विश्व की आबादी एक आश्चर्यजनक दर से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मनुष्य आबादी इसी गति से बढ़ती रही, तो हमें 2050 तक मानवता को बनाए रखने के लिए 50 प्रतिशत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी। साथ ही बढ़ती आबादी का मतलब है कि हमें अपने नवीकरणीय संसाधनों पर दबाव डालने के साथ-साथ अधिक भोजन, पानी और आश्रय की आवश्यकता होगी। वैश्विक ऊर्जा की मांग अगले दस से 20 वर्षों में पहाड़ी मैदानों में बढ़ सकती है, क्योंकि विश्व विद्युतीकरण, ऊर्जा दक्षता और अधिक सेवा-संचालित आर्थिक विकास पर केंद्रित है।
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में बढ़ती जनसंख्या और ऊर्जा संसाधनों के मध्य के सम्बन्ध को कलात्मक ढंग से पेश किया गया है। (Prarang)
दूसरे चित्र में बढ़ती हुई जनसँख्या का संकेत चित्र है। (Youtube)
अंतिम चित्र में ऊर्जा संसाधनों, बढ़ती जनसँख्या और वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों के संकेत चित्रण है।(Prarang)
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