वायरस की अनोखी दुनिया में एरर कटस्ट्रोफी का दखल

मेरठ

 12-06-2020 12:30 PM
डीएनए

सार्स-कोव 2 (Sars-Cov 2), आर.एन.ए. वायरल की दर बदलाव की सहनशीलता की सीमा तक पहुंच गई है और इस घर में छोटी बड़ी बढ़ोतरी को म्यूटेशनल मेल्टडाउन (Mutational Meltdown) या एरर कटस्ट्रोफी (Error Catastrophe) के नाम से जाना जाता है। इसमें वायरल अनुकूलता अचानक गिर जाती है जिससे वायरल विलुप्तीकरण हो जाता है। एरर कटस्ट्रोफी से तात्पर्य है, अत्यधिक बदलावों के परिणाम स्वरूप एक जीव का विलुप्त हो जाना (अक्सर सूक्ष्मजीवों के संदर्भ में जैसे कि वायरस)।

एरर कटस्ट्रोफी की गणितीय प्रतिमानो में गणना की गई है और इसे अनुभव के आधार पर भी आंका गया है। पुनर्निर्माण के दौरान हर जीव की तरह वायरस भी गलतियां करते हैं या बदलाव करते हैं। इससे पैदा हुए परिवर्तन जैव विविधता बढ़ाते हैं और जीव के प्रतिरक्षा तंत्र को आगे होने वाले संक्रमण को पहचानने की शक्ति को प्रभावित करते हैं। पुनर्निर्माण के दौरान वायरस जितने ज्यादा बदलाव करता है, प्रतिरक्षा तंत्र उसको पहचानने में उतना ही ज्यादा चूकता है। हालांकि, अगर यह बहुत ज्यादा बदलाव करता है तो यह अपनी कुछ जैविक विशेषताएं खो देते हैं, यहां तक कि पुनर्निर्माण की अपनी क्षमता भी। यह आधार है कुछ एंटीवायरल दवाओं के निर्माण का जो कोविड-19 (Covid 19) के उपचार में प्रयुक्त होती हैं।

आणविक विकास के सिद्धांत में मौलिक रूप से एरर कटस्ट्रोफी का पहली बार जिक्र हुआ। इसके नाम का चलन विषाणुओं पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के बीच काफी चर्चा में रहता है। हाल ही में छपे एक शोध पत्र में यह सुझाव दिया गया कि रायबावीरीन (Ryebavirin), जोकि एक आम वायरल रोधी दवा है, इसके कारण पोलियो विषाणु एरर कटस्ट्रोफी मोड (Error Catastrophe Mode) में चला जाता है, जिसकी वजह से संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। इसी तरह के निष्कर्ष एड्स वायरस ( एचआईवी (HIV), फुट एंड माउथ डिजीज (fmdv) के बारे में भी निकाले गए। एरर कटस्ट्रोफी की एक स्पष्ट परिभाषा नहीं है बल्कि विवरणात्मक प्रकार की परिभाषा है।

चित्र सन्दर्भ:
1. कुछ दवा फ्लू वायरस को "एरर कटस्ट्रोफी" में मजबूर करती है। (Wikimedia)
2. दूसरे चित्र में एरर कटस्ट्रोफी के कारण नष्ट होता विषाणु। (Prarang)

सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Error_catastrophe
2. https://www.ft.com/content/de7df1ee-c566-4c79-9b3e-9b7d792d424c
3. https://www.pnas.org/content/99/21/13374
4. https://bmcevolbiol.biomedcentral.com/articles/10.1186/1471-2148-11-2

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id