भगवान गणेश को सम्मानपूर्वक याद करने का अवसर एक बार फिर गणेश उत्सव के रूप में संपूर्ण भारत को मिलने जा रहा है। लोग अपने प्रिय गणेश की घर में अगवानी की तैयारियों में लगे हैं। यद्यपि यह त्यौहार मुख्यतः भारत में बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है, इसे अन्य देशों में भी बड़े आदर और भारी भव्यता से लोग मनाते हैं। विदेशों में गणेश की लोकप्रियता का कारण भारत के अन्य पड़ोसी देशों से व्यवसायिक संबंध हैं, जिनके कारण दूसरी एशियाई संस्कृतियों में हिंदुत्व, बौद्ध और जैन धर्म का प्रसार हुआ। हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में गणेश सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। सभी अन्य धर्मों में भगवान गणेश की मान्यता उनकी सबसे अनोखी विशेषता है। खासतौर से तिब्बत, चीन, जापान और बहुत से दूसरे दक्षिण पूर्व एशिया के देश इसके उदाहरण हैं। दक्षिण पूर्व एशिया में पांचवी और छठी शताब्दी के गणेश के पुराने शिलालेख और प्रतिमाएं मिले हैं। प्रमुख ईश्वर के रूप में इनकी पूजा 7वीं शताब्दी से शुरू हुई। अलग-अलग देशों में गणेश की छवियों में भी भिन्नता है। कंबोडिया (Cambodia) में इनका चेहरा हाथी का ना हो करके मनुष्य का है। जापान में दो गणेश के गले मिलने का रूप ज्यादा लोकप्रिय है। यह प्रारूप चीन से जापान 8वीं शताब्दी में आया था।

विदेशों में गणेश उत्सव
गणेश चतुर्थी की सबसे बड़ी विशेषता है कि देश की सभी जाति और धर्म के लोग एक जैसे सम्मान के साथ इस पर्व में शामिल होते हैं। इस वर्ष यह 10 दिन का उत्सव 22 अगस्त से आरंभ हो रहा है। पुणे (Pune) में गणेश उत्सव शिवाजी(1630- 1680) के समय से मनाया जा रहा है, जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। लोगों के बीच सौहार्द बढ़ाने के लिए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसे सालाना घरेलू उत्सव के रूप में लोकप्रिय बनाया। महाराष्ट्र, तमिल नाडु, केरल और गोवा प्रमुख रूप से यह उत्सव मनाते हैं। विदेशों में बसे भारतीयों के जरिए यह उत्सव विदेश भी पहुंचा। अब गणेश चतुर्थी को अंतरराष्ट्रीय पर्व का दर्जा मिल चुका है। कनाडा (Canada), मॉरीशस (Mauritius), थाईलैंड (Thailand), सिंगापुर (Singapore), कंबोडिया (Cambodia), बर्मा (Burma), यूएसए (USA), यूके (UK) और फिजी (Fiji) में इस उत्सव की मान्यता इतनी ज्यादा है कि इस दिन वहां की सरकारों द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
प्रमुख देश
मॉरीशस

यहां की आबादी का 52% हिस्सा हिंदुओं का है। वे 1982 से यहां गणेश चतुर्थी मनाते आ रहे हैं। पहले दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। त्यौहार मंदिरों या घरों में मनाया जाता है। मिट्टी से बने हुए गणेश का सर्वत्र पूजन होता है। भक्त मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और पारंपरिक नृत्य में शामिल होते हैं।
कनाडा

राजधानी टोरंटो (Toronto) में बहुत से भारतीय परिवार रहते हैं, जो भारत से गणेश की मूर्ति को लेकर वहां गए हैं। सीमित साधनों में भारतीय समुदाय मिलजुलकर त्यौहार को भव्य बनाते हैं, आरती गाते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
यूएसए

यहाँ बहुत अधिक भारतीय समुदाय होने के कारण गणेश चतुर्थी काफी बड़े स्तर पर मनाई जाती है। मुंबई से मूर्तियां मंगाई जाती हैं और उत्सव 11 दिन तक जारी रहता है। सांस्कृतिक वातावरण में पूजा आरती संगीत एवं नृत्य का आयोजन होता है। हर साल लगभग 10,000 अतिथियों को यह पर्व आकर्षित करता है।
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
मुख्य शहर लंदन (London) में भगवान गणेश का भव्य स्वागत किया जाता है। 5000 से ज्यादा लोग इस उत्सव में शामिल होते हैं। गणेश मूर्ति की स्थापना लक्ष्मी नारायण मंदिर में होती है। उसके बाद भव्य आरती, पारंपरिक भोजन, नृत्य और फैंसी ड्रेस (Fancy Dress) प्रतियोगिता का आयोजन होता है। इसका समापन एक जुलूस यात्रा द्वारा शुरू होता है और थेम्स नदी (River Thames) में 4000 भक्त मूर्ति विसर्जन करते हैं।
इस प्रकार गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े उत्साह के साथ ज्ञान, सौभाग्य, समृद्धि और सभी विघ्नों को दूर करने वाले देवता की स्मृति में मनाया जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस प्रांत के हैं या फिर किस देश के निवासी हैं। भगवान गणेश के लिए प्रत्येक भारतीय के मन में अपार श्रद्धा भाव होता है।