क्या है, बुलियन में निवेश का अर्थशास्त्र

मेरठ

 29-06-2020 11:45 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

सोने चांदी के सिक्कों, गोल्ड बार (Gold Bar) सोने की छड़ या सोने की सिल्ली और संख्यात्मक सिक्कों का क्या फर्क है और क्या सोने चांदी के सिक्कों का व्यापार दीर्घकालीन निवेश के तौर पर चुना जा सकता है? ऐसे बहुत से दूसरे सवाल उस व्यक्ति के सामने होते हैं जो सुरक्षित निवेश करना चाहता है। निवेश का भी पूरा अर्थशास्त्र है जिसकी व्यूह रचना बहुत सोच समझकर करनी होती है। स्वयं भारत भी बुलियन बैंकिंग (Bullion Banking, बुलियन बैंकिंग के जरिए आम लोगों को गोल्ड के बदले लोन, इन्वेस्टमेंट और शेयर की तरह सोने की ट्रेडिंग शामिल है।) की सुदृढ़ शुरुआत की नींव तैयार कर चुका है।

निवेश से पहले जानें
अंक शास्त्र के सिक्के नियमित बुलियन सिक्कों से अलग होते हैं। बहुत से लोग जो सोने या चांदी में निवेश करना चाहते हैं, वे सोने चांदी के बुलियन सिक्के या गोल्ड बार (सोने की छड़ या सोने की सिल्ली) खरीदते हैं। अमेरिकन ईगल सिक्के (American Eagle Coin), कनाडा के मेपल लीफ सिक्के (Maple Leaf Coin) या ऑस्ट्रिया के फिल्हार्मोनिक सोने के सिक्के (Philharmonic Gold Coin) में बहुत थोड़ा अंतर होता है। सोने या चांदी का स्वाभाविक मूल्य वही रहता है इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनका रूप क्या है। फिर भी, जब आप दुर्लभ सोने या चांदी के सिक्कों में निवेश करते हैं, आपके निवेश का भी संख्यात्मक मूल्य होता है, जोकि बहुत बार सिक्के के कीमती धातु तत्व के अनुसार होती है।

क्या होता है, संख्यात्मक मूल्य?
मेर्रियम वेबस्टर (Merriam-Webster) के अनुसार, 'सिक्कों, कागज के नोट और तमगो (medals) का अध्ययन या उनका संग्रह करना और उसके अनुसार उनका मूल्यांकन करना’। संख्यात्मक सिक्के अनिवार्य रूप से दुर्लभ या कीमती सिक्के होते हैं जिनका बाहरी मूल्य प्रयुक्त धातु के आधार मूल्य से अधिक होता है। कभी-कभी वह ऐतिहासिक होने के कारण भी वे मूल्यवान होते हैं। सामान्य से अलग किस्म के कारण उनके विशेष अंक होते हैं। बहुत से कारणों की वजह से सिक्के का मूल्य बढ़ जाने से उसकी संख्यात्मक श्रेणी बदल जाती है, लेकिन ऐसा दुर्लभ और संग्रह योग्य सिक्कों के संदर्भ में होता है। न्यूमिस्मैटिक गारंटी कॉर्पोरेशन (Numismatic Guarranty Corporation, NGC) के अनुसार कुछ टकसाल राज्य (Mint State) जिनके दुर्लभ सिक्कों का न्यूमेरिकल/संख्यात्मक ग्रेड (Numerical Grade) 69 है, इनका अनुमानित विक्रय मूल्य (Selling Price) 6,85,000 डॉलर है। जिन सिक्कों का न्यूमेरिकल ग्रेड 60 - 70 के बीच हैं, उन्हें न्यूमिस्मैटिक गारंटी कॉर्पोरेशन टकसाल राज्य की श्रेणी में रखती है। जैसे-जैसे रेटिंग ऊपर जाती है उससे सिक्के के मूल्य में जबरदस्त अंतर आता है। उदाहरण के लिए संत गॉडेन्स डॉलर (Saint Gaudens Dollar) के 20 सोने के सिक्के की कीमत 62 ग्रेड पर 25,500 डॉलर, 65 ग्रेड पर 62,500 और 67 ग्रेड पर 1,80,000 होती है।

बाजार के रुख को समझना
ऐतिहासिक रूप से मूल्यवान धातुओं की पिछली कीमतों को देखें, आप पाएंगे कि ठोस बाजार संशोधनों के बाद मूल्य कम हो जाते हैं। जबकि सोने और चांदी के हाजिर मूल्य (Spot Price) का बहुत ज्यादा प्रभाव बुलियन सिक्कों पर पड़ता है। दुर्लभ सोने और चांदी के सिक्कों में यह ताकत होती है कि समय के साथ उनकी कीमत बढ़ती जाती है, कीमती धातु के मूल्य का बाजारों में ऊपर-नीचे जाने का प्रभाव इन पर नहीं पड़ता है। इनका मूल्य बाहरी तत्वों पर ज्यादा निर्भर करता है जैसे संग्रहकर्ता की मांग, दुर्लभता, नीलामी और खरीद-फरोख्त का समय आदि नियमित बाजारी दबावों को छोड़कर जो आमतौर पर सोने के भाव को प्रभावित करते हैं।

दुर्लभ सिक्कों में निवेश बहुत फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह भी हो सकता है कि आपका निवेश अपना मूल्य खो दे, तो यह समझना जरूरी है कि किसी भी निवेश की तरह इसमें भी कोई गारंटी नहीं है बजाय सोने चांदी के बुलियन सिक्के खरीदने के, पहले गहरा शोध करें और दुर्लभ सिक्कों के बाजार को समझें, खासतौर से जबकि हर सिक्का अलग होगा। यह बाजार बुलियन बाजार की तरह सहज नहीं होता, कभी-कभी इच्छुक खरीदार और विक्रेता का होना एक चुनौती होती है। फिर भी एक जानकार और दुर्लभ सिक्कों का विशेषज्ञ उस समय आपको सबसे फायदेमंद और सही निर्णय में सलाह दे सकता है जब आपको दुर्लभ सिक्का बेचना या खरीदना हो।

दुर्लभ सिक्के को बेचते या खरीदते समय आपको उसकी उस दिन की बाजारू कीमत पता होनी चाहिए, और इससे यह भी पता चलेगा कि भविष्य में बाजार किस तरह बदल सकता है। सामान्य कीमत पता करने के लिए सिक्कों संबंधी गाइड और सिक्कों संबंधी पत्रिकाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं। प्रमुख रेटिंग सेवाओं पर भी भरोसा किया जा सकता है जैसे की ngc और pcgs (Professional Coin Grading Service) इनसे विभिन्न सिक्कों के मूल्य को समझने में मदद मिलती है। एक विश्वासपात्र सिक्कों के डीलर को ढूंढना, जो दुर्लभ सिक्कों के बाजार को भलीभांति जानता हो, सबसे सही उपाय है यह तय करने का कि हम दुर्लभ सिक्का खरीदने या बेचने में बहुत ज्यादा कीमत ना दें और ना ही बहुत कम दाम ले।

लंबे समय के लिए निवेश
अगर आप सोने या चांदी के दुर्लभ सिक्के उनके संख्यात्मक मूल्य के लिए खरीदने जा रहे हैं, ऐसे में आपको अपनी खरीद के लिए चयन बहुत सोच समझ कर करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि आप दुर्लभ सोने, चांदी के सिक्कों का कीमती धातु व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाता (IRA)(Precious Metal Individual Retirement Account)(एक गोल्ड IRA, जिसे एक कीमती धातु IRA के रूप में भी जाना जाता है, एक विशेष प्रकार का व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाता है जो निवेशकों को योग्य सेवानिवृत्ति निवेश के रूप में भौतिक सोने के बुलियन या सिक्कों या अन्य अनुमोदित कीमती धातुओं को रखने की अनुमति देता है।) के अनुसार इस्तेमाल नहीं कर सकते।

बाजार में संख्यात्मक बुलियन सिक्कों को अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। यह आपके ऊपर है कि इसमें निवेश करें या नहीं। दुर्लभ सिक्कों में एक साथ निवेश भी हो सकता है। जब सोने का भाव कम हो तो आपको अच्छा सौदा मिल सकता है क्योंकि ऐसे समय पर ज्यादातर लोग अपना सोना देखना चाहते हैं। अगर आप लंबे समय तक निवेश जारी रखते हैं तो आप दुर्लभ और सोने-चांदी के बुलियन सिक्के एक साथ भविष्य में लाभ के लिए रख सकते हैं।

क्या है, सोने और चाँदी के बुलियन ?
बुलियन सोना या चांदी है जिसे आधिकारिक तौर पर कम से कम 99.5 प्रतिशत शुद्ध माना जाता है। बुलियन गोल्ड बार के रूप में होता है। यह एक कानूनी निविदा है जो केंद्रीय बैंकों द्वारा आरक्षित रखी जाती है या संस्थागत निवेशकों द्वारा उन पोर्टफोलियो पर मुद्रास्फीति के प्रभाव के खिलाफ बचाव के लिए उपयोग किया जाता है। केंद्रीय बैंक अपने बुलियन रिजर्व से बुलियन बैंकों को लगभग एक प्रतिशत की दर से सोना उधार देता है ताकि इससे धन जुटाने में मदद मिल सके। बुलियन बनाने के लिए, सोने को पहले खनन कंपनियों द्वारा ढूंढा जाना और सोने के अयस्क (ore), सोने और खनिज पत्थर के संयोजन के रूप में जमीन से हटाना होता है। रसायनों या बहुत ज्यादा गर्मी के प्रयोग द्वारा अयस्क से सोना अलग किया जाता है शुद्ध बुलियन को आंशिक बुलियन और बुलियन भी कहा जाता है। इसमें एक से ज्यादा प्रकार की धातुएं होती हैं। चांदी के बुलियन सिल्लियां या गोलाकार रूप में होती हैं। सभी चांदी के बुलियन सिक्के समान नहीं होते। इसे चांदी ईगल्स, कुकाबुरास, मेपल लीव्स और ब्रिटानिया के रूप में जाना जाता है। सिल्वर बार और सिल्वर राउंड सबसे सस्ते होते हैं।

सोने के सिक्के खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें?
स्थानीय सुनार के अलावा व्यक्ति सोने के सिक्के ऑनलाइन रिटेलर (Online Retailer), बैंक, द स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (The Stock Holding Corporation of India), एमएमटीसी (MMTC, सरकार द्वारा सोने और चांदी की बिक्री के लिए अधिकृत पब्लिक सेक्टर यूनिट) और कुछ गैर बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (Non-Banking Financial Companies) जैसे कि मुथूट ग्रुप।

अगर आप सोने के सिक्के खरीदते हैं या आप बैंक से इन्हें खरीदना चाहते हैं, तो अपने दिमाग में यह बात साफ रखें कि बैंक इन्हें वापस नहीं खरीदेगा क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का इस बारे में स्पष्ट आदेश है। आमतौर पर देखा जाता है कि एक सुनार से खरीदा सोना या जेवर दूसरे सुनार को बेचा जाता है तो उसके कम दाम मिलते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूसरा सुनार सिर्फ आपके सोने की कीमत लगाता है और इसे बनाने की कीमत, प्रशासनिक फीस और मुनाफे का मार्जिन नहीं जोड़ता जिनका भुगतान हम इसी सोने को पहली बार खरीदते समय पहले सुनार को करते हैं।

भारत और बुलियन बैंकिंग
वैश्विक बुलियन बैंकिंग उद्योग बहुत बड़ा और सफलतापूर्वक स्थापित है। इसका सालाना राजस्व 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (1.5 Billion US Dollar) है। बाजार अंतर्राष्ट्रीय बैंक और छोटे स्थानीय संस्थानों को बराबर से मान्यता देता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां स्थित है। सोने के बाजार में शामिल विश्व की प्रमुख बुलियन हब्स (Bullion Hubs) सिंगापुर (Singapore), शंघाई (Shanghai), लंदन (London) और न्यूयॉर्क (New York) में स्थित हैं। लंदन और न्यूयॉर्क के बुलियन व्यापार की लंबी कहानी है, लेकिन सिंगापुर और शंघाई बाजार लगभग पिछले 15 साल में इस क्षेत्र में उभरे हैं।

भारत का सोने का बाजार दुनिया के सबसे बड़े सोने के बाजारों में से एक है लेकिन इसमें संगठन, संरचना और विश्वास की कमी है। अब इसमें बड़े बदलाव के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। यह मजबूत बुलियन बैंकिंग उद्योग इसे सहारा और गति प्रदान कर सकता है। विश्वास को बढ़ावा, सशक्त नवोन्मेष (Strong Innovation) और विकास में वृद्धि इसमें नई जान फूंकने को तत्पर हैं। भारत में बुलियन बैंकिंग सुधारों को लागू करने का इससे अनुकूल समय और नहीं होगा। भारतीय गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज (Gold Spot Exchange) निकट भविष्य में जल्द ही शुरू होने जा रहा है। कमर्शियल बैंकों की इसमें हिस्सेदारी होगी जो अपने ग्राहकों को सारी सुविधाएं देंगे। यह रिपोर्ट बुलियन बैंक की वैश्विक स्तर पर दी जा रही सेवाओं की रूपरेखा पेश करती है। यह स्पष्ट करती है कि कैसे भारत आगामी वर्षों में संपन्न बुलियन बैंकिंग उद्योग का विकास करके अपनी व्यापक आर्थिक महत्वकांक्षाओं को सहारा देकर सोने को इस यात्रा में सहयोगी भूमिका अदा करने का मौका देगा। यह रिपोर्ट बैंक, स्टॉक एक्सचेंज, रिफाइनरस, वॉल्टिंग सर्विसेस और अंतरराष्ट्रीय रेगुलेटरस से गहरे विमर्श के बाद तैयार की गई है। भारत अपने सोने के बाजार और व्यापक अर्थव्यवस्था में मजबूत बुलियन बैंकिंग उद्योग के जरिए महत्वपूर्ण लाभ कमा सकता है।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में सोने के बार (Bar) और सिक्के दिखाए गए हैं जिन्हें बुलियन टर्म से सम्बोधित किया जाता हैं। (Prarang)
2. द्वितीय चित्र में भारत में उपलब्ध सोने के सिक्के दिखाये गए हैं। (Prarang)
3. तीसरे चित्र में अमेरिकन ईगल सिक्के (American Eagle Coin), कनाडा के मेपल लीफ सिक्के (Maple Leaf Coin) और ऑस्ट्रिया के फिल्हार्मोनिक सोने के सिक्के (Philharmonic Gold Coin) के चित्र को दिखाया गया है। (Prarang)
4. चौथे चित्र में दुर्लभ और बाज़ार में बहुमूल्य सिक्कों को दिखाया गया है। (Pexels)
5. पांचवे चित्र में पुराने और दुर्लभ सिक्कों को प्रदर्शित किया गया है। (picseql)
6. छटे चित्र में कलात्मक दृश्य के माध्यम से सिक्कों मूल्य और बढ़ती कीमत को प्रदर्शित किया गया है। (Prarang)
7. सातवें चित्र में बहुमूल्य सोने के बार और सिक्के दिखाए गए हैं। (Unsplash)
8. आठवें चित्र में सुनार की दूकान (Jewellery Store) से खरीदे जाने वाले स्वर्ण आभूषणों को दिखाया गया है। (Pixabay)
9. नौवें चित्र में सोने के बार और सिक्कों को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)

सन्दर्भ:
1. https://www.sbcgold.com/blog/bullion-vs-numismatic-coins-what-you-should-know-before-investing/
2. https://www.fincash.com/l/hi/basics/bullion
3. https://economictimes.indiatimes.com/wealth/spend/7-things-to-know-while-buying-gold-coins/articleshow/61036052.cms
4. https://www.gold.org/goldhub/research/need-bullion-banking-india

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