अगर मैं आप से कहूं कि इस समय पृथ्वी की उम्र केवल 16 से 18 साल है, सूर्य की उम्र 20.44 साल है और ब्रह्मांड का जन्म केवल 61.32 साल पहले ही हुआ था तो आप शायद यकीन ना करें, आप सोचेंगे कि भला अरबों सालो से ब्रह्मांड के तैरते ये पिंड इतनी कम उम्र के कैसे हो सकते हैं? कैसे 14 अरब साल पहले पैदा हुआ ब्रह्मांड केवल 61.32 साल का हो सकता है? परंतु यदी आप पृथ्वी के समय के पैमाने (Time Scale) को हटा कर आकाशगंगा के टाइम स्केल के हिसाब से देखे तो हमें अपने तारों और ग्रहों की जो उम्र मिलेगी वो आपको चकित कर देगी। पृथ्वी पर एक साल तब माना जाता है, जब वह सूर्य की पूरी एक परिक्रमा कर लेती है, आमतौर पर किसी भी ग्रह का एक साल तब पूरा होता है, जब वो सूर्य या अपने तारे की एक परिक्रमा पूरा कर लेता है। परंतु सोचने वाली बात यह है कि आज तक तो हमने यह सुना है कि ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा इस आधार पर उनके समय के पैमाने (Time Scale) का निर्धारण होता है, किंतु सूर्य किसकी परिक्रमा करता है, जिस आधार पर हम उसकी आयु 20.44 वर्ष बता रहे हैं? हम आपको बता दें कि सौर प्रणाली के साथ सूर्य भी आकाशगंगा के केंद्र के चारों तरफ घूमता है और इस परिक्रमा को गांगेय वर्ष (Galactic year) के नाम से जाना जाता है।
गांगेय वर्ष, सौरमंडल द्वारा आकाशगंगा के केंद्र का एक पूर्ण चक्कर लगाने में लिया जाने वाला समय है। गांगेय वर्ष के आधार पर यदि हम देखें तो पृथ्वी की उम्र केवल 16 से 18 गांगेय वर्ष और सूर्य की उम्र 20.44 गांगेय वर्ष है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी आकाशगंगा का केंद्र इतना विशाल है कि सौरमंडल जो 8,28,000 किमी/घंटा (230 किमी/सेकंड) या 5,14,000 मील प्रति घंटा (143 मील/सेकंड) की औसत गति करता है, उसे भी आकाशगंगा के केंद्र की एक परिक्रमा को पूरा करने में करीब 23 करोड़ साल लगते हैं। यदि आप इसी गति से एक जेट विमान में भूमध्य रेखा के साथ-साथ पृथ्वी की यात्रा करते हैं, तो आपको दुनिया भर का चक्कर लागाने में करीब 2 मिनट और 54 सेकंड का समय लगेगा।
हमारी आकाशगंगा एक सर्पिल आकाशगंगा है। इसका व्यास लगभग 100,000 प्रकाश-वर्ष है और सूर्य इसके केंद्र से लगभग 28,000 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। इसमें तारे, ग्रह, गैस और धूल शामिल हैं, जो चार प्रमुख सर्पिल भुजाओं और कई छोटी भुजाओं में व्यवस्थित हैं। सूर्य और हमारा बाकी का सौर मंडल दो प्रमुख भुजाओं (पेरेसस और धनु भुजा) के बीच ओरियन भुजा के पास स्थित है। माना जाता है कि हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल (Super Massive Black Hole (SMBH)) है, इसी की परिक्रमा हमारे सौर मंडल द्वारा की जाती है। इस ब्लैक होल की उपस्थिति के कारण ही आकाशगंगा को संरचना मिलती है और इसका गुरुत्वाकर्षण तारों को संभाले रखता है।
निम्न सूची के अनुसार एक गांगेय वर्ष लगभग 22.5 करोड़ वर्ष का है और इसमें कुछ ब्रह्माण्डीय युगों की समयरेखा और सुदूर भविष्य की समयरेखा की कुछ घटनाओं को दर्शाया गया है।
ब्रह्माण्डीय युगों की समयरेखा
लगभग 61.32 गांगेय वर्ष पहले बिग बैंग (Big Bang)
लगभग 54 गांगेय वर्ष पहले मंदाकिनी का जन्म
20.44 गांगेय वर्ष पहले सूर्य का जन्म
17-18 गांगेय वर्ष पहले पृथ्वी पर महासागरों का उदय
16.889 गांगेय वर्ष पहले जीवन की शुरुआत
15.555 गांगेय वर्ष पहले प्रोकेरियोटिक (Prokaryotic) जीवों का उदय
12 गांगेय वर्ष पहले जीवाणु का उदय
10 गांगेय वर्ष पहले स्थिर महाद्वीपों का उदय
6.666 गांगेय वर्ष पहले यूकेरियोट (Eukaryotic) जीवों का उदय
6.8 गांगेय वर्ष पहले बहुकोशिकीय जीवों का उदय
2.4 गांगेय वर्ष पहले कैम्ब्रियन (Cambrian) विस्फोट
1.11 गांगेय वर्ष पहले पर्मियन-ट्राइऐसिक (Permian–Triassic) विलोपन घटना
0.2935 गांगेय वर्ष पहले क्रीटेशस-पैलियोजीन (Cretaceous–Paleogene) विलोपन घटना
0.001 गांगेय वर्ष पहले आधुनिक मानव का आगाज
सुदूर भविष्य की समयरेखा
भविष्य के 1 गांगेय वर्ष में पृथ्वी पर सभी महाद्वीप एक सुपरकॉन्टिनेंट (Super-continent) में फ्यूज हो सकते हैं।
भविष्य के 2–3 गांगेय वर्ष में ज्वारीय त्वरण चंद्रमा को पृथ्वी से काफी दूर ले जा सकता है
भविष्य के 22 गांगेय वर्ष में हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा आकाशगंगा भिड़ने को तैयार
भविष्य के 25 गांगेय वर्ष में सूर्य एक श्वेत-वामन को पीछे छोड़ते हुए एक ग्रहीय नीहारिका को बाहर कर देगा
भविष्य के 30 गांगेय वर्ष में हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा आकाशगंगा के भिड़ने से मिल्कोमेडा या मिल्कड्रोएडा नामक
एक विशाल अण्डाकार आकाशगंगा का जन्म होगा
इस सूची में आपने ध्यान दिया होगा कि वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया है कि आज से लगभग 25 गांगेय वर्ष (चार अरब साल) बाद हमारी आकाशगंगा और उसकी पडो़सी आकाशगंगा “एंड्रोमेडा (Andromeda)” के बीच टक्कर तय है। अभी तक तो हम गांगेय वर्ष के बारे में बात कर रहे थे ताकि आप भविष्य में होने वाली एक ऐसी घटना के समय का अनुमान लगा सकें, जिसमें ये दोनों आकाशगंगाएं (हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा) आपस में मिल जाएंगी और जन्म होगा एक नई आकाशगंगा “मिल्कोमेडा या मिल्कड्रोमेडा” (Milkomeda or Milkdromeda) का।
जैसा कि हम जानते हैं कि ब्रह्मांड में हमेशा से ही वर्चस्व की लड़ाई चलती ही रहती है, यहां ग्रह में टक्कर, तारों की मृत्यु और जन्म, छोटे ब्लैक होल का बडे़ ब्लैक होल में समा जाना जैसी घटनायें होती ही रहती है। यहां जीत उसी की होती है जो शाक्तिशाली होता है। ऐसी ही एक विशालकाय आकाशगंगा “एंड्रोमेडा” है, इसे एम31 (M31) भी कहा जाता है। माना जाता है कि अतीत में एंड्रोमेडा द्वारा कई छोटी आकाशगंगाओं को खुद में विलीन कर लिया गया है और अब हमारी आकाशगंगा भी इसमें विलीन होने वाली है।
एंड्रोमेडा एक सर्पिल आकाशगंगा है, जो हमारी निकटतम सबसे बड़ी आकाशगंगा है। नासा के मुताबिक एंड्रोमेडा कम से कम 110 किलोमीटर प्रति सेकंड (68 मील / सेकंड) की रफ्तार से मिल्की वे की तरफ बढ़ रही है। फिलहाल मिल्की वे और एंड्रोमेडा के बीच 25 लाख (2.5 मिलियन) प्रकाश वर्ष की दूरी बताई जाती है। माना जाता है जिस दिन एंड्रोमेडा और हमारी आकाशगंगा का टकराव होगा, उस दिन हमारी आकाशगंगा तहस नहस हो जाएगी और एंड्रोमेडा में विलिन हो जायेगी, जिससे एक नई आकाशगंगा “मिल्कोमेडा या मिल्कड्रोमेडा” (Milkomeda or Milkdromeda) का जन्म होगा। हालांकि यह टक्कर कितनी घातक होगी, इसका अंदाजा अभी नहीं है परंतु 50% यह संभावना है कि इस टकराव से सौर मंडल अपनी वर्तमान दूरी की तुलना गैलेक्सी से बाहर निकलकर अंतर तारकीय अंतरिक्ष में पहुंच जाएगा। वहीं 12% संभावना है कि टक्कर के दौरान सौर मंडल को नई आकाशगंगा से बाहर निकाल दिया जाएगा। बेशक ये स्थिति हमारे सौरमंडल पर कोई असर नहीं डालेगी। हां ये जरूर होगा उस समय सूर्य एक लाल विशालकाय तारा बन चुका होगा और पृथ्वी की सतह को रोशन करने के लिए पर्याप्त उज्ज्वल होगा। दो पड़ोसी आकाशगंगाओं का यह मिलन बड़ा ही दुर्लभ होगा और इसके प्रभाव बड़े पैमाने पर देखे जायेंगे। लेकिन यह घटना तो चार अरब वर्षो के बाद होगी और तब न ही पृथ्वी और न ही सौर मंडल इस खगोलीय टकराव का साक्षी होगा।
माना जाता है कि एंड्रोमेडा गैलेक्सी में लगभग 1 ट्रिलियन (1012) तारे हैं और हमारी गैलेक्सी में लगभग 300 बिलियन (3×1011) तारे हैं, इसके बावजूद दोनों आकाशगंगाओं में बहुत बड़ी जगह खाली है इसलिए वैज्ञानिकों को लगता है की आपस मे तारों के टकराने की संभावना बहुत कम हो सकती है। उदाहरण के लिए, सूर्य के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी (Proxima Centauri) है, जो लगभग 4.2 प्रकाश वर्ष (4.0×1013 किमी; 2.5×1013 मील) या 30 मिलियन (3×107) सौर व्यास दूर है। यद्यपि प्रत्येक आकाशगंगा के केंद्रों के पास तारे अधिक होते हैं परंतु फिर भी सितारों के बीच औसत दूरी अभी भी 160 अरब (1.6 × 1011) किमी (100 अरब मील) है। इसलिए वैज्ञानिकों को लगता है की आपस मे तारों के टकराने की संभावना बहुत कम हो सकती है।
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