डिजिटल कला का विकास

मेरठ

 18-08-2020 03:33 AM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

कला को एक अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में शुरू हुए हज़ारों साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन पिछले दशक में यह विधा प्रमुखता से सामने आई। कला माध्यम में डिजिटल तकनीक को रचनात्मक प्रक्रिया में शामिल करने को डिजिटल कला कहते हैं। भारत और विश्व में इस कला के जन्म और विकास का इतिहास बहुत दिलचस्प है। हर नए प्रयोग की तरह इसके भी कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। इसे चुनने में भी बहुत सावधानी की जरूरत होती है।


डिजिटल कला का विकास

अपने इस इतिहास में डिजिटल कला का प्रसार एनिमेशन (Animation) और डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) से होते हुए 3डी प्रिंटेड (3D Printed) मूर्तियों और वीडियो कला तक हो गया है। बहुत से लोग सोचते हैं कि डिजिटल कला केवल ग्राफिक डिजाइन (Graphic Design) तक सीमित है और इससे आगे उसका कोई भविष्य नहीं है। फिर भी, डिजिटल कला सालों से कायम है और इसकी परिभाषा नए विचारों से उसी तेजी से जुड़ती जा रही है, जिस तेजी से कलाकार इस विधा में आगे आ रहे हैं।


डिजिटल और कंप्यूटर (Computer) सन 1950 में प्रमुखता से लोकप्रिय हुए, जब इसके अग्रदूत ने ऑसिलोस्कोप (Oscilloscope) का प्रयोग किया। इसकी मदद से वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रिक करंट (Electric Current) से कंप्यूटर पर इलेक्ट्रिक वेव्स (Electric Waves) बनाने की प्रक्रिया खोज निकाली। 1965 में सोनी (Sony) ने पहला पोर्टेबल वीडियो कैमरा (Portable Video Camera) निकाला और यह सीधे कलाकारों के हाथों में चला गया। नाम जून पैक (Nam June Paik), एक कोरियन अमेरिकी कलाकार को वीडियो कला का जनक कहा जाता है। उन्होंने सबसे पहले सोनी के कैमरे का प्रयोग किया। वीडियो के बाद में पोर्टेबल वीडियो के रूप में रचनात्मक डिजिटल कलाकारों को अपनी कला के प्रयोग के लिए नए चैनल मिल गया।


पूरी 20वीं शताब्दी में डिजिटल कला के अग्रदूत नए माध्यमों की खोज के लिए प्रयोग करते रहे। तकनीकी विकास ने बीते सालों में डिजिटल कला की दुनिया को छलांग मारकर सीमाओं से परे बढ़ाया है। टेबलेट कंप्यूटर (Tablet Computer) के आविष्कार, टच स्क्रीन (Touch Screen), 3D प्रिंटर्स और अनेकानेक नई खोजों ने डिजिटल कलर से पेंटिंग और मूर्तिकला जन-जन तक पहुंचा दिया। हालांकि कुछ आलोचकों का मानना है कि जो कुछ रचनात्मक हो रहा है, सब कंप्यूटर की बदौलत हो रहा है, यह पूरी तरह से सच नहीं है। कंप्यूटर मात्र पेंसिल (Pencil) या पेंटब्रश (Paintbrush) की तरह का एक उपकरण है। इसलिए अपनी अनुभूति को अभिव्यक्त करने का कला एक महान साधन है, फिर चाहे माध्यम जो भी हो।

डिजिटल कला द्वारा सृजित वर्चुअल (Virtual) दुनिया


"मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा!" इस तरह का वाक्य लोग तब बोलते हैं, जब कोई बहुत ही हिला देने वाला दृश्य देख लेते हैं। समय-समय पर कलाकारों ने डिजिटल कला के क्षेत्र में वैज्ञानिकों की तरह रूपांतरण किए। इस प्रक्रिया में कलाकारों को वैज्ञानिकों के कला प्रेम की समझ भी स्पष्ट हुई।

डिजिटल कला में मौलिकता

क्या होता है मौलिक काम? ढेर सारा कलात्मक काम करने में क्या मौलिकता गायब हो जाती है? हमेशा बदलते रहने वाली डिजिटल दुनिया कला और कलाकार को प्रभावित करती है और डिजिटल विकास लोकप्रिय संस्कृति के मूल के कायांतरण का सृजन करता है।

वर्चुअल और वास्तविक दुनिया की लक्ष्मण रेखा

जापानी भाषा में प्रकृति को ऐसे तत्वों का जोड़ कहते हैं, जो हमारी रोजाना की जिंदगी का मंच सजाते हैं। यह पहले से मौजूद और कृत्रिम तत्वों का गठबंधन होता है। इसी प्रकार, कोई भी किसी भी परिदृश्य की कल्पना अपने अस्तित्व के संदर्भ में करता है। इसके बाद फिर से सोचे, हम प्रकृति को क्या समझते हैं और सूचना को क्या समझते हैं? यह सच्चाई एक नया परिदृश्य है, एक नया डाटास्केप(Datascape) ।


कोरोनावायरस और कला

अक्सर कलाकार की कला, उसके सामाजिक संबंधों पर आधारित होती है। हालांकि यह अकेले में संपन्न होती है, लेकिन इसकी खुराक दर्शकों से मिली प्रतिक्रियाओं पर भी आधारित होती है। कोविड-19 ने कलाकार और जनता के बीच दूरी बढ़ा दी है। आज हम अपने कला कर्म को मोबाइल पर या कंप्यूटर पर अकेले ही देखते हैं। लेकिन इस चुनौती भरे समय में भी हम कला को नई तकनीकों, खासकर प्रयोगात्मक, रियल टाइम (Real Time), ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality), और वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) रूप में देख सकते हैं। इस समय की चुनौतियों को कलाकारों ने भी नए रास्ते खोल कर स्वीकार किया है। कला को हमेशा सबसे बड़ा सहारा मानवीय संकल्पना से मिला है और हमारे चारों ओर इसके बहुत से उदाहरण मौजूद हैं।

सन्दर्भ:
https://hhsbroadcaster.com/4399/ane/the-rise-of-digital-art/
https://www.dailysabah.com/life/2016/04/30/the-rise-of-digital-art-a-virtual-mind-bending-world
https://www.quora.com/Does-graphic-design-have-a-good-scope-in-India
https://www.nationalheraldindia.com/national/art-in-the-times-of-the-coronavirus-pandemic

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में डिजिटल कला का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में सोनी द्वारा बाजार में उतारा गया पोर्टेबल वीडियो कैमरा (Portable Video Camera) चित्रित किया गया है। (Youtube)
तीसरे चित्र में डिजिटल कला के माध्यम से सृजित वर्चुअल (Virtual) दुनिया को दिखाया गया है। (Prarang)
चौथे चित्र में डिजिटल कला के माध्यम से तैयार किया गया सुन्दर चित्रण है। (Wikimedia)
पांचवें चित्र में वर्चुअल और वास्तविक दुनिया की लक्ष्मण रेखा के मध्य का अंतर स्पष्ट किया गया है। (Freepik)
छठे चित्र में डिजिटल कला के द्वारा तैयार वर्चुअल संसार दिखाया गया है। (Prarang)

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