपने स्मार्टफोन में पोकर गेम डाउनलोड कर के इस खेल को आसानी से घर में बैठे बैठे ही खेल रहे हैं। कहा जाता है कि भारत में 2020 में मोबाइल गेम्स का बाजार 1.1 बिलियन डॉलर का होगा और उपयोगकर्ताओं की संख्या 628 मिलियन हो जायेगी।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Internet and Mobile Association of India -IAMAI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 451 मिलियन मासिक सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। कोरोनवायरस के समय में लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर देखने को मिला, इस वजह से भी लोग पोकर खेल की तरफ आकर्षित होने लगे हैं। फ़्लटर एंटरटेनमेंट पीएलसी (Flutter Entertainment PLC) ने कहा कि ऑनलाइन पोकर में वृद्धि ने 2020 के पहले 6 महीनों में बिक्री को 22% तक बढ़ाने में मदद की है।
पोकर की बढ़ती मांग के कारण भारत में पोकर पेशेवरों के लिये अब भारत पोकर चैम्पियनशिप, भारत पोकर श्रृंखला आदि जैसे कई लाइव पोकर टूर्नामेंटों का उदय होने लगा है। जिसमें प्रतिभागी भाग लेते हैं और नकद पुरस्कार भी जीतते हैं। भारतीय पोकर खिलाड़ियों जैसे अभिषेक, निपुण जावा आदि ने काफी प्रसिद्धि प्राप्त की है और कई भारतीयों को एक पेशेवर कैरियर विकल्प के रूप में इस खेल को चुनने के लिए प्रेरित किया है। कई खिलाड़ी मुख्य रूप से बड़े अमेरिकी टूर्नामेंटों में भी जाते है जैसे कि विवेक राजकुमार, जिन्होने लाइव गेम्स से 4.5 मिलियन डॉलर (लगभग 33 करोड़) कमाए, राजकुमार ने लाइव पोकर से एक साल में अपनी सर्वाधिक कमाई की। लाइव कमाई में 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग 18 करोड़) के साथ, निपुण जावा नकद टूर्नामेंट से भारत के दूसरे सबसे अधिक कमाई वाले खिलाड़ी के रूप में रैंक प्राप्त किया। आदित्य अग्रवाल ने भारत के पोकर खिलाड़ियों की इस सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है, इन्होंने लाइव टूर्नामेंट से एक मिलियन डॉलर से अधिक कमाए हैं। आज विश्व स्तर पर खिलाड़ी पोकर को एक कैरियर विकल्प के रूप में चुन रहे हैं और इससे बहुत अच्छा जीवन जी रहे हैं।
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