स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में मेरठ उत्तर प्रदेश का प्रमुख केंद्र है। यहां बड़ी संख्या में शल्य चिकित्सक एक हफ्ते में 15 से 20 सर्जरी (Surgery) करते हैं। लेकिन रिमोट सर्जरी (Remote Surgery) ने चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े विश्वसनीय ढंग से समय, दूरी, सीमाएं जैसी बाधाओं को दरकिनार करते हुए एक समेतिकृत व्यवस्था बनाने की शुरुआत की है।
दुनिया में ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जिनमें कुशल शल्य चिकित्सक की बहुत कमी है, लेकिन टेली रोबोटिक ऑपरेशन (Tele Robotic Operation) ने इसका समाधान करने की कोशिश की है। एक न्यूरोसर्जिकल रोबोट (Neurosurgical Robot) मानव न्यूरो सर्जन (Neuro Surgeon) के मुकाबले 50 गुना तेज काम करता है। एक स्वायत्त रोबोट, जो मनुष्य के भीतर काम करता है, दिल को सही जगह रखता है; दंत विशेषज्ञ रोबोट मनुष्य के मुंह में दांत प्रत्यारोपित करता है और न्यूरोलिक रोबोट (Neurolic Robot) जल्दी ही शायद ढंग से मनुष्य के दिमाग में ऐसा उपकरण लगाएगा, जो उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) से जोड़ने में सहायता करेगा। भारत में एक सर्जन ने पहली बार रिमोट हार्ट सर्जरी (Remote Heart Surgery) के माध्यम से 20 मील दूर एक ऑपरेशन टेबल (Operation Table) पर लेटे मनुष्य की सर्जरी की। एक दिन ऐसा आएगा जब सर्जन आज के अस्पताल के मॉडल से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे; मरीज और ऑपरेशन थिएटर (Operation Theater) सब एक जगह पर केंद्रित हो जाएंगे। दुनिया में कहीं भी-किसी भी जगह पर मौजूद मरीज का ऑपरेशन कर सकेंगे, चाहे वहां प्रशिक्षित डॉक्टर का अभाव ही क्यों ना हो। अब जबकि रोबोटिक सर्जरी अच्छी तरह स्थापित हो चुकी है, ज्यादातर रोबोट को सर्जन, सर्जरी की जगह से नियंत्रित करते हैं ।
नई तकनीक का बजट
975 हजार डॉलर कीमत का ज़ीउस रोबोट सर्जिकल सिस्टम (Zeus Robotic Surgical System), डा विंची सर्जिकल सिस्टम (Da Vinci Surgical System) से महंगा है, जिसकी कीमत एक मिलियन डॉलर है। नई प्रक्रिया की सफलता और इसके विस्तार ने रोबोटिक टीम को कनाडा (Canada), हैमिल्टन (Hamilton), और ओंटारियो (Ontario) मे इसी पद्धति से सर्जरी करने का हौसला दिया।
कोविड-19 के दौर में सुरक्षित इलाज
रोबोटिक इंस्ट्रूमेंट (Robotic Instrument) की मदद से मरीज के इलाज को रोबोट-असिस्टेड सर्जरी (Robot-assisted Surgery (RAS)) कहते हैं। भारत में इसकी प्रमुख खासियत है-
भारत के पास 70 से ज्यादा रोबोट-असिस्टेड कंसोल्स (Robot-assisted Consols) हैं।
आर ए एस (RAS) दूरस्थ मरीज का इलाज बेहतर नेटवर्क जैसे 5G की मदद से कर सकते हैं।
सफदरजंग अस्पताल ने 2019 में आर ए एस सिस्टम अपने यहां लगवाया।
कोविड-19 महामारी के दौर में इस प्रक्रिया से सभी पक्ष ज्यादा सुरक्षित रहते हैं।
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में रिमोट (रोबोटिक) सर्जरी का संकेत चित्रण है। (Pickist)
दूसरे चित्र में रिमोट (रोबोटिक) सर्जरी का कलात्मक चित्रण है। (Freepik)
तीसरे चित्र में हॉस्पिटल में डॉक्टर और विभाग द्वारा रिमोट सर्जरी का चित्रण है। (Prarang)
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