ध्यान की अवस्था को संदर्भित करता है कायोत्सर्ग

मेरठ

 31-07-2020 06:06 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

मेरठ और इसके आस-पास आपको कई दर्शनीय स्थान देखने को मिल सकते हैं, जिनमें से श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर भी एक है। यह मंदिर हस्तिनापुर, उत्तर प्रदेश में स्थित एक जैन मंदिर परिसर है, जोकि यहां का सबसे पुराना मंदिर है और 16वें जैन तीर्थंकर श्री शांतिनाथ को समर्पित है। इस मंदिर को 1801 में बनाया गया था। श्री शांतिनाथ का जन्म हस्तिनापुर में इक्ष्वाकु वंश में हुआ तथा वे राजा विश्वसेन और रानी अचिरा के पुत्र थे। भारतीय कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ कृष्ण महीने के तेरहवें दिन हुआ था। जब वे 25 साल के थे तब उनको सिंहासन सौंपा गया किंतु बाद में वे एक जैन साधु बन गये और तपस्या करने लगे। जैन मान्यताओं के अनुसार, वह एक ऐसे सिद्ध, स्वतंत्र आत्मा बने, जिसने अपने सभी कर्मों को नष्ट कर दिया था। श्री शांतिनाथ को हिरण या मृग के साथ आमतौर पर बैठे या खड़े ध्यान मुद्रा में दर्शाया जाता है। हर तीर्थंकर के लिए एक विशिष्ट प्रतीक होता है, जिससे उपासक तीर्थंकरों की मूर्तियों की पहचान कर पाने में सक्षम हो पाता है। श्री शांतिनाथ के प्रतीक मृग को आमतौर पर उनके पैरों की ओर उत्कीर्णित किया जाता है। ऋषभनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ और महावीर के साथ, श्री शांतिनाथ उन पांच तीर्थंकरों में से एक हैं, जो जैन भक्तों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं। तीसरी शताब्दी ईस्वी में श्वेतांबर के प्रमुख आचार्य मणादेवसूरी द्वारा संकलित शांतिसत्व के अनुसार, श्री शांतिनाथ के मात्र पाठ से सभी बुरे भावों की समाप्ति हो जाती है, जीवन में शांति आती है और समस्याओं का निवारण होता है। शांतिसत्व को चार सबसे सुंदर लिखित छंदों में से एक माना जाता है।
श्री दिगंबर जैन मंदिर में शांतिनाथ की मूर्ति को पद्मासन मुद्रा में स्थापित किया गया है। इस परिसर का त्रिमूर्ति मंदिर 12वीं शताब्दी का पुराना मंदिर है, जहां केंद्र में श्री पार्श्वनाथ की मूर्ति, एक ओर श्री महावीर स्वामी की मूर्ति तथा दूसरी ओर श्री शांतिनाथ की मूर्ति कायोत्सर्ग मुद्रा में स्थापित है। कायोत्सर्ग एक योगिक आसन या मुद्रा है, जो जैन ध्यान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका शाब्दिक अर्थ ‘शरीर को सुविधा या आराम से अलग करना’ है। एक तीर्थंकर को या तो योग मुद्रा में बैठे दिखाया जाता है या फिर कायोत्सर्ग मुद्रा में खड़ा दिखाया जाता है। छवियों को अक्सर धातु से या तो संगमरमर से या फिर या अन्य उच्च पॉलिश (Polish) पत्थर से उकेरा जाता है। इस प्रकार या तो खड़े रहना या अन्य आसन में स्थिर रहना आत्मा के वास्तविक स्वरूप पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। इस मुद्रा में मूर्ति के पैरों के बीच चार अंगुल का अंतराल होता है।
शरीर को इस प्रकार से स्थिर किया जाता है कि दोनों भुजाएँ नीचे की ओर लटकती रहती हैं। समस्त अंगों की सक्रियता को समाप्त करके श्वास लेना या प्राणायाम करने पर कायोत्सर्ग मुद्रा बनती है। इस प्रकार से कायोत्सर्ग ध्यान की अवस्था को भी संदर्भित करता है। कायोत्सर्ग दिगंबर भिक्षु के 28 प्राथमिक गुणों तथा एक जैन तपस्वी के 6 मूल आवश्यकताओं में से एक है। कहा जाता है कि इस मुद्रा से जैन धर्म के तीर्थंकरों को मोक्ष प्राप्त होता है।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Digamber_Jain_Mandir_Hastinapur
https://en.wikipedia.org/wiki/Shantinatha
https://en.wikipedia.org/wiki/Kayotsarga
https://www.britannica.com/topic/kayotsarga

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में हस्तिनापुर के जैन मंदिर में सुशोभित श्री शांतिनाथ की प्रतिमा को दिखाया गया है। (Wikipedia)
दूसरे चित्र में कायांतरण के दौरान 12वीं शताब्दी से प्राप्त श्री शांतिनाथ जी की प्रतिमा दिखाई दे रही है। (Flickr)
अंतिम चित्र में श्री शांतिनाथ मंदिर को दिखाया गया है। (Flickr)

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id