ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया और न्यू गिनी (Australia, Tasmania and New Guinea) के मूल निवासी, तस्मानियन बाघ एक बड़ी संख्या में पाए जाते थे। यह बाघ देखने में मध्यम से बड़े आकार के कुत्ते जैसा दिखता था (यह लगभग 2 मीटर की लंबाई तथा 30 किलोग्राम वजन का होता था) लेकिन गाढ़े रंग की धारियों की वजह से यह बाघ जैसा दिखता है। ऐसा माना जाता है कि इसके विलुप्त होने का कारण इसका शिकार करना था - जिसे इनामों द्वारा प्रोत्साहित किया जाता था। इसके अलावा जंगल में मानव का अतिक्रमण और विभिन्न रोगों का फैलना भी इनके विलुप्त होने में योगदान दे सकता है। आखिरी जंगली तस्मानियाई बाघ 1910 और 1920 के बीच में मारा गया था तथा 1936 में होबार्ट चिड़ियाघर, तस्मानिया (Hobart Zoo, Tasmania) में अंतिम बाघ की मृत्यु हो गई।
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