बहुत ही महत्वपूर्ण और दुर्लभ घटना है, आज का सूर्य ग्रहण

मेरठ

 21-06-2020 02:02 AM
जलवायु व ऋतु

आज होने वाला वार्षिक सूर्यग्रहण भारत में 2022 तक होने वाला अंतिम सूर्य ग्रहण होगा क्यूंकि पृथ्वी से दिखने वाले सौर ग्रहण इसलिए होते हैं क्योंकि चंद्रमा का कोणीय आकार पृथ्वी से लगभग उतना ही होता है, जैसा कि उनकी अलग-अलग दूरी और आकार के बावजूद सूर्य का होता है। अरबों वर्षों के अंतराल में चंद्रमा पृथ्वी से लगातार दूर होता जा रहा है। अंततः एक ऐसा समय आएगा जब ये दोनों कोणीय आकार एक दूसरे से मेल नहीं खायेंगें। सूर्य ग्रहण के अनुकूलन में चंद्रमा का आकार बहुत छोटा हो जाएगा क्यूंकि पृथ्वी और चन्द्रमा के मध्य की दुरी बढ़ जाएगी।

जब चंद्रमा अपने निकटतम बिंदु और सबसे बड़े सदृश्य पर होगा तब भी वह सूर्य के सबसे बड़े हिस्से को नहीं ढँक सकेगा, तो पृथ्वी से कुल घटित होने वाले सूर्यग्रहण की घटना काम हो जाएँगी। सौभाग्य से इस फेरबदल को होने में अभी बहुत लम्बा सफर बाकी है। ज्वार की परस्पर क्रिया के कारण, पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी प्रति वर्ष 3.8 सेंटीमीटर (1.5 इंच) बढ़ जाती है। इस गणना को लगभग तीन दशक पहले अपोलो चालक दलों के द्वारा चंद्रमा की सतह पर छोड़ी गयी लेजर बीम को परावर्तकों से उछाल कर मापा गया है। जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य सबसे दुरी होती है, तो हमारा तारा व्यास में 31 1/2 आर्कमिनटस (Arcminutes) दिखाई देता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के (भूसमीपक में) सबसे नजदीक होता है, तो इसका कोणीय आकार 33 1/2 होता है। जबकि सूर्यग्रहण की घटना में बदलाव के लिए 31 1/2 तक सिकुड़ने के लिए, चंद्रमा की परिधि की दूरी लगभग 23,000 किलोमीटर (14,000 मील) बढ़नी चाहिए। इस दुरी के लिए चन्द्रमा प्रति वर्ष 3.8 सेमी की दर से, 600 मिलियन से अधिक वर्षों का समय लेगा।

आइए इस तथ्य को देखते हुए भारत के अतीत के कुछ सम्पूर्ण सौर ग्रहणों याद करते हैं।

सन्दर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=eOvWioz4PoQ
2. https://www.youtube.com/watch?v=llnkzm-LuCc

RECENT POST

  • आइए देखें, विभिन्न खेलों के कुछ नाटकीय अंतिम क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     29-12-2024 09:21 AM


  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id