पश्तून (पठान) - मुस्लिम धर्म की एक प्रमुख जनजाति का इतिहास

मेरठ

 23-09-2020 03:27 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

भारतवर्ष सदियों से ही विविधताओं का देश रहा है। विभिन्न धर्म-संप्रदाय के लोग यहां की गरिमा हैं। अलग-अलग रीति-रिवाज, खान-पान, भाषा, वस्त्र-आभूषण देश के सैंदर्य पर चार चाँद लगाते हैं। देश के हर राज्य व क्षेत्र में विभिन्न धर्मों के लोग वर्षों से एक-साथ मिलजुल कर रहते आए हैं। मुस्लिम धर्म के लोग विश्व के कई देशों में सदियों से निवास करते हैं, भारत में भी यह समुदाय प्राचीन काल से ही देश का हिस्सा रहा है। मुस्लिम धर्म में भी कई जनजातियां सम्मिलित हैं, जिनके बारे में हम कुछ विशेष बातें जानने का प्रयास करेंगे।
उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में मुस्लिम धर्म के विभिन्न समुदाय निवास करते हैं। पश्तून अथवा पठान उन्हीं समुदायों में से एक है। जो राज्य में 10वीं शताब्दी से भी कई वर्ष पहले से निवास कर रहे हैं। पश्तून को हिंदी भाषा में 'पठान' कहा जाता है। ऐतिहासिक रूप से अफगानी समूह (जिसे ईरानी समूह के नाम से भी जाना जाता है) मध्य और दक्षिण एशिया में दक्षिणी अफ़गानिस्तान और उत्तरी-पश्चिमी पाकिस्तान (एक पश्तून बहुसंख्यक क्षेत्र) के मूल निवासी हैं। साथ ही इस समुदाय को "ख़ान" जो कि एक उपनाम है से जाना जाता है, हालाँकि इस उपनाम का प्रयोग दूसरे मुस्लिम समुदायों जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश के “खानज़ादा” समुदाय को सम्बोधित करने के लिए भी किया जाता था, जो कि पठान नहीं बल्कि मुस्लिम राजपूत हैं। मुख्यतः गोरखपुर के मुस्लिम राजपूत समूहों को "पठान खानज़ादा" नाम से जाना जाता है। अलीगढ़ से सहारनपुर तक और आसपास के गांवों में पठान आबादी के साथ - साथ कुछ और समुदाय विशेष रूप से मुस्लिम गुर्जर, रंगहार, गढ़, और मुले जाट समुदाय निवास करते हैं। अलीगढ़ में, यूसुफ़ज़िया और मोहम्मदोज़ी की बस्तियों के साथ अन्य बस्तियाँ जैसे सिकंदरा राव में लोदी, खैर में अफरीदी और अतरौली में घोरी रहते हैं। देवबंद तहसील के काकरों की एकमात्र बड़ी पठान कॉलोनी, रुड़की में घोरी पठानों की एक बहुत ही प्राचीन बस्ती, सहारनपुर तहसील में लोदी की बस्तियाँ, और नाकुर में यूसुफ़ज़ीज़ समुदाय प्रमुख हैं। उत्तर भारत में पश्तूनों की सबसे पुरानी बस्ती कहे जाने वाले मेरठ जिले में पठानों के यूसुफजई और गौरी जनजाति (आठ सौ वर्षों से) के लोग सबसे अधिक संख्या में हैं। इसके आलावा, जिले में अन्य पठान जनजातियों में ककर, तारेन, बंगश और अफरीदी समूह शामिल हैं।
पश्तूनों की मूल भाषा पश्तो है, जो भारत-ईरानी शाखा की एक ईरानी भाषा है, जो कि बड़े भारत-यूरोपीय भाषा समूह के अंतर्गत आती है। अधिकांश पश्तून लोग दारी (फ़ारसी का एक संस्करण) या हिंदुस्तानी (हिंदी / उर्दू) (क्रमशः अफगानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप में) को दूसरी भाषा की तरह प्राथमिकता देते हैं। एक अनुमानित आंकड़ों के अनुसार पश्तूनों की कुल संख्या लगभग 63 मिलियन है हालांकि, यह आंकड़ा 1979 से अफगानिस्तान में एक आधिकारिक जनगणना के आधार पर एकत्र नहीं किया गया है, इसी कारण यह एक विवादित आंकड़ा है। अफगानिस्तान का सबसे बड़ा जातीय समूह पश्तून जो वहां की कुल आबादी का लगभग 42% हिस्सा है और पाकिस्तान में देश के पांच प्रमुख जातीय-भाषाई समूहों में से एक व दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है, जो कुल आबादी का लगभग 15% हिस्सा है। भारतीयों के महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समुदाय पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों (विशेष रूप से कराची और लाहौर) और भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के रोहिलखंड क्षेत्र में निवास करते हैं। हाल ही में एक फारसी खाड़ी (मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात में) के अरब राज्यों में दक्षिण-एशियाई प्रवासी भारतीय समूह का गठन हुआ है। पश्तून समुदाय को धर्म से समरूप नहीं जोड़ा गया है क्योंकि इनमें बहुसंख्यक सुन्नी और एक छोटा समुदाय शिया (तुरी और आंशिक रूप से बंगश जनजाति) का समूह भी शामिल है। पाकिस्तान की कुर्रम और ओरकजई, यहूदी और अफगान यहूदी, काफी हद तक इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थानांतरित हो गए हैं। इंचोली भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ शहर से 12 किलोमीटर (7.5 मील) की दूरी पर स्थित एक गाँव है। इसकी स्थापना अफगानी शहर ऐंचोली के पठान प्रवासियों द्वारा की गई थी। यह गांव शेख ला-अल शाह बुखारी जिन्हें शेख लाल के नाम से भी जाना जाता था, जो मुगल बादशाह शाहजहाँ (1627-1658) के शासनकाल के दौरान दक्षिणी भारत में मुगल सेनाओं के कमांडर और आगरा प्रांत के गवर्नर थे, द्वारा पुनर्स्थापित किया गया था।
18वीं शताब्दी की शुरुआत में अंग्रेजों के आगमन के दौरान दक्षिण एशिया में प्रचलित खेल क्रिकेट, जो पश्तूनों के लोकप्रिय खेलों में से एक बन गया था। पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी जिनमें शाहिद अफरीदी, माजिद खान, मिस्बाह-उल-हक, यूनिस खान, जुनैद खान, फखर जमान, उस्मान शिनवारी, मोहम्मद रिज़वान, यासिर शाह और उमर गुल पश्तून हैं। साथ ही फवाद अहमद पाकिस्तानी पश्तून हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेला है। हमारे देश व आस-पास के देशों की कुछ और जानी - मानी हस्तियां इसी समुदाय से आतीं हैं, जिनमें कुछ प्रमुख पश्तून या आंशिक पश्तून नाम मलाला यूसुफजई, इमरान खान, शेर शाह सूरी, शाहरुख खान, पीर रोशन, मधुबाला, जाकिर हुसैन इत्यादि अपने कार्य के लिए विश्व भर में विख्यात हैं।

सन्दर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Pathans_of_Uttar_Pradesh
https://en.wikipedia.org/wiki/Incholi
https://en.wikipedia.org/wiki/Pashtuns

चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र में पस्तून जाति समूह की दो बालिकाओं का चित्रण है। (Needpix)
2. दूसरे चित्र में अफगानिस्तान के शेर अली खान और उसके समूह का चित्रण है। (Wikimedia)
3. तीसरे चित्र में महात्मा गाँधी के साथ पश्तून जाति के अब्दुल गफ्फार खान का चित्रण है। (Wikipedia)

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id