बड़े स्तर पर खेल के सामान और वाद्ययंत्रों का निर्माण करने वाला हमारा मेरठ उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है, जो पर्यटन की दृष्टि से भी मुख्य शहरों में से एक है। दिगंबर जैन मंदिर, शाही जामा मस्जिद, सेंट जॉन चर्च, औगर्नाथ मंदिर, शहीद स्मारक, गांधी बाग, शाहपीर की समाधि, शाही ईद गाह, परीक्षितगढ़ किला, बाले मियाँ की दरगाह आदि मेरठ और इसके आसपास स्थित मुख्य पर्यटन स्थलों में शामिल हैं। यहां स्थित एक अन्य पर्यटन स्थल 'सूरज कुंड' के नाम से विख्यात है। सूरज कुंड मेरठ का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। शुरूआती समय में तालाब पवित्र जल से भरा हुआ था किंतु समय बदलने के साथ यह जल वाष्पीकृत होता चला गया और अंततः सूखे तालाब में परिवर्तित हो गया।
इस पवित्र कुंड का निर्माण एक धनी व्यापारी जवाहर लाल ने 1714 ई. में करवाया था, और इसे अंग्रेजों द्वारा "मॉनकी टैंक (Monkey Tank)" भी कहा जाता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि कर्ण द्वारा इस कुंड में सूर्य देवता को अपने कवच और कुंडल अर्पित किये गए थे। सूरज कुंड के चारों ओर मेरठ के कुछ अति महत्त्वपूर्ण तथा प्रचीन मंदिर, अभयारण्य, सती स्तंभ स्थित हैं, जिनमें 'मनसा देवी मंदिर' और 'बाबा मनोहर नाथ मंदिर' प्रमुख हैं। सूरज कुंड में कुछ अन्य उल्लेखनीय संरचनाओं में शाहपीर की दरगाह, जामा मस्जिद, सालार मसऊद गाजी और अबू यार खान के मकबरे भी शामिल हैं।
सूरज कुंड के निकट मंदिर
• बाबा मनोहरनाथ मंदिर : स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी मंदिर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय यहाँ रहने वाले बूढ़े फकीर एक बड़े संगठन का हिस्सा थे। उन्होंने सिपाहियों और स्थानीय नागरिकों को प्रेरित किया कि वे अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाएं।
• चंडी देवी मंदिर : यह मंदिर नौचंदी मेले का स्थल है, जो मार्च के महीने में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
किंवदंतियों के अनुसार, रावण की पत्नी मंदोदरी, देवी चंडी की आराधना करती थी, जिनकी याद में यह मंदिर बनाया गया है।
• मनसा देवी मंदिर : यह मंदिर मेरठ के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो देवी मनसा को समर्पित है। यहाँ दशहरा के दौरान विशेष प्रार्थनाएँ आयोजित की जाती हैं, और सभी लोग यहाँ देवी को विशेष प्रसाद चढ़ाने के लिए एकत्रित होते हैं।
सूरज कुंड में ऐतिहासिक स्मारक
• शाहपीर की दरगाह : 1620 में निर्मित शाहपीर की दरगाह को भारतीय पुरातत्व संस्था द्वारा एक राष्ट्रीय विरासत स्मारक के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह मकबरा शाहपीर (जो जहांगीर के दरबार में एक चिकित्सक और सलाहकार थे) की याद में बनाया गया था।
• बडे मियाँ की दरगाह : यह दरगाह मेरठ में मार्च के दौरान होने वाले उर्स के लिए भी एक लोकप्रिय स्थल है। दरगाह को कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 12वीं शताब्दी के दौरान बनवाया था।
सूरज कुंड में होने वाले मेले
• सूरज कुंड मेला प्रत्येक वर्ष दशहरा के दौरान बड़ी भव्यता और प्रदर्शन के साथ आयोजित किया जाता है। इस दिन यहाँ बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण का पुतला जलाया जाता है।
• नौचंदी मेला उन लोकप्रिय मेलों में से एक है, जो होली के त्योहार के बाद के हफ्तों में मेरठ में आयोजित किए जाते हैं। यहाँ देवी चंडी को स्मरण किया जाता है।
यहाँ के कुछ अन्य आकर्षण गाँधी पार्क, बारसपति मंदिर आदि हैं, सूरज कुंड गढ़मुक्तेश्वर की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित है। यहाँ की झील को नगर निगम द्वारा प्रबंधित किया गया है और जो कई लोगों को आकर्षित करता है क्योंकि यहाँ कई मनोरंजक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह क्षेत्र अब खरीदारी और बाजारों के लिए लोकप्रिय है, ये सभी प्रकार के सामानों की बिक्री करने वाली दुकानों और खेल सामान बनाने वाली कंपनियों का केंद्र है। सूरज कुंड का मुख्य स्थल सूरज कुंड पार्क है, जो कि एक विशाल तालाब है, जिसमें इसके सूखने के बाद मूल रूप से अबू नाला से जल भरा जाता था।
लेकिन अब वर्तमान समय में गंगा नहर इस पार्क का पानी भरती है, और इसकी देखरेख नगर निगम द्वारा की जाती है। सूरज कुंड पार्क जनता के लिए मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। नगर निगम द्वारा बनाए गए पार्क के परिसर के भीतर विविध वनस्पतियों और जीवों को देखा जा सकता है। वर्तमान में पार्क को नगर निगम द्वारा सार्वजनिक पर्यटन स्थल के रूप में बदल दिया गया है तथा प्रवेश पाने के लिए टिकट प्रणाली की व्यवस्था भी की गयी है।
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