खतरे के कगार पर खड़ी शाह बुलबुल

मेरठ

 10-09-2020 08:58 AM
पंछीयाँ

विश्व में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पायी जाती हैं, किंतु पर्यावरण परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के कारण कई पक्षी आज संकटग्रस्त स्थिति में खड़े हैं। जिनमें से एक इंडियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर (Indian Paradise Flycatcher) है। जो अक्सर रामपुर शहर में भी नजर आ जाती है।

पैराडाईज़ फ्लाईकैचर मुख्यत: भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया और म्यांमार में पाए जाते हैं, जो कि अपनी लंबी पूंछ के कारण प्रसिद्ध हैं। यह पक्षी मोनार्किडे (Monarchidae) के परिवार से संबंधित हैं। 2015 तक, इंडियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर, बेलीथ पैराडाइज फ्लाईकैचर (Blyth's Paradise Flycatcher), और अमूर पैराडाइस फ्लाइकैचर (Amur Paradise Flycatcher) सभी को एशियाई पैराडाईज़ फ्लाईकैचर (Asian Paradise Flycatcher) कहा जाता था।

इसकी कुछ उप प्रजाती भी मौजूद हैं:
1 ) टी.पी. पैराडाईज़(T P Paradise)
2 ) हिमालियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर (Himalayan Paradise Flycatcher)
3 ) सीलोन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर (Ceylon Paradise Flycatcher)

यदि इसकी शारीरिक आकृति की बात करें, तो एक वयस्क इंडियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर लगभग 7.5–8.7 इंच लम्बा होता है, जबकि इसकी पूंछ 12 इंच तक लंबी होती है, जो इसे एक अद्भूत सौन्दर्य देती है। नर मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, एक के पंख चमकदार भूरे रंग के तथा दूसरे के धूलित सफेद रंग के होते हैं। कुछ के पंख और पूंछ किनारे का हिस्सा काला होता है। इनके गर्दन के ऊपर का हिस्सा काले रंग का होता है। मादा गले और पीठ के निचले हिस्से से चमकदार भूरे रंग की होती हैं, जिनके पंख और पूंछ अपेक्षाकृत छोटे होते हैं। इसका गला भूरे रंग का होता है तथा आंखों के चारों ओर नीला छल्ला बना होता है। युवा नर लगभग मादाओं के समान दिखते हैं, दूसरे या तीसरे वर्ष में उनकी पूंछ की आकृति बढ़ती है।

यह एक प्रवासी पक्षी है, जो सर्दियों के मौसम में उष्णकटिबंधीय एशिया में रहते हैं। दक्षिथण भारत तथा श्रीलंका में यह प्रजनन के लिए रहते हैं। यह पक्षी मुख्यत: घने जंगलों में ही निवास करते हैं। यह शोर गुल करने वाले पक्षी हैं, जो तीव्र ध्वनि उत्पन्न करते हैं। यह कीटभक्षी हैं, जो उड़ते-उड़ते ही शिकार कर लेते हैं। दोपहर में इन्हें पानी के छोटे कुंडों में स्नान करना अच्छा लगता है। इनका प्रजनन काल मई से जुलाई तक रहता है। सामाजिक रूप से यह एक ही जीवन साथी के साथ रहते हैं तथा नर और मादा एक साथ घोसलों का निर्माण करते हैं। मादा एक समय में 3-4 अण्डें देती है, जिन्हें 14 से 16 दिनों तक ऊष्मायित किया जाता है। जन्म के बाद 9 से 12 दिनों तक नवजात शिशुओं को घोंसलों में ही रखा जाता है। माता-पिता लगभग 21 से 23 दिनों तक चूजों को पालते हैं।

इन पक्षियों की घटती आबादी को देखते हुए इसे 2004 से अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (The International Union for Conservation of Nature (IUCN)) की रेड लिस्ट में खतरे की सूची में शामिल किया गया है। यदि अभी इनके संरक्षण के लिए कठोर कदम नहीं उठाए गये, तो ये भी विलुप्ति की कगार की ओर अग्रसर हो जाएंगे।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_paradise_flycatcher
http://natureconservation.in/description-of-asian-paradise-flycatcher-terpsiphone-paradisi/

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में इंडियन पैराडाइस फ्लाई कैचर (Indian Paradise Flycatcher, शाही बुलबुल) को दिखाया गया है। (Pngtree)
दूसरे चित्र में शाही बुलबुल का मनोरम दृश्य है। (Wikimedia)
तीसरे चित्र में हिमालियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर (Himalayan Paradise Flycatcher) को दिखाया गया है। (Freepik)
अंतिम चित्र में अपने परों को खोलकर उड़ान भरते हुए शाही बुलबुल को दिखाया गया है। (Pixels)

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id